Nagaur news: शहीद अर्जुन राम बसवाना का शहादत दिवस, पिता व भाई ने दी नम आंखों से श्रद्धांजलि
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Nagaur news: शहीद अर्जुन राम बसवाना का शहादत दिवस, पिता व भाई ने दी नम आंखों से श्रद्धांजलि

नागौर जिले के अर्जुनपुरा के लाल शहीद अर्जुन राम बसवाना के शहादत दिवस पर उनको याद किया गया ‌.

Nagaur news: शहीद अर्जुन राम बसवाना का शहादत दिवस, पिता व भाई ने दी नम आंखों से श्रद्धांजलि

Nagaur news: नागौर जिले के अर्जुनपुरा के लाल शहीद अर्जुन राम बसवाना के शहादत दिवस पर उनको याद किया गया ‌. इस दौरान उनके शहीद स्मारक पर बनी मूर्ति पर शहीद अर्जुनराम बसवाना के पिता चोखाराम बसवाना और शहीद के भाई पप्पूराम बसवाना सहित ग्रामीणों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और शहीद अर्जुनराम बसवाना अमर रहे के नारे लगाए . आपको बता दें की नागौर जिले के अर्जुनपुरा निवासी शहीद अर्जुनराम बसवाना 4 जाट रेजीमेंट में कश्मीर में तैनात थे.

शहीद अर्जुनराम बसवाना कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में कैप्टन सौरभ कालिया व अपने चार साथियों के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने गये थे मगर दुर्भाग्यवश पाकिस्तानी सैनिकों के हाथों पकड़े गये. लगभग पंद्रह दिन बाद इन सभी के क्षत विक्षत शवों को पाकिस्तान सरकार ने भारत को सौंपा. वहीं आज भी शहीद अर्जुनराम बसवाना को याद किया जा रहा है. इस दौरान आज शहीद के पिता चोखाराम बसवाना व भाई पप्पूराम बसवाना सहित ग्रामीणों ने नम आंखों से शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी .

शहीद अर्जुनराम का जन्म नागौर जिले के बूढ़ी ( अर्जुनपुरा) गांव में जाट चौधरी चोखाराम बसवाणा के यहां 5 अक्टूबर 1976 को भंवरी देवी की कोख से हुआ . इनके एकमात्र भाई पपूराम है. शहीद अर्जुन बसवाणा कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में कैप्टन सौरभ कालिया व अपने चार साथियोँ के साथ पाकिस्तानी घुसपेठियोँ को खदेड़ने गये थे मगर दुर्भाग्यवश पाकिस्तानी सैनिको के हाथोँ पकड़े गये . लगभग पँद्रह दिन बाद इन सभी के क्षत-विक्षत शवोँ को पाकिस्तान सरकार ने भारत को सौँपे.

शिक्षा व खेल गतिविधियां
इन्होनेँ अपनी प्राथमिक शिक्षा बूढ़ी गांव में, उच्च प्राथमिक शिक्षा सिणोद, सीनियर सैकण्डरी एवं प्रथम वर्ष कॉलेज की शिक्षा नागौर में प्राप्त की . शिक्षा प्राप्त करने के साथ ये कब्बडी एवं हॉकी के अच्छे खिलाड़ी रहे . इन्होँने राज्य स्तर पर अपने खेल का प्रर्दशन कर कई पुरूष्कार भी जीतने का गौरव प्राप्त किया . शरीर से हष्ट पुष्ट होने के कारण ये अच्छे पहलवान भी रहे . इन्होनेँ कई बार खरनाल के वीर तेजा व बसवाणी रामदेव मेलोँ में कुश्ती में भाग लेते हुए पुरुष्कार व सम्मान प्राप्त किये.

भारतीय सेना में चयन
अर्जुनराम आगे की शिक्षा ग्रहण करने के बजाय मातृभूमि की सेवा करने के लिए भारतीय थल सेना में चार जाट रेजीमेँट में 20 अक्टूबर 1996 में भर्ती हुए . सैनिक जीवन में बरेली के बाद 1998 में कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में सीमा सुरक्षा में लगे रहे . सेना में रहते इनके द्वारा खेलकूद में कब्बडी,हॉकी में भाग लेकर कई बार सम्मान प्राप्त किये.

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