वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय का खेल, 30 लाख छात्रों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा
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वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय का खेल, 30 लाख छात्रों के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा

कोटा का वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय सवालों के घेरे में है. वजह यहां 30 लाख से ज्यादा छात्रों के डाटा को निजी हाथों में देने या कहे बेचने की तैयारी चल रही है.

वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय

Kota: कोटा का वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय सवालों के घेरे में है. वजह यहां 30 लाख से ज्यादा छात्रों के डाटा को निजी हाथों में देने या कहे बेचने की तैयारी चल रही है. इस डाटा में छात्रों के नाम उनके मोबाइल नंबर उनके घर का पता आधार कार्ड समेत बैंक खातों से जुड़ी पूरी जानकारी और पढ़ाई से जुड़ी ऐसी गोपनीय जानकारियां शामिल है. 

वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के छात्रों का डाटा लीक होने की भनक लगते ही राजभवन तक हड़कंप मचा हुआ है. राजभवन तक जब मामला पहुंचा तो रजिस्ट्रार ने छात्रों से जुड़ी कोई भी जानकारी अगले आदेश तक निजी हाथों में देने पर रोक लगा दी है. अभी तक कितने छात्रों का डाटा निजी हाथों में सौंप दिया गया है, इस मामले में भी विश्वविद्यालय प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है.

 
क्या है साजिश और पूरा खेल
VMOU की स्थापना सन 1987 में हुई थी यानी करीब 35 साल में 30 लाख से ज्यादा छात्रा यहां अब तक अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके है. देशभर में वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के छात्र है और अब उन सबका डाटा निजी हाथों में सौंपने की वजह अब तक स्पष्ट नहीं है. विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने ही सवाल उठाने शुरू किए तो प्रोफेसर भी अरुण कुमार ने एक और कार्यालय आदेश निकाल कर उसमें कुलपति प्रोफेसर रतन लाल गोदारा का हवाला देते हुए लिखा कि यह सारा काम उनकी स्वीकृति से किया गया है जबकि सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों ने डाटा तैयार करना भी शुरू कर दिया है लेकिन एलुमनाई एसोसिएशन के नाम पर डाटा ले रहे अरुण त्यागी नाम के शख्स ने इसकी वैधता पर सवाल खड़ा करते हुए कुछ छात्रों को रैंडमली फोन कर डेटा वेरीफाई करने का दबाव डाला. विश्वविद्यालय कर्मचारियों ने जब उन्हें फोन किया तो छात्रों को गड़बड़ी की आशंका हुई और कुछ नहीं 24 विद्यालय आकर जानकारी जुटाई तो पूरे खेल का पर्दाफाश हो गया.
 
राजभवन तक पहुंचा मामला, लगाई फटकार
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के लाखों छात्रों की निजी जानकारी लीक होने की भनक लगते ही हाडोत संयुक्त छात्र मोर्चा के संयोजक नागेंद्र सिंह राणावत ने कुलाधिपति कलराज मिश्र को शिकायत मेल के जरिए भेजी. राजभवन बिजी शिकायत में राणावत ने लिखा कि कुलपति प्रोफेसर रतन लाल गोदारा का कार्यकाल सिर्फ 65 दिन का बचा. इस शिकायत में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के कुलपति पर घोटालों को अंजाम देने का आरोप भी लगाया गया. इस पत्र में हवाला दिया गया कि सीखो और कमाओं योजना में 8 करोड़ के घोटाले के आरोप में राजभवन मुख्यमंत्री और ऐसी भी जांच कर रहे हैं. इसके बावजूद अब वह खुले बाजार में डाटा बेचने और डाटा माइनिंग करने वाले लोगों के साथ मिलकर वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के लाखों छात्रों की अति संवेदनशील गोपनीय जानकारी बेचने की कोशिश कर रहे हैं. किसी भी विद्यार्थी के बैंक खाते आधार कार्ड और फोन नंबर जैसी जानकारियां साइबर अपराधियों के हाथों में लग गई तो छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा.
 
Reporter: Himanshu Mittal
 
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