रामगंजमंडी में नियमों को ताक पर रखकर चल रहा शराब माफियाओं का कारोबार, कब होगी कार्रवाई?
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रामगंजमंडी में नियमों को ताक पर रखकर चल रहा शराब माफियाओं का कारोबार, कब होगी कार्रवाई?

आबकारी नियमों के अनुसार, सरकार द्वारा स्वीकृत अनुज्ञापत्र धारी ही शराब का विक्रय कर सकता है ,लेकिन ऐसे कितने ही ठेके है जहां अनुज्ञापत्र किसी और के नाम है और उसे चला कोई और रहा है ,क्या ये भ्रष्टाचार नहीं ?

आबकारी नियमों की सरे आम धज्जियां उड़ाई जाती है.

Ramganj Mandi:  विभाग चाहे कोई सा भी रहे. शासन चाहे राज्य का हो या केंद्र सरकार का लेकिन ये तो सत्य ही है ना कि प्रत्येक विभाग के अंतर्गत होने वाली सामाजिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए संबंधित शासन द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं, लेकिन धरातल पर स्पष्ट नजर आता है कि नियमों की सरे आम धज्जियां उड़ाई जाती है. 

सवाल ये उठता है कि आखिर नियमों का पालन करवाने का दायित्व किसका है, जवाब भी स्पष्ट है कि शासन द्वारा इनके लिए कर्मचारी,अधिकारी नियुक्त किये हुए है तब दूसरा सवाल ये उठता है कि क्या नियुक्त किए गए कर्मचारी और अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से कर रहे है, इसका जवाब भी स्पष्ट नहीं है. 

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क्या है आबकारी नियम                                                                                  
आबकारी नियमों के अनुसार, सरकार द्वारा स्वीकृत अनुज्ञापत्र धारी ही शराब का विक्रय कर सकता है ,लेकिन ऐसे कितने ही ठेके है जहां अनुज्ञापत्र किसी और के नाम है और उसे चला कोई और रहा है ,क्या ये भ्रष्टाचार नहीं ? नियमों के अनुसार, अनुज्ञापत्र धारी को अपनी दुकान पर अपने अनुज्ञापत्र का पूरा विवरण प्रदर्शित करना होता है, लेकिन क्या सभी जगह ऐसा हो रहा है ? 

शायद नहीं तो क्या ये भ्रष्ट आचरण नहीं ? नियम कहते है कि दुकान वही संचालित होगी जहां का विवरण आवेदन पत्र में दिया गया है. इसके अतिरिक्त कही नहीं ,लेकिन वास्तव में तो ऐसा हो नहीं रहा. अनुज्ञापत्र एक होता है और उसकी आड़ में कई ब्रांच से शराब बेचीं जाती है, तो क्या ये भ्रष्ट आचरण नहीं ? 

नियम ये भी कहते है कि शराब की विभिन्न किस्मो की रेट लिस्ट दुकान के बाहर चस्पा की जाएगी और उससे अधिक मूल्य पर शराब नहीं बेचीं जाएगी, लेकिन ऐसा हो तो नहीं रहा ,तो क्या ये भ्रष्ट आचरण नहीं ? 

प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि रात्रि 8 बजे के बाद किसी भी कीमत पर शराब की बिक्री नहीं होगी और यदि ऐसा कही होता पाया गया तो उसके लिए संबंधित क्षेत्र का थानाधिकारी जिम्मेदार होगा. पूरे उपखंड में रात 8 बजे के बाद शराब की बिक्री होती है ,लेकिन क्या आज तक किसी थानाधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई हुई ? 

आबकारी नियम कहते है कि अनुज्ञापत्रधारी अपनी दुकान से केवल शराब की बिक्री करेगा ,खरीददार को वही बैठकर पीने का स्थान उपलब्ध नहीं करवाएगा लेकिन कभी दौरा करिए रामगंजमंडी उपखंड आपको पीने के लिए पूरी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, तो क्या ये भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में नहीं आता और इन सभी का एक ही जवाब निकल कर आता है कि जिन पर नियमों का पालन करने और करवाने की जिम्मेदारी है, वो यदि नियमों की धज्जियां उड़ाते है, तो उनका ऐसा आचरण भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में नहीं आता.     

 

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