कोटाः घोड़ी पर सवार होकर मंडप पहुंची दुल्हन, दूल्हे ने गोद में लेकर लिए सात फेरे, देखें वीडियो
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कोटाः घोड़ी पर सवार होकर मंडप पहुंची दुल्हन, दूल्हे ने गोद में लेकर लिए सात फेरे, देखें वीडियो

कोटा में गुरुवार को एक अनोखी शादी हुई। इसमें दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के द्वार पहुंची. सास ने उसे माला पहनाकर रस्म अदा की.

कोटाः घोड़ी पर सवार होकर मंडप पहुंची दुल्हन, दूल्हे ने गोद में लेकर लिए सात फेरे, देखें वीडियो

Kota News: कोटा शहर के दानबाड़ी में शुक्रवार को एक शादी में समाज को लेकर एक अनोखी मिसाल पेश की. लोग इस शादीशुदा जोड़े की जमकर तारीफे भी कर रहे है. कोटा में हुई इस अनोखी  शादी में बड़े ही दिलचस्प अंदाज में महिला सशक्तिकरण की मिसाल एक बेहद अलग ही अंदाज में पेश की गई. 

इस शादी में दुल्हन जब घोड़ी पर सवार मंडप पर पहुंची तो सास ने उसे माला पहनाने की रस्म अदा की.उसके बाद दूल्हे ने बाकायदा दुल्हन को गोद अपनी में उठाया और बाद में अग्नि के सात फेरे लिए..दूल्हे-  दुल्हन के साथ साथ इस शादी में समधी - समधन के  भी जोड़ों के फेरे हुए.

 

 बता दें कि  यह खास तरह का रिवाज ब्राह्मण समाज की एक खास खाप श्रीमाली ब्राह्मण समाज की शादी में निभाया जाता हैं. जिसमें बकायदा बेटी को दुल्हन बनने के बाद  उसे घोड़ी पर भी बिठाया जाता है,जो आमतौर पर शादी में दूल्हा बैठकर आता है. 

दरअसल, कोटा के दादाबाड़ी के  आयुर्वेद सर्जन डॉ.दीक्षा त्रिवेदी और जोधपुर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रतीक दवे की शादी गुरुवार को हुई. दूल्हा पक्ष दोपहर में कोटा पहुंचा. इसके बाद सगाई की रस्म निभाई गई. दुल्हन घोड़ी पर सवार होकर दूल्हे के घर पहुंची. दूल्हे पक्ष की महिलाओं ने दुल्हन को माला पहनाकर उसका स्वागत किया. एक तरह से यह मुंह दिखाई थी. दुल्हन का आदर सत्कार किया गया. घोड़ी की पूजा की गई. इसके बाद दुल्हन को माला पहनाकर उसे लहंगा दिया गया. तिलक निकाला गया.

गौरतलब है कि श्रीमाली ब्राहमण के विषय में ऐसा माना जाता है कि उनकी उत्पत्ति भारतीय राज्य राजस्थान के जालौर जिले के श्रीमाल (वर्तमान में भीनमाल) में हुई है.

 

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