मां-बाप से बिछड़े, ओम को है बजरंगी भाईजान का इंतजार, महज तस्वीरों में कैद है घर की याद
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मां-बाप से बिछड़े, ओम को है बजरंगी भाईजान का इंतजार, महज तस्वीरों में कैद है घर की याद

जब बच्चे के परिजनों का पता लगाने के लिए ओम को कंप्यूटर पर कुछ स्थानों की तस्वीरें दिखाई गई तब इसने ओसियां की तस्वीरों को पहचान लिया.

ओसियां रेलवे स्टेशन पर ओम

Osian: राजस्थान के जोधपुर के ओसियां रेलवे स्टेशन पर 7 नवम्बर 2017 को मिले मूक बधिर बच्चे ओम के परिजनों का पता लगाने के लिए ओसियां रेडी संस्थान द्वारा संचालित लक्ष्य बाल पुनर्वास केंद्र ओसियां और बाल कल्याण समिति जोधपुर के साथ ही किशोर गृह जोधपुर के कोशिश में जुटा है. 

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2017 में लावारिस अवस्था में ओसियां रेलवे स्टेशन पर मिले इस बच्चे की उम्र उस समय 7 वर्ष थी. बच्चे के परिजनों का पता लगाने की बहुत कोशिश की गई थी. मगर बोलने और सुनने में असमर्थ होने के चलते सफलता नहीं मिली थी. तब बच्चे को बाल कल्याण समिति जोधपुर के समक्ष पेश किया गया. जहां से बच्चे को किशोर गृह भेज दिया गया और इसे पहचान के लिए ओम नाम दिया गया.

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लक्ष्य बाल पुनर्वास केंद्र के संस्थापक रवि प्रकाश ने बताया कि वर्तमान में यह बालक नेत्रहीन विकास संस्थान कमला नेहरू नगर जोधपुर में रहता है. जब बच्चे के परिजनों का पता लगाने के लिए ओम को कंप्यूटर पर कुछ स्थानों की तस्वीरें दिखाई गई तब इसने ओसियां की तस्वीरों को पहचान लिया. तब संभावनाओं को देखते हुए बच्चे को रविवार को ओसियां लाया गया और संभावित स्थानों पर घुमाने पर बालक ने ओसियां रेलवे स्टेशन को पहचानते हुए अपनी संकेतों की भाषा में बताया कि वो जैसलमेर की तरफ से आने वाली वाली सवारी गाड़ी से ओसियां में उतरा था और यहां पर उसने रात गुजारी थी. इसके साथ कुछ और भी संकेत मिले हैं जिससे ओम के परिजनों को तलाशने की मुहिम तेज की जाएगी ताकि बच्चे को उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके.

बच्चे को परिजनों तक पहुंचाने के लिए लक्ष्य बाल पुनर्वास केंद्र बाल कल्याण समिति जोधपुर का सहयोग करेगी. इस टीम में किशोर गृह जोधपुर के मुकेश कुमार, रोहित गहलोत, लक्ष्य बाल पुनर्वास केंद्र के महेंद्र चिनिया, सौरभ सिसोदिया, करणनाथ, आसाराम, नेत्रहीन विकास संस्थान के राजकुमार, विशेष शिक्षक यादव शामिल थे. माताजी मंदिर के ओम प्रकाश शर्मा और रेलवे स्टेशन ओसियां की कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा है.

रिपोर्टर-अरुण हर्ष

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