बुड़किया में शहीद भूपेन्द्र के नाम से होगा विद्यालय का नामकरण, शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी
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बुड़किया में शहीद भूपेन्द्र के नाम से होगा विद्यालय का नामकरण, शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी

पंचायत समिति क्षेत्र के बुड़किया गांव में एक शहीद के बुजुर्ग पिता द्वारा पिछले 10 साल से अपने शहीद बेटे के नाम पर गांव के सरकारी विद्यालय का नामकरण करवाकर शहीद की शहादत की निशानियों को अमर करवाने के लिए किए जा रहे प्रयास आखिरकार कामयाब हो गए हैं और अब जाकर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग एवं शिक

बुड़किया में शहीद भूपेन्द्र के नाम से होगा विद्यालय का नामकरण, शिक्षा विभाग ने दी मंजूरी

जोधपुर: पंचायत समिति क्षेत्र के बुड़किया गांव में एक शहीद के बुजुर्ग पिता द्वारा पिछले 10 साल से अपने शहीद बेटे के नाम पर गांव के सरकारी विद्यालय का नामकरण करवाकर शहीद की शहादत की निशानियों को अमर करवाने के लिए किए जा रहे प्रयास आखिरकार कामयाब हो गए हैं और अब जाकर राज्य सरकार के शिक्षा विभाग एवं शिक्षा निदेशालय ने गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का नामकरण शहीद भूपेन्द्र के नाम पर करने का आदेश जारी किया है.

शहीद के पिता द्वारा इसके लिए किए गए संघर्ष में भोपालगढ़ निवासी शिक्षक नेता कालूराम मेहरा ने भी अपना साथ दिया और तब कहीं जाकर विभाग ने विद्यालय का नामकरण शहीद भूपेन्द्र कालीराणा के नाम से ''शहीद भूपेन्द्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बुड़किया'' करने के आदेश जारी किए हैं. जिस पर गांव के युवाओं ने शहीद के पिता को बधाई देने के साथ ही लोगों का मुंह भी मीठा करवाया. ज्ञात रहे कि भोपालगढ़ क्षेत्र के बुड़किया निवासी भारतीय सेना के जवान भूपेन्द्र कालीराणा 13 नवम्बर 2012 को ठीक दीपावली के दिन श्रीनगर के नौगांव सेक्टर में दुश्मनों से संघर्ष करते हुए मादरे-वतन के लिए शहीद हो गए थे.

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10 साल बाद शहीद के नाम पर होगा स्कूल का नामाकरण

राज्य सरकार के नियमानुसार शहीदों के नाम से सरकारी विद्यालयों के नामकरण किए जाने का प्रावधान है. लेकिन बुड़किया गांव के सरकारी विद्यालय के नाम के आगे 10 बरस बीत जाने के बावजूद भी शहीद भूपेन्द्र कालीराणा का नाम नहीं जुड़ पाया. इसके लिए शहीद के 80 वर्षीय बुजुर्ग पिता डांवरराम कालीराणा पिछले करीब दस बरसों से विद्यालय नामकरण की फाइल लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते रहे, लेकिन कोई एक्शन नहीं हो पाया. वहीं इसको लेकर तत्कालीन राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी व पाली सांसद बद्रीराम जाखड़ से लेकर वर्तमान विधायक पुखराज गर्ग ,प्रधान शांति राजेश जाखड़ ,सरपंच गुड्डी देवी सियाग तक कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शहीद के नामकरण को लेकर प्रयास करते रहे.

इनके साथ-साथ शहीद के मित्र रहे राजस्थान शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री भोपालगढ़ के शिक्षक कालूराम मेहरा ने भी बुड़किया स्कूल का नामकरण शहीद भूपेन्द्र के नाम पर करवाने का बीड़ा उठाया. जिसको लेकर मेहरा ने मई 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी देवाराम सैनी एवं वर्ष 2018 में विशेषाधिकारी जुगलकिशोर मीणा से बार-बार मिलकर इस संबंध में बात की और इन विशेषाधिकारियों ने इस फाइल को आगे बढ़ाया.

अधिकारी महिपाल भारद्वाज ने इसे गंभीरता से लिया

इस बीच कुछ समय पहले फिर मेहरा के पत्र पर मुख्यमंत्री के नए विशेषाधिकारी महिपाल भारद्वाज ने इसे गंभीरता से लिया और सैनिक कल्याण विभाग के प्रमुख शासन सचिव तथा माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के निदेशक को आवश्यक कार्य के लिए निर्देशित किया. जिस पर शिक्षा ग्रुप-6 के उप शासन सचिव सलीम खान ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर इस संबंध में अब तक हुई कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट मांगी और आवश्यक कार्यवाही के लिए भी कहा. जिसके बाद आखिरकार अगस्त 2022 में माध्यमिक शिक्षा बीकानेर के निदेशक गौरव अग्रवाल ने शासन उप सचिव शिक्षा (ग्रुप -6) को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बुड़किया का नामकरण ''शहीद भूपेंद्र राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बुड़किया'' करने की अनुशंषा कर दी और हाल ही में विभाग द्वारा स्कूल का नामकरण भी कर दिया गया.

सच हुआ बुजुर्ग पिता का सपना
इस संबंध में शहीद के बुजर्ग पिता डांवरराम कालीराणा का कहना है, कि बुड़किया गांव के राउमावि का नामकरण मेरे शहीद बेटे भूपेन्द्र के नाम पर करवाने का मेरा सपना आखिरकार पूरा हो गया है. इस कार्य में सहयोग के लिए गांव के लोगों, सभी जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ ही मेरे बेटे के दोस्त शिक्षक कालूराम मेहरा ने भरसक सहयोग किया है और इन सभी का धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. वहीं इस दौरान गांव के युवाओं ने शहीद के पिता का स्वागत करते हुए मुंह मीठा करवाकर बधाई भी दी. वहीं दूसरी ओर शहीद के दोस्त रहे शिक्षक कालूराम मेहरा का कहना है, कि उन्होंने यह प्रण लिया था कि बुड़किया स्कूल का नाम शहीद के नाम पर होने के बाद ही वे शहीद की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाएंगें और उनका यह प्रण पूरा हुआ.

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