राष्ट्रीय बागवानी योजना के तहत कृषि एवं उद्यान विभाग की सामुदायिक फार्म पौण्ड योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. वर्षा जल संचय के साथ ही इस योजना से किसान रबी खरीफ की फसल में अच्छी आमदनी कर रहे है.
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Jodhpur: राष्ट्रीय बागवानी योजना के तहत कृषि एवं उद्यान विभाग की सामुदायिक फार्म पौण्ड योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. वर्षा जल संचय के साथ ही इस योजना से किसान रबी खरीफ की फसल में अच्छी आमदनी कर रहे है. इसके साथ ही घटते भूजल स्तर और पानी की गुणवत्ता के कारण किसानों की जमीन भी खराब होने से बच रही हैं. वहीं, इस योजना में राष्ट्रीय बागवानी योजना में किसानों को सबसिडी भी मिल रही हैं.
राईयनगर बोयल के किसान जाकिर हुसैन के खेत से वर्षा का पानी खेतों से बहकर कहा ओर चला जाता था. इसे लेकर उन्होंने सहायक कृषि अधिकारी उद्यान से वर्षा जल संचय योजना और बागवानी खेती की जनाकारी हासिल की. इसके बाद इस योजना के अंतर्गत सामुदायिक फार्म पौण्ड के बारे में जनकारी के बाद उसने निर्णय किया की बरसात का पानी बेकार नहीं जाए.
खेत में किस प्रकार से इसे संचय करे तो फार्म पौण्ड योजना उपयोगी साबित हो . बरसात का जल अपने खेतो में ही रोक कर उस जल का सिचांई के लिए सदुपयोग कर खेती उत्पादन का लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं. इसके लिए उसने उद्यान विभाग में सामुदायिक फार्म पौण्ड के लिए आवेदन किया. पत्रावली पारित की सूचना मिलने पर सामुदायिक पौण्ड का निर्माण कराया. समय पर अनुदान का भी लाभ मिला. पिछले साल बरसात की कमी से फार्म पौण्ड में जल आंवक कम रही उसके बावजूद भी 25 बीघा में रबी फसल का उत्पादन हुआ. लेकिन इस बार समय पर अच्छी बरसात होने से फार्म पौण्ड लबालब भर गया.
खरीफ की फसलों के साथ-साथ रबी फसलों में भी सिचांई जल का बेतररीन उपयोग से लाभ होगा. बरसात के पानी को संचय के लिए सामुदायिक फार्म पौण्ड योजना लिए उपयोगी साबित हो रही है. अनुमानित 70 बीघा मे रबी फसलों को फव्वारा विधि से सिचांई की जा सकेगी.सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि खेतों में बरसात का पानी खेतों में भराव से खरीफ की फसल में नुकसान होता था.
वही पानी खेतों में बहकर बेकार भी चला जाता था.आज उस पानी को निर्मित सामुदायिक फार्म पौण्ड में संचय करने का लाभ हो रहा है.खेतों में व्यर्थ बरसात पानी बहकर अन्यत्र चला जाता उसको खेत में रोककर उसका कुशलतम सदुपयोग किया जा रहा है.
वर्षा जल संचय के लिए उपयोगी है सामुदायिक फार्म पौण्ड व खेत तलाई योजना.बरसात का जल खेतों से बहकर अन्यत्र व्यर्थ बहकर चला जाता है.इन योजनाओं में लाभान्वित होकर वर्षा जल का फार्म पौण्ड में संचय कर खेतीं सिचांई में कुशलतम उपयोग किया जा सकता है. जहां सामुदायिक फार्म पौण्ड अथवा खेत तलाई निर्मित है. वहां वर्षा जल की आंवक इस बार अच्छी है.
इस जल खेतीं में सिचांई का फायदा होगा. वैसे ही भूमिगत जल गहराई मे जाना-जल बचत के लिए वर्षा जल की बचत आज की आवश्यकता है. अधिक से अधिक खेत तलाई व सामुदायिक फार्म पौण्ड को प्राथमिकता देनी चाहिए.इन योजनाओं पर कृषि एवं उद्यान विभाग से अनुदान भी मिलता है.
Reporter: Bhawani Bhati
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