महंगाई से बेहाल पशुपालक, पानी-बिजली और चारे की हो रही भारी दिक्कत
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महंगाई से बेहाल पशुपालक, पानी-बिजली और चारे की हो रही भारी दिक्कत

एक और चारा उपलब्ध नहीं हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पशुओं का चारे का दाम भी आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल-डीजल में बेतहाशा वृद्धि होने से पशु पालकों के लिए महंगाई बड़ी चुनौती बन गई है.

महंगाई से बेहाल पशुपालक, पानी-बिजली और चारे की हो रही भारी दिक्कत

Sursagar: एक और चारा उपलब्ध नहीं हो रहा है, वहीं दूसरी ओर पशुओं का चारे का दाम भी आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल-डीजल में बेतहाशा वृद्धि होने से पशु पालकों के लिए महंगाई बड़ी चुनौती बन गई है. पशुपालकों के अनुसार पड़ोस के राज्यों से राजस्थान में चारा सप्लाई होता था, लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई वृद्धि के बाद चारे के ट्रांसपोर्ट मूल्य में वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर पशुपालकों पर हो रहा है. वहीं एमपी, यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र पंजाब से आने वाले चारे की आपूर्ति भी बंद हो गई है. इसे लेकर पशुपालकों की परेशानी बढ़ रही है. 

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पशु पालक गौरीशंकर बोराणा ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के कारण दाम में बढ़ोतरी तो वह सहन कर लेंगे, लेकिन चारा ही नहीं मिलना सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है. पहले गुजरात, मध्य प्रदेश, यूपी, पंजाब, महाराष्ट्र से कम दरों पर चारा उपलब्ध हो जाता था, लेकिन अब दोगुने दाम होने के बाद कई राज्यों से तो चारा भी नहीं मिल पा रहा है. यहां तक कि मध्यप्रदेश में तो प्रशासन ने चारे की निकासी पर रोक लगा दी है, जिसके कारण अब राजस्थान में और विशेष तौर से पश्चिमी राजस्थान में चारे की भयंकर किल्लत हो गई है. 

ऐसे में राज्य सरकार अकाल राहत के तहत चारा डिपो खोले तो पशु पालकों को राहत मिले. गौरी शंकर का कहना है कि आज की जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उसको देखते हुए कई पशुपालक अपने पशुओं को सड़कों पर इसीलिए आवारा छोड़ देते हैं ताकि दान पुण्य करने वाले लोग उनके पशुओं को कुछ खाने को दे देंगे तो पशु जिंदा भी रह पाएंगे. वहीं कई लोगों ने कर्ज लेकर भी अपने पशुओं को बचाने की जुगाड़ कर रहे हैं. गौरी शंकर ने बताया कि एमपी के कुशीनगर गुना रायगढ़ अशोकनगर बीना जहां पर की अच्छी किस्म का  चारा मिलता था, लेकिन अब एमपी सरकार की रोक के बाद इन जगहों से चारा नहीं मिल पा रहा है, जिससे पशु पालकों की हालत खराब है. पशुपालन शंकरलाल ने बताया कि वर्तमान में जिस तरह के हालात बने हुए हैं ऐसे में राज्य सरकार को भी आगे बढ़कर पशु पालकों के बारे में विचार करना चाहिए और उन्हें राहत देने के उद्देश्य से चारा डिपो सरकार खोलें, ताकि पशु पालक अपने पशुओं को जिंदा रख सके. वहीं सत्यनारायण का कहना है कि पशु आहार के दाम में दुगनी वृद्धि हो चुकी है. ऐसे में राज्य सरकार कुछ राहत के इंतजाम करें तो पशुपालकों को राहत मिले. 

Reporter: Arun Harsh 

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