झुंझुनूंः राइट टू हेल्थ बिल पर सरकार और डॉक्टर्स में टकराव, कहा- हम पर कोई कानून ना थोपे
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झुंझुनूंः राइट टू हेल्थ बिल पर सरकार और डॉक्टर्स में टकराव, कहा- हम पर कोई कानून ना थोपे

Jhunjhunu: झुंझुनूं में प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ लागू करने जा रही है. डॉक्टर्स ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में विभिन्न चिकित्सा संगठनों ने विरोध प्रदर्शित किया.

झुंझुनूंः राइट टू हेल्थ बिल पर सरकार और डॉक्टर्स में टकराव, कहा- हम पर कोई कानून ना थोपे

Jhunjhunu: झुंझुनूं में प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राजस्थान सरकार राइट टू हेल्थ लागू करने जा रही है. वहीं सरकार के इस फैसले का डॉक्टर्स  जमकर विरोध कर रहे हैं. विरोध की इस कड़ी में रविवार को झुंझुनू में भी डॉक्टर्स ने राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में विभिन्न चिकित्सा संगठनों ने विरोध प्रदर्शित किया. 

इस विरोध प्रदर्शन में जिले भर के डॉक्टर्स ने निजी अस्पताल की ओपीडी को बंद रखा. साथ ही  कार्य का  बहिष्कार किया. वहीं एमरजेंसी सेवाएं को चालू रखा गया था. 

इस विरोध को लेकर  चिकित्सा संगठन के प्रतिनिधि डॉ. पीएल काजला और डॉ. लालचंद ढाका ने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल में काफी खामियां है. सरकार के जरिए  जिस तरीके से बिल लाया जा रहा है, उसका तरीका गलत है.  इस बिल को सरकार निजी अस्पतालों पर जबरदस्ती थोपना चाहती है. इसी को लेकर रविवार को चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर है.

 उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 70% चिकित्सा व्यवस्था निजी अस्पतालों के भरोसे हैं. ऐसे में सरकार को हर तरीके से देखते हुए इस बिल की खामियों को दूर कर विभिन्न चिकित्सा संगठनों से वार्ता कर इसे लागू करना चाहिए.

बता दें कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए राइट टू हेल्थ बिल लागू करने जा रही है. जिसके बिल का ड्राफ्ट  सरकार ने तैयार कर लिया है. पिछले विधानसभा सत्र में इसे पेश भी किया था लेकिन प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर इस बिल का विरोध कर रहे हैं.  

राइट टू हेल्थ के बिल को निजी अस्पतालों के डॉक्टर राइट टू किल बता रहे हैं। पहली बार बनाए जा रहे स्वास्थ्य का अधिकार कानून से प्राइवेट अस्पताल इलाज के लिए बाध्य हो जाएंगे। बिना किसी पेमेंट के इलाज के लिए बाध्य किए जाने पर निजी अस्पतालों के डॉक्टर इस बिल के विरोध में उतर आए हैं।

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