पेयजल संकट: बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे वन्यजीव, जिम्मेदार नहीं दे रहे हैं ध्यान
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पेयजल संकट: बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे वन्यजीव, जिम्मेदार नहीं दे रहे हैं ध्यान

ऐसे में तपिश के साथ प्यासे वन्यजीव और मवेशी भी चिलचिलाती गर्मी से बेहाल है और कई जगह तो हालात तो इतने बदतर है कि वन्यजीव और मवेशी पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

पेयजल संकट

Pokhran: जैसलमेर जिले के पक्षी और वन्यजीव बाहुल्य लाठी क्षेत्र में चारे पानी के अभाव से परेशान वन्यजीवों के लिए आफत भरा अप्रैल महिना पुरा बीत जाने के बाद भी वनविभाग, राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों का रवैया अब तक वन्यजीवों के प्रति उदासीन ही रहा है. पक्षी और वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण इलाकों में अधिकांश प्राकृतिक जलस्रोत, खेळीया, नाडे-नाडियां सूखे पड़े हैं. 

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ऐसे में तपिश के साथ प्यासे वन्यजीव और मवेशी भी चिलचिलाती गर्मी से बेहाल है. कई जगह तो हालात तो इतने बदतर है कि वन्यजीव और मवेशी पानी के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. अंधाधुंध खनन, गोचर, ओरण पर भूमि पर लगातार अतिक्रमण और विकास के कारण वन्यजीवों के परम्परागत आश्रय स्थल पहले से ही खत्म होने के कगार पर है. ऐसे में भोजन और पानी की समस्या वन्यजीवों के लिए एक बड़ी चुनौति बन चुकी है.

क्षेत्र में सौर ऊर्जा के प्रकल्प, अंधाधुंध खनन, विलायती बबूल, खेजड़ी का सफाया, शिकारियों के हमले, हिंसक श्वानों के हमलों ने वन्यजीवों का जीना दुश्वार कर रखा है. राज्य पक्षी गोडावण, मरु लोमड़ी सहित थार की दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियां लुप्त होने के कगार पर है.

प्यास बुझाने पहुंचे तो निकला दम
वन्यजीव और पशु बाहुल्य लाठी क्षेत्र में वन्य जीव पानी के लिए भटक रहे हैं. क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों सहित आसपास के क्षेत्र में स्थित तालाब सहित खेलियां सूखी है. धोलिया गांव के पास एक बैल पानी कि तलाश में भटकते-भटकते काल का ग्रास बन गया और चौतरफ संकट से घिरे वन्यजीव पारम्परिक पेयजल स्रोत सूखे होने के कारण गर्मी में प्यासे वन्यजीव गांव और ढाणियों के रिहायशी क्षेत्रों में तलाश में पहुंचते हैं.

ऐसे में पानी की खेळियों के पास हिंसक श्वानों के हमले से घायल होकर दम तोड़ देते हैं. क्षेत्र धोलिया, भादरिया, खेतोलाई, गंगाराम कि ढाणी सहित वन्य जीव बहुल इलाकों में भी जलसंकट है. वन्यजीव और पशु बाहुल्य लाठी क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया लेकिन हालात जस के तस है जबकि पोकरण विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजस्थान सरकार में केबीनेट मंत्री होने के बावजूद ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.

Reporter: Shankar Dan

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