जैसलमेर: वन्यजीवों की जान की आफत बने आवार कुत्ते, हर रोज हिरण को बना रहे शिकार
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जैसलमेर: वन्यजीवों की जान की आफत बने आवार कुत्ते, हर रोज हिरण को बना रहे शिकार

जैसलमेर लाठी क्षेत्र में आये दिन आवारा कुत्ते वन्यजीव को शिकार बना रहे हैं. वन्यजीव प्रेमियों ने जिला प्रशासन को आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए कुत्तों की नसबंदी अभियान चलाना चाहिए.

जैसलमेर: वन्यजीवों की जान की आफत बने आवार कुत्ते, हर रोज हिरण को बना रहे शिकार

जैसलमेर जिले के वन्यजीव व पशु बाहुल्य लाठी क्षेत्र में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है. क्षेत्र में आये दिन आवारा कुत्ते वन्यजीव को शिकार बना रहे हैं. बीते एक साल में दर्जनों कि तादाद में हिरणों व अन्य वन्यजीव को शिकार बना चुके हैं. शुक्रवार शाम को भी धोलिया गाँव के पास आवारा श्वानो ने हमला कर एक हिरण को मौत के घाट उतार दिया. लाठी व आसपास के वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ना दूसरी तरफ खेतों के चारों तरफ तारबंदी करने से हिरण इन तारों में फंस जाते हैं और कुत्ते आराम से उसको शिकार बना देते हैं.

धोलिया गाँव के पास आवारा श्वानो ने हिरण का किया शिकार -

शुक्रवार शाम भी धोलिया गाँव के पास हिरणो का झुंड विचरण कर रहा था. इस दौरान हिरणो के झुंड पर आवारा श्वानो ने हमला कर दिया.जिसमें एक हिरण श्वानो के चंगुल में फस गया. हिरण के चिल्लाने की आवाज सुनकर वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंचे. तथा उन्होने पत्थरों से श्वानो को खदेड़ा.और हिरण को अपने कब्जे में लिया. तब हिरण ने दम तोड़ दिया. वन्यजीव प्रेमियों ने जिला प्रशासन को आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए कुत्तों की नसबंदी अभियान चलाना चाहिए.

हिरण और मवेशियों को बना रहे शिकार -
वन्यजीव प्रेमी राधेश्याम विश्नोई ने बताया कि वन्यजीव व पशु बाहुल्य लाठी क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़़ती जा रही है. यह आवारा कुत्ते न केवल हिरण (चिंकारा) को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि भेड़-बकरियों, नीलगाय को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. खेतों में जगह-जगह तारबंदी होने की वजह से हिरण व मवेशी भागते वक्त तारबंदी में फंसे जाते हैं. कुत्ते आसानी से निशाना बना देता है. क्षेत्र में लोगों की जागरूकता की वजह से काफी हिरणों की जान तो बची हैं.

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