ईवीएम पर लगातार उठ रहे सवाल, जानिए कैसे होती है आपके वोटों की गिनती
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ईवीएम पर लगातार उठ रहे सवाल, जानिए कैसे होती है आपके वोटों की गिनती

उत्तरप्रदेश समेत 5 राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव (Assembly Election 2022) का परिणाम आज आएगा और सभी 403 सीटों पर मतगणना जारी है. विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर से ईवीएम चर्चा में है.

फाइल फोटो

Jaipur: उत्तरप्रदेश समेत 5 राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव का परिणाम आज आएगा और सभी 403 सीटों पर मतगणना जारी है. विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद एक बार फिर से ईवीएम चर्चा में है.

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दरअसल चुनाव के बाद सोमवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सवाल खड़े कर दिए थे. चुनाव समाप्ति के बाद ही सबका ध्यान एग्जिट पोल की तरफ गया और तमाम एग्जिट पोल के हिसाब से भारतीय जनता पार्टी यूपी में दोबारा से सत्ता में वापसी कर रही है. जिसके बाद से अखिलेश का ईवीएम पर सवाल खड़ा करना भी कहीं ना कहीं सियासी मुद्दा लग रहा है.

जानिए कैसे होती है ईवीएम से मतगणना
आपको बता दें कि पहली बार ईवीएम से चुनाव मई, 1982 में केरल में कराए गए थे. उस समय तक ईवीएम को लेकर किसी प्रकार का कोई कानून नहीं बना था, लेकिन साल 1989 में ईवीएम कानून बना.

यह पहली बार नहीं है जब चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठाए जा रहे हैं, बल्कि हर इलेक्शन के बाद ईवीएम पर कोई न कोई पार्टी सवाल खड़ा करता ही है. सबसे पहले आपको यह जानना होगा कि आखिर इसकी गिनती होती कैसे है.

ईवीएम के वोटों की गिनती एक नहीं बल्कि कई राउंड्स में होती है, जिसमें 14 ईवीएम के वोट गिने जाते हैं और एजेंट से फॉर्म 17-सी हस्ताक्षर करवाए जाते हैं. जो राजनीतिक पार्टियों के होते हैं. दरअसल, मतगणना केंद्र में हर पार्टी के एजेंट या उम्मीदवारों को मौजूद रहने की अनुमति दी जाती है.

वहीं मतगणना केंद्र पर एक ब्लैकबोर्ड भी होता है, जहां हर राउंड के बा किस उम्मीदवार को कितने वोट मिले यह उस पर लिखा जाता है. जिसके बाद उसकी घोषणा लाउड स्पीकर पर की जाती है, जिसे रुझान कहते हैं.

कड़ी सुरक्षा के बीच रखी जाती है ईवीएम मशीन
चुनाव के बाद ईवीएम मशीन को पैरा मिलिट्री के जवानों के पास स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच रखी जाती है.

यह कंपनी बनाती है ईवीएम
पहली बार साल 1977 में सरकारी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ईवीएम बनाया था. जिसके बाद इसके निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी हुई थी. इस कंपनी के अलावा बेंगलुरु स्थित बीईएल भी ईवीएम बनाती है.

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