कोटा में क्यों आत्महत्या कर रहे बच्चे! विधानसभा में सतीश पूनिया ने उठाया मुद्दा
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कोटा में क्यों आत्महत्या कर रहे बच्चे! विधानसभा में सतीश पूनिया ने उठाया मुद्दा

Jaipur News : विधानसभा में कोटा शहर के कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों के आत्महत्या मामला उठा, पूनियां ने सरकार का ध्यान आकर्षित किया. पूरे देशभर के बच्चे आते हैं, लेकिन जिस तरीके से राजस्थान के और राजस्थान में भी उस कोटा संभाग के बच्चों ने लगातार एक के बाद एक आत्महत्याओं का सिलसिला है तो मुझे लगता है कि राज्य सरकार को उसको गंभीरता से लेना चाहिये. 

कोटा में क्यों आत्महत्या कर रहे बच्चे! विधानसभा में सतीश पूनिया ने उठाया मुद्दा

Jaipur News : आमेर विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने विधानसभा में कोटा शहर के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के आत्महत्या प्रकरणों में बढ़ोतरी पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. पूनिया ने इस संबंध में स्थगन प्रस्ताव रखा, और आत्महत्या प्रकरणों को रोकने और विद्यार्थियो का मनोबल बढ़ाने के नवाचार के लिये राज्य सरकार गंभीरता से प्रयास करे.

कोटा शहर के विभिन्न कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या के प्रकरणों में बढ़ोतरी मामले को लेकर सतीश पूनियां ने विधानसभा में मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजस्थान के नौजवानों के लिये यह बड़ा गंभीर मुद्दा है. उन्होंने कहा कि, कोटा इस समय कोचिंग और एजुकेशन का हब है, लेकिन पिछले चार वर्षों के आंकड़े देखें तो चौंकाने वाले हैं और इस वर्ष का देखेंगे तो पूरे राजस्थान के लिए चिंता का विषय है. दस हजार नौजवान आत्महत्याएं करते हैं, जिसमें 2,442 विद्यार्थी हैं. अकेले कोटा संभाग में 55 बच्चों ने आत्महत्याएं की हैं और 2022 में 16 बच्चों ने आत्महत्याएं की हैं.

यह कोचिंग के कारण जो तनाव है बच्चों के बीच में, उसमें मुझे लगता है कि पूरे देशभर के बच्चे आते हैं, लेकिन जिस तरीके से राजस्थान के और राजस्थान में भी उस कोटा संभाग के बच्चों ने लगातार एक के बाद एक आत्महत्याओं का सिलसिला है तो मुझे लगता है कि राज्य सरकार को उसको गंभीरता से लेना चाहिये, क्योंकि इस तरीके से उनके हाल पर नहीं छोड़ा जाना चाहिये.
विद्यार्थियों के लिये एक अच्छी काउंसलिंग की व्यवस्था हो, कोई जिम्मेवारी उसकी तय हो, क्योंकि एक दार्शनिक ने कहा है कि चिंतित मनुष्य अपने जीवन का महत्व खो देता है. युवा इस प्रदेश का नागरिक है और भविष्य है. मुझे लगता है कि इसके बारे में राज्य की अशोक गहलोत सरकार को कोई न कोई नीति अपनाकर उन नौजवानों के भविष्य को बर्बाद होने से रोकने के लिये गंभीरता से विचार करना चाहिए.

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