Rajasthan के जोधपुर रेल मंडल में हाई स्पीड ट्रेनों की ट्रायल का बना ट्रैक, जानिए खासियतें
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Rajasthan के जोधपुर रेल मंडल में हाई स्पीड ट्रेनों की ट्रायल का बना ट्रैक, जानिए खासियतें

Jaipur News: जयपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर गुढ़ा से लेकर ठठाना, नावां सिटी होकर आगे मीठड़ी तक 59 किलोमीटर का एक नया ब्रॉड गेज डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक विकसित किया गया है. यह ट्रैक अब लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है और जल्द ही यहां पर ट्रेनों का स्पीड ट्रायल किया जा सकेगा. 

Rajasthan के जोधपुर रेल मंडल में हाई स्पीड ट्रेनों की ट्रायल का बना ट्रैक, जानिए खासियतें

Jaipur News: राजस्थान के जोधपुर रेल मंडल में हाई स्पीड ट्रेनों की ट्रायल के लिए नया ट्रैक विकसित किया गया है. देश में बुलेट ट्रेन जैसी हाई स्पीड ट्रेनों की ट्रायल के लिए ट्रैक अपने आप में विशेष है. 

जयपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर गुढ़ा से लेकर ठठाना, नावां सिटी होकर आगे मीठड़ी तक 59 किलोमीटर का एक नया ब्रॉड गेज डेडीकेटेड टेस्ट ट्रैक विकसित किया गया है. यह ट्रैक अब लगभग पूरी तरह तैयार हो चुका है और जल्द ही यहां पर ट्रेनों का स्पीड ट्रायल किया जा सकेगा. 

रोलिंग स्टॉक की व्यापक परीक्षण सुविधाओं वाला यह पहला ट्रैक होगा. इस टेस्ट ट्रैक पर दुनिया भर में निर्मित रोलिंग स्टॉक का परीक्षण किया जा सकेगा. इस ट्रैक पर ट्रेनों की अलग-अलग परिस्थितियों में संचालन की प्रक्रिया का परीक्षण किया जा सकेगा. दरअसल रेलवे प्रशासन ने इस 59 किमी के ट्रैक को पूरी तरह से सीधा नहीं बनाया है. यहां पर ट्विस्टेड रेलवे ट्रैक भी बनाया गया है, जहां टेढ़ी पटरियों पर धीमी गति से ट्रेन गुजारने का परीक्षण किया जाता है. यहां कई रोड ओवरब्रिज और अंडरपास भी बनाए गए हैं, जहां नियंत्रित स्पीड में ट्रेन संचालित करनी होती है. 

इस तरह से अलग-अलग स्थितियों में ट्रेन का परीक्षण किया जा सकता है. बताया जाता है कि पहले यहां ब्रिटिश राज में बनाई गई रेलवे लाइन भी डली हुई थी, जो कि अनुपयोगी थी. अब इस ट्रैक को उसी रेलवे लाइन पर पुनर्विकसित किया गया है.

क्या है टैस्ट ट्रैक की खास बात ?
- टैस्ट ट्रैक में मेन लाइन है 23 किलोमीटर
- गुढ़ा में हाई स्पीड लूप (13 किलोमीटर)
- नावां में गतिवर्धक मदों हेतु त्वरित टेस्ट लूप (3 किलोमीटर)
- मीठडी में कर्व टेस्ट लूप (20 किलोमीटर) बनाया गया
- 220 किमी प्रति घंटे की गति तक ट्रायल किया जाना संभव
- वाहनों का स्थिर मूल्यांकन, सभी सुरक्षा मापदंडों का विधिवत मूल्यांकन संभव
- रेल-व्हील इंटर-एक्शन फोर्स का अध्ययन, दुर्घटना योग्यता परीक्षण
- स्थिरता परीक्षण, ट्विस्ट और लचीलेपन परीक्षण के गुणांक
- व्हील ऑफ लोडिंग परीक्षण, एक्स-फैक्टर परीक्षण किया जाना संभव
- बोगी रोटेशनल रेजिस्टेंट परीक्षण किया जा सकता है
- सभी तरह की आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली टैस्ट ट्रैक पर लगाई गई
- यहां पुलों, टीआरडी उपकरण, सिग्नलिंग गियर और भू-तकनीकी अध्ययन करना संभव
- कुल 820 करोड़ रुपए की लागत से विकास, पहले चरण में 353.47 करोड़
- दूसरे चरण में 466.20 करोड़ की राशि से टैस्ट ट्रैक बनाया गया

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