संविधान दिवस पर राजस्थानी माटी के लालों को नमन, संविधान सभा में दर्ज कराई थी अपनी प्रभावी उपस्थिति
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संविधान दिवस पर राजस्थानी माटी के लालों को नमन, संविधान सभा में दर्ज कराई थी अपनी प्रभावी उपस्थिति

देश 72 वां संविधान दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश की संसद के सेन्ट्रल हॉल के साथ ही राज्यों में भी कई कार्यक्रम हुए. 

राजस्थानी माटी के लालों को नमन

Jaipur: देश 72 वां संविधान दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश की संसद के सेन्ट्रल हॉल के साथ ही राज्यों में भी कई कार्यक्रम हुए. आने वाले दिनों में भी ऐसे कार्यक्रम होंगे लेकिन देश को चिर स्थायी दस्तावेजी मार्गदर्शन देने वाले इस संविधान में देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले विद्वानों का बड़ा योगदान था.

इस बीच राजस्थान से संविधान सभा में शामिल विद्वजनों का योगदान जानना भी लाजिमी है. राजस्थान से संविधान सभा (Constitution Assembly) में प्रतिनिधियों की बात करें तो इसमें 12 नाम शामिल थे. इनमें से ग्यारह सदस्य देशी रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में संविधान सभा में पहुंचे, जबकि एक सदस्य अजमेर-मेरवाड़ा के चीफ कमिश्नरेट क्षेत्र से शामिल रहे. इन संविधान सभा के राजस्थानी प्रतिनिधियों में से दो तो ऐसे थे जो बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. जबकि राजबहादुर देश के पहले पर्यटन मंत्री रहे.

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राजस्थान से संविधान सभा में शामिल रहे प्रमुख चेहरे - 
मुकुट बिहारीलाल भार्गव
वीटी कृष्णामाचारी
हीरालाल शास्त्री
खेतड़ी के सरदार सिंह
बीकानेर के ठाकुर जसवन्त सिंह
राज बहादुर
माणिक्य लाल वर्मा
गोकुललाल असावा
रामचन्द्र उपाध्याय
बलवन्त सिंह मेहता
दलेल सिंह
जयनारायण व्यास

संविधान सभा में राजस्थान के प्रतिनिधियों ने संविधान में शामिल विषयों पर अपना योगदान दिया तो संविधान की मूल प्रति को सजाने-संवारने में भी मरूधरा के लोगों की भूमिका रही. भारत के संविधान की मूल प्रति में 22 चित्र भारत के वैभवशाली इतिहास, परम्‍परा और संस्‍कृति को दर्शाते हुए लगे हैं. यह सभी चित्र विख्‍यात चित्रकार नंदलाल बासु ने बनाए थे. इसके साथ ही इस कारीगरी में राजस्थान के ख्यातनाम कलाकार कृपालसिंह शेखावत ने भी अपना योगदान दिया था.

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