राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती-2021 लेवल 2 पेपर लीक मामले में कहा है कि जयपुर में निजी व्यक्ति को समन्वयक नियुक्त करने वाले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन डीपी जारोली की भूमिका सामने आने पर उनसे भी पूछताछ की जा सकती है.
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जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट भर्ती-2021 लेवल 2 पेपर लीक (Reet paper leak case) मामले में कहा है कि जयपुर में निजी व्यक्ति को समन्वयक नियुक्त करने वाले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन डीपी जारोली की भूमिका सामने आने पर उनसे भी पूछताछ की जा सकती है. इसके साथ ही अदालत ने लेवल वन को रद्द करने से एक बार फिर इनकार करते हुए मामले की सुनवाई 30 जून को तय की है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस सुदेश बंसल की खंडपीठ ने यह आदेश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
सुनवाई के दौरान एसओजी के एडीजी अशोक राठौड अदालत में पेश हुए. उन्होंने अदालत को बताया कि प्रकरण में अनुसंधान जारी है और दर्जनों आरोपियों को अब तक करीब 64 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. अदालत के पूछने पर राठौड ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में से अधिकांश लाभार्थी हैं. वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जारोली ने निजी व्यक्ति प्रदीप पाराशर को जिला समन्वयक बनाया और पाराशर ने अपने नीचे निजी व्यक्ति रामकृपाल को नियुक्त किया. जबकि अन्य सभी जिलों में सरकारी कर्मचारियों को ही समन्वयक बनाया गया था. दोनों निजी व्यक्तियों को एसओजी ने गिरफ्तार भी किया.
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ऐसे में जारोली से भी पूछताछ होनी चाहिए. इसके अलावा जारोली मीडिया में बयान दे चुके हैं कि राजनीतिक संरक्षण में पेपर लीक हुआ था. इसलिए एसओजी को उनसे भी पूछताछ करनी चाहिए. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि लेवल वन के पेपर भी उसी स्ट्रांग रूम में रखे थे. ऐसे में लेवल वन को भी रद्द किया जाए. इस पर अदालत ने कहा कि यदि जारोली की भूमिका सामने आती है तो एसओजी उनसे भी पूछताछ कर सकती है. इसके अलावा अदालत लेवल वन की नियुक्तियों को पहले की याचिका के निर्णयाधीन रख चुकी हैं. ऐसे में उसे रद्द करने के आदेश नहीं दिए जा रहे हैं.
Reporter- Mahesh Pareek