Rajasthan Politics: उपचुनाव में कांग्रेस का पलड़ा रहा भारी, ट्रैक रिकॉर्ड तोड़ने की भाजपा कर रही तैयारी!
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Rajasthan Politics: उपचुनाव में कांग्रेस का पलड़ा रहा भारी, ट्रैक रिकॉर्ड तोड़ने की भाजपा कर रही तैयारी!

Rajasthan Politics: राजस्थान में पांच विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव सत्तारूढ़ भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. पिछला ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो उपचुनाव में भाजपा के मुकाबले हमेशा कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. इस बार भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि उप चुनाव में सभी पांच सीटों पर कमल खिलाएंगे, लेकिन समीकरण कुछ अलग ही कहानी कह रहे हैं. 

 

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Rajasthan News: लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान में 5 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होगा. इन पांच सीटों पर वैसे तो पहले से ही भाजपा के पास एक भी सीट नहीं, लेकिन प्रदेश में सत्ता भाजपा की है. ऐसे में उपचुनाव ने सत्ता और संगठन दोनों की चिंता बढ़ा दी है. प्रदेश में पांच सीटों पर उपचुनाव होंगे. इसमें दौसा, देवली - उनियारा, झुंझुनू, खींवसर और चौरासी विधानसभा सीटें शामिल है. पांच सीटों में तीन कांग्रेस, एक आरएलपी तथा एक बीएपी के पास है. ऐसे में कांग्रेस की इंडिया गठबंधन के तहत आरएलपी तथा बीएपी से समझौता हो सकता है. यही भाजपा के लिए टेंशन का कारण है. इसके अलावा भी पिछले दस साल में चाहे लोकसभा या विधानसभा उपचुनाव हो, उनमें हमेशा कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. इसमें भी खास बात यह है कि कांग्रेस सत्ता में रही हो या विपक्ष में, उप चुनावों में भाजपा से बेहतर प्रदर्शन करती आई है. इससे कांग्रेस में खुशी है, जबकि भाजपा अपने ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर चिंतित है. ऐसे में इस बार इस ट्रैक को बदलने की दिशा में कोई ठोस रणनीति तैयार कर रही है. ये भी पढ़ें : राजस्थान में लागू हो पाएगा धर्मांतरण विरोधी कानून ! भजनलाल सरकार तैयारी में जुटी

दस साल में उप चुनाव, कांग्रेस ने फतह पाई 

राजस्थान में वर्ष 2014 से 2024 के बीच अब तक विधानसभा की 17 सीटों पर उपचुनाव हुए. इनमें से कांग्रेस ने 12 पर जीत दर्ज की है. वर्ष 2014 के अप्रैल-मई में नसीराबाद, वैर, सूरजगढ़ और कोटा दक्षिण सीटों पर उप चुनाव हुए. प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद भी चार सीटों में सिर्फ एक सीट पर भाजपा जीत पाई. नसीराबाद, वैर और सूरजगढ़ पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया, जबकि कोटा साऊथ की सीट पर भाजपा के प्रत्याशी संदीप शर्मा ने जीत दर्ज की. इसके बाद वर्ष 2017 में धौलपुर और 2018 में मांडलगढ़ विधानसभा सीटों पर भी उप चुनाव हुए, जिनमें से धौलपुर पर भाजपा और मांडलगढ़ पर कांग्रेस जीती. इसके बाद विधानसभा उप-चुनाव 2019 से 22 के बीच में 9 सीटों पर उपचुनाव हुए , इस बार कांग्रेस सत्ता में थी. कांग्रेस ने फिर भी 9 उप चुनावों में से 7 जिसमें मंडावा, सुजानगढ़, सरदारशहर, सहाड़ा, धरियावद, वल्लभनगर और रामगढ़ सीट पर जीत दर्ज की. जबकि भाजपा को केवल एक सीट राजसमंद पर जीत नसीब हुई थी. वहीं एक सीट खींवसर को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जीत दर्ज की. वहीं 2024 में एक सीट करणपुर विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, जबकि यहां उपचुनाव से पहले ही भाजपा ने प्रत्याशी को मंत्री तक बना दिया था, बावजूद इसके जनता ने नकार दिया. ये भी पढ़ें : राजस्थान बीजेपी में दिख सकता है बड़ा बदलाव, ओम बिरला बन चुके हैं पॉवर सेंटर
 

लोकसभा-विधानसभा मुख्य चुनाव में भाजपा प्रमुख
पिछले तीन बार के लोकसभा चुनाव 2014, 2019 और 2024 में से भाजपा ने 2014 और 2019 में सभी 25 सीटें जीतीं. इधर 2024 में भाजपा 14 पर सिमट गई और कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी करते हुए गठबंधन के साथ 11 सीटें जीतीं. पिछले 10 वर्षों में 2013, 2018 और 2023 तीन बार विधानसभा चुनाव हुए. इनमें दो बार 2013 और 2023 में भाजपा सत्तारूढ़ हुई और कांग्रेस 2018 में सत्तारूढ़ हुई. इन हालात में भाजपा लगातार कांग्रेस पर भारी रही है, लेकिन जब बात उप चुनावों की हो तो कांग्रेस बीजेपी पर भारी पड़ती रही है.

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