Rajasthan News: जयपुर में गलतापीठ को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इसके प्रबंधन और मॉनिटरिंग के लिए जयपुर कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया है.
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Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने 22 जुलाई को जयपुर के गलता पीठ तीर्थ के महंत अवधेशाचार्य की नियुक्ति रद्द कर दी हैं.जयपुर में गलतापीठ को लेकर कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने इसके प्रबंधन और मॉनिटरिंग के लिए जयपुर कलेक्टर को प्रशासक नियुक्त किया है.
देवस्थान विभाग से जारी आदेशों में मंदिर ठिकाना गलता जी की समस्त संपत्तियों का प्रबंधन और संचालन कलेक्टर की निगरानी में ही किया जाएगा. राज्य सरकार की ओर से प्रशासक नियुक्त होने के बाद जयपुर जिला कलक्टर ने गलता तीर्थ और उससे जुड़ी संपत्तियों को टेकओवर करना शुरू कर दिया हैं.
हालांकि इस प्रोसेस में दो से तीन दिन लग सकते हैं.क्योंकि गलता तीर्थ से जुडी संपत्तियां अलग अलग जगह पर हैं.जयपुर जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित आज एडीएम, एसडीएम,तहसीलदार और पुलिस जाब्ते के साथ गलता तीर्थ पहुंचे और सभी संपत्तियों की वीडियोग्राफी करवाई और सभी संपत्तियों पर जयपुर कलक्टर (प्रशासक) के बोर्ड लगवाए.
साथ में मंदिर में रखे दानपात्र के ताले तोडकर उन्हे खुलवाया गया और उसमें जो चढावे की काउंटिंग का काम किया जा रहा हैं.राजपुरोहित ने बताया की मंदिर में जिस तरह से प्रतिदिन सेवा पूजा होती हैं उसी तरीके से विधि-विधान से पूजा-पाठ, भोग का काम होगा.विवाद से बचने के लिए मंदिर में वर्तमान में जो सेवागिर ठाकुरजी की पूजा अर्चना, भोग सेवा का काम कर रहे हैं उन्हे ही अपाइंट कर रेगुलर सेवा पूजा का जिम्मा दिया गया हैं.
जिसकी सैलेरी अब प्रशासन की ओर से दी जाएगी.जिला प्रशासन की ओर से पुजारी नियमित रूप से पूजा पाठ, सेवा का काम देखेगा.राजपुरोहित ने बताया की गलता तीर्थ से जुडी जयपुर बडी चौपड, छोटी चौपड, आमेर रोड, सिकराय, गंगापुरसिटी, फागी, सवाईमाधोपुर में 38 संपत्तियां हैं.
साथ में उन्होने बताया की मंदिर ठिकाना गलताजी की समस्त परिसंपत्तियों के प्रबंधन और संचालन की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर (तृतीय) की अध्यक्षता में गठित प्रबंधन एवं संचालन समिति का गठन किया गया हैं,जिसमें उपखण्ड अधिकारी-जयपुर प्रथम, कोषाधिकारी (शहर), जयपुर को सदस्य, सहायक आयुक्त (द्वितीय), देवस्थान विभाग को सदस्य सचिव बनाया गया है.
गौरतलब हैं की उच्च न्यायालय ने मंदिर ठिकाना गलता जी के महंत अवधेशाचार्य की नियुक्ति को अवैध घोषित करते हुए मंदिर ठिकाना गलताजी और उसकी समस्त परिसंपत्तियों का प्रबंधन एवं संचालन राज्य सरकार एवं देवस्थान विभाग को करने के निर्देश दिये गए हैं.
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