पिंजरे से आजाद हुआ पैंथर, शेरगढ़ अभ्यारण में तेंदुए की तादाद हुई पांच
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पिंजरे से आजाद हुआ पैंथर, शेरगढ़ अभ्यारण में तेंदुए की तादाद हुई पांच

जिले के शेरगढ़ अभ्यारण्य में लगातार पैंथर का कुनबा बढ़ रहा है. शनिवार को कवाई से पकड़े गए पैंथर को भी वन-विभाग की ओर से शेरगढ़ में रिलीज कर दिया गया है. जिससे अब यहां पर पैंथर का कुनबा 4 से बढ़कर 5 हो गया है.

पिंजरे से आजाद हुआ पैंथर, शेरगढ़ अभ्यारण में तेंदुए की तादाद हुई पांच

बारां:जिले के शेरगढ़ अभ्यारण्य में लगातार पैंथर का कुनबा बढ़ रहा है. शनिवार को कवाई से पकड़े गए पैंथर को भी वन-विभाग की ओर से शेरगढ़ में रिलीज कर दिया गया है. जिससे अब यहां पर पैंथर का कुनबा 4 से बढ़कर 5 हो गया है. यहां पर वन-विभाग की ओर से पूर्व में 3 मादा व 1 नर पैंथर को शेरगढ़ अभ्यारण्य में रिलीज किया जा चुका है. इससे पहले बिजौलिया के पास एक मादा पैंथर को विभाग ने पकड़कर शेरगढ़ अभयारण्य में छोड़ा था. अब यहां पर कुल 3 मादा व 2 नर पैंथर मौजूद है. शेरगढ़ में वन-विभाग की ओर से पैंथर को रिलीज करने के साथ ही पगमार्क के साथ पैंथर के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है.

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वन-विभाग सूत्रों के अनुसार हाडौती में पैंथर के लिए सबसे अनुकुल जलवायु शेरगढ़ में है. यहां पर पैंथर बसाने के लिए पर्याप्त रुप से प्रे-बेस मौजूद है. इसके साथ ही मैदानी जंगल होने के साथ ही वातावरण भी अनुकुल है. यहां पर प्राकृतिक जलस्त्रोत के साथ-साथ परवन नदी भी है. इसके कारण यहां पर सालभर जल की उपलब्धता रहती है. यहां पर लगातार पैंथर रिलीज किए जा रहे है. पैंथर की संख्या बढ़ने के साथ ही यहां पर टूरिज्म सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है. शेरगढ़ सेंचुरी में चारदीवारी निर्माण के बाद से वन्यजीवों और जंगल की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है. ऐसे में यहां पर वाइल्डलाइफ एक्टिविटी की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं.

शेरगढ़ में चिंकारा, जरख, काले हिरण का लगातार मूवमेंट

शेरगढ़ अभ्यारण्य में पैंथर के लिए पर्याप्त रुप से प्रे-बेस मौजूद है. यहां के जंगलो में मगरमच्छ, जरख, लोमड़ी, काले हिरण और चिंकारा समेत अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट लगातार देखा जाता है. पैंथर को सुरक्षित आवास मुहैया करवाने के लिए यहां पर 100 स्क्वायर किमी के जंगल को इको-सेसेंटिव जोन घोषित किया गया है.

पैंथर की संख्या बढ़ने के साथ ही ईको टूरिज्म भी बढ़ेगा
शेरगढ़ में पैंथर का कुनबा बढ़ने के साथ ही विभाग की ओर से ईको टूरिज्म बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे है. शेरगढ़ में नाहरिया माला रियासत कालीन शिकारगाह तक परवन में बोट के जरिए ही पहुंचा जा सकता है. ऐसे में विभाग की ओर से बोटिंग शुरू करने की कवायद शुरू कर दी गई है. पर्यटकों को परवन नदी में बोटिंग के साथ रियासत कालीन शिकारगाह नाहरिया माला से 3 किलोमीटर तक जंगल सफारी कराई जाएगी. पर्यटक बोटिंग से लेकर जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेगे. बोटिंग को लेकर टेंडर प्रक्रिया होगी. वहीं अन्य गतिविधियां वन विभाग के माध्यम से संचालित करवाई जाएंगी. एसीएफ दीपक गुप्ता का कहना है की शेरगढ़ में कवाई से पकड़े गए पैंथर को रिलीज किया गया है. इसके बाद यहां पर पैंथर की कुल संख्या बढ़कर 5 हो गई है. वर्तमान में शेरगढ़ में 3 मादा व 2 नर पैंथर मौजूद है.

रिपोर्टर-राम मेहता

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