अब प्राचीन और पौराणिक हथियारों को स्मृति के रूप में संजोए रख सकेंगे, जानिए कैसे
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अब प्राचीन और पौराणिक हथियारों को स्मृति के रूप में संजोए रख सकेंगे, जानिए कैसे

अब व्यक्ति प्राचीन और पौराणिक हथियारों के रूप में अपने पुरखों की स्मृति संजोए रख सकेगा. राज्य सरकार ने एंटीक और क्यूरियो हथियार रखने की मंजूरी दे दी है. हालांकि इसके लिए उन्हें इन हथियारों को निष्क्रीय करवाना होगा. 

 

 अब प्राचीन और पौराणिक हथियारों को स्मृति के रूप में संजोए रख सकेंगे, जानिए कैसे

जयपुरः अब व्यक्ति प्राचीन और पौराणिक हथियारों के रूप में अपने पुरखों की स्मृति संजोए रख सकेगा. राज्य सरकार ने एंटीक और क्यूरियो हथियार रखने की मंजूरी दे दी है. हालांकि इसके लिए उन्हें इन हथियारों को निष्क्रीय करवाना होगा. गृह विभाग ने इस सम्बंध में डीजीपी जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर को आदेश जारी कर दिए हैं.  देश में वर्ष 2019 से पहले एक व्यक्ति तीन हथियार रख सकता था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिसम्बर वर्ष 2019 में आर्म्स एक्ट 1959 में संशोधन कर दिया.

इस संशोधन के अनुसार व्यक्ति तीन के बजाय दो ही हथियार रख सकता है.संशोधन के बाद तीसरा हथियार रखने को लेकर लोगों को खासी परेशानी हो रही थी. इनमें भी उन लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही थी, जिनके पुरखों के पास हथियार थे, और जिन्होंने विभिन्न युद्ध में भाग लिया. ऐसे में पीढ़ी दर पीढ़ी लोग उन हथियारों को अपने पास रखते आ रहे हैं. आर्म्स एक्ट में संशोधन होने के बाद दो ही हथियार रखने के बाद उन्हें हथियार बेचने पड़ रहे थे, थाने में जमा कराने पड़ रहे थे या फिर निस्तारित करने पड़ रहे थे.

इधर महीने बाद फरवरी 2020 में राज्य सरकार ने नियमों पर संशोधन कर दिया. इसके तहत क्यूरियो और एंटीक हथियारों को लाइसेंस और रिन्यूअल अर्थात नवीनीकरण की प्रक्रिया से मुक्त कर दिया. इसके लिए राज्य सरकार ने एक साल का समय दिया, वहीं लोगों को तीसरे हथियार को रखना जरूरी था.  ऐसे में जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नरों ने इस श्रेणी के हथियारों को लाइसेंस से हटाने और फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने के संबंध में सरकार से मार्गदर्शन मांगा है.

क्या है क्यूरियो और एंटीक हथियार 
क्यूरियो वेपन - पचास साल से पुराने या ऐसे हथियार जो पौराणिक हथियार की श्रेणी में हो
एंटीक वेपन- 100 साल पुराने हथियार एंटीक हथियारों की श्रेणी में आते हैं

ये भी जानें

  • गृह विभाग ने इन हथियारों को लाइसेंस से मुक्त करने के लिए प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री के पास भेजा
  • मुख्यमंत्री की सहमति के बाद गृह विभाग की ओर से संशोधन करते हुए सर्कुलर जारी किया गया
  • नए संशोधन के बाद लोगों के पास दो विकल्प आ गए। इनमें तीसरा हथियार हो गया, वो किसी काम का नहीं है तो उसे निष्क्रीय करवा लो
  • दूसरा विकल्प यह पुराने हथियार हर साल रिन्यूअल कराने के झंझट से मुक्ति अर्थात लाइसेंस तीसरे हथियार के रूप में हटवाकर घर रख सकते हैं
  • हालांकि इन हथियारों को घर ही रखा जा सकता है, कहीं नहीं ले जा सके हैं
  • किसी शस्त्रधारी को अपने लाइसेंस पर दर्ज फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने का आवेदन करने पर यह कार्रवाई की जाएगी
  • आवेदक के पास वैद्य लाइसेंस होना जरूरी है
  • फायर आर्म्स को निष्क्रिय करने क लिए पुलिस लाइन के आर्मोरर को निर्देश दिया जाएगा
  • इसके बाद आवेदक निर्धारित तारीख पर आर्मोरर से हथियार निष्क्रिय करवाएगा
  • इसके बाद आर्मोरर हथियार निष्क्रियीकरण का प्रमाण पत्र जारी करेगा
  • इसके बाद कलेक्टर-कमिश्नर प्रमाण पत्र क आधार पर फायर आर्म्स को लाइसेंस से डिलीट करने के आदेश जारी करेंगे
  • आवेदक निष्क्रिय किए गए फायर आर्म्स का पुन: उपयोग, मरम्मत और परिवहन नहीं करेगा, केवल सुरक्षित रख सकेगा
  • प्राधिकृत अधिकारी निष्क्रिय किए गए हथियारों और उनके मालिकों का रिकॉर्ड रखेगा

 

 

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