मंत्री गड़करी ने सीएम गहलोत को इसलिए लिखा पत्र, कि CM ने विभाग को तुरंत कार्रवाई करने दिए निर्देश
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मंत्री गड़करी ने सीएम गहलोत को इसलिए लिखा पत्र, कि CM ने विभाग को तुरंत कार्रवाई करने दिए निर्देश

Jaipur News: केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को पत्र लिखकर इस महत्वपूर्ण काम पर कार्रवाई करने की अनुशंषा की है. इसके चलते ही गहलोत ने गृह विभाग को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. 

मंत्री गड़करी ने सीएम गहलोत को इसलिए लिखा पत्र, कि CM ने विभाग को तुरंत कार्रवाई करने दिए निर्देश

Jaipur News: राजस्थान सहित देश में हो रही सड़क दुर्घटनाएं और उनमें हो रही मौतें चिंता का कारण बनी हुई हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हाइवे या एक्सप्रेस वे पर हो रही हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हाइवे पुलिस की स्थापना का सुझाव दिया है. इसके लिए पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई करने की अनुशंषा की है. वहीं, सीएम गहलोत ने राज्य के गृह विभाग को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. 

विश्व में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में 11% के साथ भारत दुनिया में सबसे ऊपर है. सड़क नेटवर्क के तेजी से विस्तार और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में वर्ष 2020 के दौरान कुल 3 लाख, 66 हजार 138 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1 लाख 31 हजार 714 लोगों की मौत हुई और 3 लाख 48 हजार 279 लोग घायल हुए. राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर ही 2020 में हुई दुर्घटनाओं में 47 हजार 984 लोगों की जान चली गई. मंत्रालय का मानना है कि देश में सड़क दुर्घटनाओं की एक बढ़ती संख्या के पीछे हाइवे पर एनफोर्समेंट के सीमित संसाधन होना है. 

इधर, देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में 6.8 प्रतिशत राजस्थान में होती हैं. सड़क दुर्घनाओं के मामले में देश में राजस्थान में नौवें और सड़क हादसों में मौतों के मामले में चौथे नंबर पर है. राजस्थान में भी सड़क हादसों में सिर्फ 40 प्रतिशत जयपुर, जोधपुर, अलवर, अजमेर और उदयपुर में होते हैं. सड़क राज्य परिवहन मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2017 से 2021 के बीच देशभर में 17 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई, इनमें 85 हजार राजस्थान में हुई. 

राजस्थान में तीन साल में हुई सड़क दुर्घटनाओं को देखें तो हर साल सड़क हादसें, उनमें होने वाली मौतें और घायलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 
वर्ष 2020 में 19 हजार 114 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 9 हजार 250 ने जान गंवाईं, इनमें नेशनल हाइवे पर 3358 लोगों की मौत हुई, वहीं 5 हजार 80 घायल हुए. वहीं, इस साल स्टेट हाईवे पर हुए हादसों में 1808 जनों ने दम तोड़ा, 2813 घायल हुए. 
वर्ष 2021 में सड़क हादसों की संख्या 20 हजार 951 हो गई, वहीं मरने वालों की संख्या दस हजार को पार कर गई. इनमें हाइवे पर 3875 लोगों ने दम तोड़ा और 6057 घायल हुए. इस साल स्टेट हाईवे पर हुए हादसों में 1961 जनों ने दम तोड़ा, 3392 घायल हुए. 
इसी तरह वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाएं बढ़कर 23 हजार 614 हो गई, इनमें 11 हजार 104 लोगों ने जान गंवाई. वहीं हाइवे पर सड़क हादसों में 4118 ने दम तोड़ा और 6 हजार 950 घायल हुए. इस साल स्टेट हाइवे पर हुए हादसों में 2233 जनों ने दम तोड़ा, 4036 घायल हुए. 

इधर, राज्य सरकार ने हाईवे पर प्रत्येक 50 किलोमीटर पर ट्रैफिक एड पोस्ट गठित करने की बजट घोषणा कर रखी है, लेकिन अभी इस पर काम ही चल रहा है. 

कन्हैयालाल स्वामी, परिवहन आयुक्त राजस्थान का कहना 
इधर सड़क परिवहन मंत्रालय का मानना है कि वर्तमान में नेशनल हाइवे की निगरानी स्थानीय पुलिस की ओर से की जाती है. स्थानीय पुलिस ज्यादातर समन्वय और एक-दूसरे की सीमा के विवाद में उलझी रहती है, क्योंकि राजमार्ग कई जिलों से होकर गुजरता है. ऐसे में मंत्रालय का मानना है कि हाइवे पर पुलिस तंत्र को मजबूत किया जाए. 

इसके बाद मंत्रालय की ओर से राज्य, केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को एक समर्पित राजमार्ग पुलिस विभाग का गठन करने की अनुशंषा की गई. इसे राज्य हाइवे पुलिस कहा जाएगा. इस पुलिस के पास राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर यातायात की निगरानी, ​​नियंत्रण और विनियमन की एकमात्र जिम्मेदारी होगी.

मंत्रालय ने पत्र में लिखा है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 से अपनी सक्षम शक्ति प्राप्त करने वाली राज्य सरकार इस संबंध में एक कानून बना सकती है और राज्य क्षेत्र की हाइवे पुलिस को ये शक्तियां और ड्यूटी सौंप सकती है: 
यातायात प्रबंधन, बेहतर यातायात संचालन के लिए. 
यातायात उल्लंघनों का पता लगाने और अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर गश्त करना. 
दुर्घटना की जांच, दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए. आपातकालीन प्रतिक्रिया, जिसमें दुर्घटना को सुरक्षित करना शामिल हैं.
सुरक्षित ड्राइविंग के उपायों को अपनाने के लिए सड़क पर चलने वालों को शिक्षित करना.
इसके अलावा मंत्रालय ने अनुशंषा की है कि राज्य-केंद्र शासित प्रदेश हाइवे पुलिस को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के साथ-साथ नियमित अंतराल पर हाइवे पुलिस स्टेशनों की स्थापना करनी चाहिए ताकि दिए गए राजमार्ग खंड पर पुलिसिंग की दक्षता और प्रभावशील हो सकें. रेलवे पुलिस थानों और महाराष्ट्र राज्य राजमार्ग पुलिस के मॉडल का प्रारूप अपनाया लिया जा सकता है. 

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