Monkeypox Virus : 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स दे चुका है दस्तक, कोविड 19 से अलग है ये वायरस
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Monkeypox Virus : 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स दे चुका है दस्तक, कोविड 19 से अलग है ये वायरस

Monkeypox Virus : WHO के मुताबिक ये आंकड़ा बढ़ सकता है. जिन 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के मामले आये हैं. उनमें से महज 4 WHO के क्षेत्र में हैं. WHO ने भी बताया कि ये वायरस बहुत पुराना है. कई दशकों से फैल रहा है. लेकिन इस वायरस पर हमेशा ही कम ध्यान दिया गया.

Monkeypox Virus : 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स दे चुका है दस्तक, कोविड 19 से अलग है ये वायरस

Monkeypox Virus : WHO के मुताबिक दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़कर 200 हो गये हैं और 20 देशों में ये मामले सामने आये हैं. WHO की तरफ से इन देशों के एहतियात बरतने का आग्रह किया गया है. WHO की आपातकालीन रोग इकाई में कोविड 19 प्रतिक्रिया की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा कि हमारे पास लगभग 200 पुष्ट मामले और 100 से ज्यादा संदिग्ध मामलों की जानकारी हैं.

WHO के मुताबिक ये आंकड़ा बढ़ सकता है. जिन 20 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के मामले आये हैं. उनमें से महज 4 WHO के क्षेत्र में हैं. WHO ने भी बताया कि ये वायरस बहुत पुराना है. कई दशकों से फैल रहा है. लेकिन इस वायरस पर हमेशा ही कम ध्यान दिया गया.

WHO के एक अधिकारी के मुताबिक मंकीपॉक्स कोविड19 के समान नहीं हैं, और हम उस तरह के विस्तार को नहीं दे रहे हैं. मंकीपॉक्स मुख्य रुप से शारीरिक संपर्क, त्वचा से त्वचा के संपर्क से फैलता है. इसमें यौन संपर्क भी शामिल है. दरअसल मंकीपॉक्स एक वायरस जूनोसिस( जो जानवरों से मनुष्यों में संचारित होने वाला वायरस है ) है, जिसमें चेचक के रोगियों में पहले देखे गये लक्षण फिर से दिख रहे हैं. जो ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है.

मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, दाने और सूजी हुई लिम्फ नोड्स वाली बीमारी है. जो सामान्यत 2-4 हफ्ते में ठीक हो जाती है, विशेष हालात में ये बीमारी जटिल हो सकती है. दुनिया के कई देशों में लगातार आ रहे मंकीपॉक्स के मामलों के बाद  देश में एनसीडीसी (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) को भारत सरकार ने अलर्ट जारी किया है. 

अलर्ट में मंकीपॉक्स की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और लक्षण वाले यात्रियों के नमूने राष्ट्रीय संस्थान को भेजने का कहा  गया है. WHO की मानें तो मंकीपॉक्स कम्यूनिटी में फैल सकता है लेकिन किस स्तर पर ये फैलेगा ये बताया मुश्किल है. इस वायरस से मृत्यु दर 3-6 प्रतिशत दर्ज की गयी है.

कुछ विशेषओं का कहना है कि चेचक की वैक्सीन का इस्तेमाल मंकीपॉक्स के खिलाफ भी किया जा सकता है. हालांकि WHO के मुताबिक ये स्पष्ट नहीं है कि दुनिया में कितने देशों के पास चेचक की वैक्सीन है और कितनी मात्रा में हैं. चेचक की वैक्सीन मंकीपॉक्स में 85 फीसदी तक कारगर है.

(एजेंसी)

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