CM अशोक गहलोत गुट के खिलाफ पायलट कैंप का नया दांव, इस्तीफा विवाद में की जांच की मांग
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CM अशोक गहलोत गुट के खिलाफ पायलट कैंप का नया दांव, इस्तीफा विवाद में की जांच की मांग

Jaipur News: राजस्थान में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने का मामला बड़ा होता जा रहा है. अब पायलट कैंप गहलोत पर हमलावर हो गया है. इस मामले में विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत ने आलाकमान से जांच की मांग कर दी है. 

 

CM अशोक गहलोत गुट के खिलाफ पायलट कैंप का नया दांव, इस्तीफा विवाद में की जांच की मांग

Jaipur: राजस्थान में कांग्रेस (Congress) के 81 विधायकों के इस्तीफा देने का मामला तूल पकड़ रहा है. बीजेपी (BJP) के बाद पायलट कैंप गहलोत पर हमलावर हो गया है. पायलट कैंप के विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत (Dipendra Singh Shekhawat) ने कांग्रेस आलाकमान से जांच की मांग की है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मैं नहीं जानता कि विधायकों पर त्यागपत्र देने का किसका दबाव था. लेकिन अगर कोर्ट में एफीडेविट दिया गया है, तो फिर यह जांच का विषय है. शेखावत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को इस मामले की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक भाजपा के सदस्य ने भी इसमें रिजाइन दिया था. भाजपा इस मामले में राजनीतिक षड्यंत्र चाहती है.

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने जयपुर (Jaipur) में मीडिया से बात के दौरान दावा किया है कि इस्तीफों को स्वीकार लिए जाते तो सरकार भी गिर सकती थी. उन्होंने कहा कि अब इस मामले से पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि यह मामला अब सेटल हो गया है, लेकिन अगर रिजाइन स्वीकार हो जाते तो राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिर सकती थी. शेखावत ने कहा कि जो सदस्य विस में चुनकर आता है, वो किसी दबाव में नहीं आता. वो अपने विवेक से काम करता है. नियमों में तो यहां तक प्रावधान है कि अगर दबाव, लालच हो तो कानून का उल्लंघन है. उन्होंने कहा 'हम लोगों पर कोई दबाव नहीं था, और हम तो विधायक दल की बैठक में शामिल होने CM के आवास पर गए थे'. 

बता दें, BJP ने इस्तीफों के लिए प्रेशर बनाने का आधार बना कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों के विरुद्ध विधानसभा सचिव को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है. 25 सितंबर को स्पीकर के समक्ष पेश होकर बाकी विधायकों के रिजाइन सौंपने वाले 6 मंत्री-विधायकों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़(Rajendra Rathore) ने सीएम के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सौंपा है.

संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के विरुद्ध BJP विधायक अशोक लाहोटी ने और मंत्री महेश जोशी के खिलाफ रामलाल शर्मा ने विशेषाधिकार हनन को समन दिया है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक वासुदेव देवनानी ने मंत्री रामलाल जाट, अनिता भदेल (Anita Bhadel) ने सरकारी उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी और जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस MLA रफीक खान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को नोटिस दिया है. भाजपा ने इस नोटिस में विधानसभा सचिव के हाईकोर्ट में दिए गए जवाब को ही आधार बनाया है. जिसमें मर्जी से इस्तीफे नहीं दिए जाने का जिक्र है. बीजेपी ने तर्क दिया है कि स्पीकर के सामने पेश होने वाले 6 मंत्री-विधायकों ने बाकी 75 विधायकों पर रिजाइन देने के लिए दबाव बनाया, जो एक विधायक के विशेष अधिकार का सीधा हनन है.

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