Jaipur news: चिकित्सक शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, सैलरी में संशोधन की मांग
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Jaipur news: चिकित्सक शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, सैलरी में संशोधन की मांग

राजस्थान के चिकित्सक शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज अपनी मांगों को राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने JMA सभागार में चेतना यज्ञ किया. शिक्षकों ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते हुए 1 महीने काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर करते किया था. 

Jaipur news: चिकित्सक शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, सैलरी में संशोधन की मांग

Jaipur news: राजस्थान के चिकित्सक शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आज अपनी मांगों को राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने JMA सभागार में चेतना यज्ञ किया. इस चेतना यज्ञ में मेडिकल टीचर्स के साथ साथ मेडिकल स्टूडेंट्स भी शामिल हुए जो चर्चा का विषय बना कि आखिर मेडिकल टीचर्स की मांगों को लेकर मेडिकल स्टूडेंट्स क्यों विरोध का हिस्सा बने.चिकित्सक शिक्षक एकेडमिक भत्ता, कांफ्रेंस के नियमों में सरलीकरण, परामर्श शुल्क में बढ़ोतरी जैसी 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. 

एकेडमिक एलाउंस में संशोधन
बीते दिनों चिकित्सक शिक्षकों ने अपनी मांगों को सरकार के सामने रखते हुए 1 महीने काली पट्टी बांधकर विरोध जाहिर करते किया था. जिसके बाद एक कमेटी बनाई गई, लेकिन कमेटी के सामने मांगों को रखने के बावजूद 25 दिन बीत गए. अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया. राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ धनंजय अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सक शिक्षक को एकेडमिक एलाउंस ₹229 प्रतिमाह मिलता है. और बीते 30 साल से यही स्थिति बनी हुई है. जबकि एम्स जोधपुर में चिकित्सक शिक्षक को प्रतिमाह ₹20000 एकेडमिक एलाउंस मिलता है, इसके अलावा करीब डेढ़ लाख रुपए अन्य एकेडमी एक्टिविटी के लिए दिए जाते हैं.

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 इसे राज्य सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी ने भी माना. लेकिन इस पर में कोई आर्डर अब तक नहीं निकाला गया. वहीं 2011 में तत्कालीन सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई गई थी. जिसमें परामर्श शुल्क निर्धारित किया गया था और 2014, 2016 में भी इसी तरह परामर्श शुल्क बढ़ाने को लेकर मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों की एक कमेटी की ओर से रिकमेंडेशन दी गई थी. लेकिन 12 साल से परामर्श शुल्क नहीं बढ़ाया गया है.

परामर्श शुल्क भी बढ़ाने की मांग 
 ऐसे में परामर्श शुल्क भी बढ़ाने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि इसी तरह की करीब 15 मांगों को सेक्रेटरी के सामने रखा गया, तो उन्होंने अधिकतर मांगों को जायज माना था. लेकिन उन पर अब तक कार्रवाई नहीं की गई है.आज JMA में चेतना यज्ञ रखा गया लेकिन इसके बाद भी सरकार नहीं चेतती है तो आईएमए, रेजिडेंट डॉक्टर और प्राइवेट डॉक्टर के साथ मिलकर पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जाएगा. हालांकि इस कार्य बहिष्कार से इमरजेंसी सेवाओं और आईसीयू सेवाओं को दूर रखा जाएगा.

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