Jaipur News: प्रदेश के 1.20 लाख वकीलों की सुरक्षा वाले एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को विधानसभा में पारित करने के साथ ही वकीलों का गत 20 फरवरी चल रहा न्यायिक कार्य बहिष्कार भी खत्म हो गया.
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Jaipur News: प्रदेश के 1.20 लाख वकीलों की सुरक्षा वाले एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को विधानसभा में पारित करने के साथ ही वकीलों का गत 20 फरवरी चल रहा न्यायिक कार्य बहिष्कार भी खत्म हो गया. वहीं राजस्थान भी देशभर में पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां वकीलों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने कानून बनाया है.
द बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष और संघर्ष समिति के मुख्य संयोजक कमल किशोर शर्मा ने बताया कि जयपुर और जोधपुर के पांचों मुख्य संयोजकों से हुई वार्ता के बाद वकीलों ने बुधवार से स्वैच्छिक तौर पर चल रहे न्यायिक कार्य बहिष्कार को वापस लेने का फैसला लिया ह. वकील बुधवार से कोर्ट में नियमित तौर पर न्यायिक कार्य करेंगे. वहीं बिल पारित होने पर बीसीआर के चेयरमैन घनश्याम सिंह राठौड, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र शांडिल्य व महासचिव बलराम वशिष्ठ, द डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष विवेक शर्मा व महासचिव गजराज सिंह राजावत और सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेन्द्र जैन सहित अधिवक्ता शेरसिंह महला और विकास सोमानी ने सीएम अशोक गहलोत व विधि मंत्री शांति धारीवाल का आभार जताया है.
एएजी विभूति और पूर्व महासचिव की भूमिका रही प्रभावी
वकीलों के प्रोटेक्शन अधिनियम को धरातल पर आने में वैसे से वकील समुदाय लंबे समय से मांग रहा था और बीते एक माह से सभी अधिवक्ता न्यायिक बहिष्कार करते हुए प्रोटेक्शन कानून की मांग कर रहे थे, लेकिन कानून को पारित होने तक की यात्रा में अतिरिक्त महाधिवक्ता विभूति भूषण शर्मा और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा की प्रभावी भूमिका रही. प्रहलाद शर्मा ने हाईकोर्ट में इस संबंध में जनहित याचिका दायर कर प्रोटेक्शन एक्ट की नींव तैयार की, जबकि एएजी विभूति भूषण शर्मा ने वकीलों और राज्य सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने में अपनी भूमिका निभाई.