खेलों में ये कैसा हो रहा खेल, देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी नौकरी से कोसों दूर!
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खेलों में ये कैसा हो रहा खेल, देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी नौकरी से कोसों दूर!

साल 2019 में राजस्थान पुलिस ने सब इंस्पेक्टर के पदों पर खेल कोटे से भर्ती निकाली गई. उस समय उन्हीं खिलाड़ियों के आवेदन स्वीकार किए गए जिनके पास भर्ती से 5 साल पहले के सर्टिफिकेट थे लेकिन EWS आरक्षण के चलते भर्ती के आवेदन फिर से खोले गए लेकिन नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया. 

अंजली शर्मा ने देश का प्रतिनिधित्व तो किया लेकिन सरकारी नौकरी के रास्ते में नियम रोड़ा बन रहे हैं.

Jaipur: एसएमएस स्टेडियम के इंडोर हॉल में खेल कोटे से पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के पदों पर भर्ती प्रक्रिया के तहत ट्रायल आयोजित हो रहे हैं लेकिन भर्ती में नियम कुछ खिलाड़ियों पर भारी पड़ते हुए नजर आ रहे हैं, जिन्होंने देश का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया है ऐसी ही एक खिलाड़ी है मध्यप्रदेश की अंजली शर्मा.

अंजली शर्मा ने देश का प्रतिनिधित्व तो किया लेकिन सरकारी नौकरी के रास्ते में नियम रोड़ा बन रहे हैं.

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गौरतलब है कि साल 2019 में राजस्थान पुलिस ने सब इंस्पेक्टर के पदों पर खेल कोटे से भर्ती निकाली गई. उस समय उन्हीं खिलाड़ियों के आवेदन स्वीकार किए गए जिनके पास भर्ती से 5 साल पहले के सर्टिफिकेट थे लेकिन EWS आरक्षण के चलते भर्ती के आवेदन फिर से खोले गए लेकिन नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया. अंजली शर्मा ने भी 2021 में आवेदन तो किया लेकिन बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भाग लेने का अंजली का सर्टिफिकेट 2015 का था लेकिन साल 2021 में हुए रि-आवेदन में आवेदन करने के चलते अंजली को वर्ल्ड चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने की योग्यता 5 साल से ज्यादा मानते हुए अब ट्रायल में हिस्सा लेने नहीं दिया गया जबकि साल 2019 में जिन खिलाड़ियों ने आवेदन किया उनकी योग्यता साल 2014 से निर्धारित की जा रही है. ऐसे में योग्यता के दौहरे मापदंड के चलते अंजली शर्मा ट्रायल से बाहर हो गई है.

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पिछले दो दिनों से एसएमएस स्टेडियम में ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए चक्कर काट रही अंजली शर्मा का कहना है कि "बॉक्सिंग वर्ल्ड चैम्पियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी नियमों की आड़ में सरकारी नौकरी से वंचित किया जा रहा है. जब भर्ती प्रक्रिया एक है और नियम भी समान है तो फिर दोबारा आवेदन की तिथि को कैसे गिना जा सकता है. जब भर्ती 2019 में निकाली गई थी तो नियम भी 2019 के ही लागू होने चाहिए. नियमों का हवाला देकर अब ना तो ट्रायल में शामिल किया जा रहा है और ना ही किसी प्रकार का जवाब दिया जा रहा है."

जब इस पूरे मामले पर संबंधित लोगों से बात करने की कोशिश की गई तो उनकी ओर से नियमों का हवाला देते हुए जवाब देने से इनकार कर दिया गया.

 

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