नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा में गदर, हंगामा और भ्रष्टाचार की सुनाई दी गूंज
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नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा में गदर, हंगामा और भ्रष्टाचार की सुनाई दी गूंज

नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में हंगामा और भ्रष्टाचार की गूंज सुनाई दी. पार्षदों ने एक दूसरे पर चौथ-वसूली के आरोप लगाए तो विकास के काम नहीं होने से सदन में पार्षदों ने खूब खरी-खोटी सुनाई.

नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा में गदर, हंगामा और भ्रष्टाचार की सुनाई दी गूंज

Jaipur: नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में हंगामा और भ्रष्टाचार की गूंज सुनाई दी. पार्षदों ने एक दूसरे पर चौथ-वसूली के आरोप लगाए तो विकास के काम नहीं होने से सदन में पार्षदों ने खूब खरी-खोटी सुनाई.

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इस बार की बैठक में जोन स्तर और इंजीनियर विंग के अधिकारी पार्षदों के टारगेट पर रहे. पार्षदों का आरोप था कि अधिकारी काम नहीं कर रहे हैं और जनता की गालियां हमें सुननी पड़ रही है. पार्षद सुशीला बारी ने तो यहां तक कह दिया कि 18 महीने में 18 रुपये का भी काम नहीं हुआ है. मेरे वार्ड में दौरा करने भी मत आ जाना. स्वागत की जगह जूते पड़ने की नौबत आ सकती है.

वहीं शहर की बदहाल रोड लाइट व्यवस्था को लेकर विद्युत समिति की चेयरमैन सुखप्रीत बंसल ने सवाल उठाए और विद्युत का काम देख रही दोनों कंपनियों को ब्लैक लिसट करने की मांग की. उधर कांग्रेस पार्षद ओमप्रकाश द्वारा भाजपा समर्थित निर्दलीय पार्षद रणवीर को अपशब्द कहने पर जमकर हंगामा हुआ, जिसके चलते बैठक को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. विद्युत शाखा के चेयरमैन सुखप्रीत बंसल ने विद्युत शाखा को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि विद्युत शाखा में भ्रष्टाचार का नंगा नाच चल रहा है. 

हिंगोनिया गौशाला में 270 लाइटें लगाई गई, जिनमें से 70 लाइटें बंद हो चुकी हैं. 25 लाइटें कम रोशनी दे रही है, जिस कंपनी ने लाइटें लगाई उसको मेंटिनेंस करनी थी लेकिन कंपनी अब मेंटिनेंस का काम भी नहीं कर रही है. पूरी तरीके से कंपनी फेलियर है. हर पार्षद लाइट की समस्या लेकर प्रताड़ित है. पार्षदों ने आरोप लगाया कि एक्सईएन फोन नहीं उठाते हैं और जनता की गालियां हमें सुननी पड़ती है. इस दौरान बंसल ने कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की. बैठक के पहले प्रस्ताव पर ही कांग्रेस और भाजपा पार्षदों ने सवाल उठा दिए.

उप महापौर पुनीत कर्णावट सहित कई पार्षदों ने कहा कि जब मेयर और आयुक्त को ट्रांसफर का अधिकार है तो ये प्रस्ताव लाया ही क्यों गया? दरअसल, निगम निगम ग्रेटर में तैनात कर्मचारी इन दिनों जनप्रतिनिधियों की सुन नहीं रहे हैं. यहीं कारण है कि नगर निगम में ऐसे कर्मचारियों की कुर्सी हिलाने के लिए बोर्ड बैठक में 2 साल से एक ही सीट से हटाने का प्रस्ताव लाना पड़ा है. इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि सरकार की ओर से ट्रांसफर को लेकर जो पॉलिसी बनाई गई है उसकी अक्षरशः पालना की जाए.

नगर निगम में चल रही साधारण सभा में प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन जब एजेण्डे की मूल कॉपी आई तो उसमें उन कर्मचारियों के ट्रांसफर का उल्लेख था, जो नगर निगम की किसी न किसी शाखा में 2 साल या उससे ज्यादा समय से बैठे हैं. ऐसे कर्मचारियों को निगम की कार्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए हटाकर दूसरी जगह लगाने के लिए कहा गया. प्रस्ताव पर डिप्टी मेयर समेत दूसरे पार्षदों ने अपनी राय रखते हुए इस प्रस्ताव पर सवाल उठाए और कहा कि ये कार्यव्यवस्था पहले से है और प्रशासनिक स्तर पर इसे किया जाना चाहिए.

प्रस्ताव संख्या 2 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में उलझ गए. कांग्रेस पार्षद राजुला सिंह ने अपने वार्ड में एक अवैध निर्माण पर हो रही कार्यवाही को रूकवाने के लिए डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट पर फोन करके रूकवाने का आरोप लगाया. इस पर कर्णावट ने पार्षद राजुला के पति वेदप्रकाश पर गरीबों के मकान तुड़वाने और थड़ी-ठेले वालों को परेशान कर उनसे चौथ वसूली करने के गंभीर आरोप लगा दिए. इसी बीच कांग्रेस पार्षद दिव्या सिंह ने मेयर सौम्या गुर्जर को कहा कि आप औरत है या नहीं, महिला की इतनी बेइज्जती हो रही है और आप बैठकर सुन रही है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद हंगामा करते रहे.

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