स्वच्छ भारत मिशन की तस्वीर अभी भी अधूरी, प्रशासन गांवों के संग अभियान में 1 लाख परिवार रह जाएंगे योजना से वंचित
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स्वच्छ भारत मिशन की तस्वीर अभी भी अधूरी, प्रशासन गांवों के संग अभियान में 1 लाख परिवार रह जाएंगे योजना से वंचित

राजस्थान में स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) की तस्वीर अभी भी अधूरी दिखाई दे रही है, क्योंकि प्रशासन गांवों के संग अभियान में अधूरे पात्र परिवारों को शौचालयों का भुगतान हो पाएगा. 

फाइल फोटो

Jaipur: राजस्थान में स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) की तस्वीर अभी भी अधूरी दिखाई दे रही है, क्योंकि प्रशासन गांवों के संग अभियान में अधूरे पात्र परिवारों को शौचालयों का भुगतान हो पाएगा. लेकिन बहुत से परिवार ऐसे होंगे, जिन्हें अभी भी इस योजना की राशि के लिए लंबा इतंजार करना होगा. 

प्रशासन गावों के संग अभियान में अधूरी सूची-

राज्य में स्वच्छ भारत मिशन में शौचालयों के पैमेंट का मुद्दा ज़ी मीडिया ने प्रमुखता से उठाया तो सरकारी सिस्टम की धुंधली तस्वीर साफ होने लगी, लेकिन अभी भी तस्वीर अधूरी दिखाई दे रही है. क्योंकि पंचायतीराज विभाग ने प्रशासन गांवों के संग अभियान में स्वच्छ भारत मिशन के जिन पात्र परिवारों का चिंहित किया है, वे अधूरे हैं. प्रदेश में 2 लाख 30 हजार परिवारों के खातों में सालों से शौचालय की राशि नहीं पहुंची, लेकिन प्रशासन गांवों के संग अभियान में केवल 1 लाख 56 हजार परिवारों को ही चिंहित किया गया. जिसमें भी बहुत से परिवार ऐसे हैं जिन्हें पात्रों की सूची में शामिल किया जाएगा. यानि करीब 1 लाख परिवार ऐसे हैं, जिन्हें शौचालयों के भुगतान का लंबा इतंजार होगा.

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ये 5 जिले, जहां सबसे ज्यादा पीड़ित परिवार
क्रम संख्या    जिला         पीड़ित परिवार

 1.           जैसलमेर             13755
 2.           सीकर                13400
 3.           गंगानगर              2903
 4.           जालोर                8870
 5.           बीकानेर              8634

क्या पैडेंसी के मामले ऐसे ही बढ़ते रहेंगे?
ज़ी राजस्थान पर खबर प्रसारित होने के बाद 2 दिन में 10 हजार परिवारों का भुगतान हुआ है. छुट्टी के दिन भी दफ्तर खुलकर शौचालयों (toilets) का भुगतान हुआ. इसके साथ साथ सभी जिला परिषद सीईओं को भी जल्द से जल्द भुगतान के निर्देश दिए गए, लेकिन प्रशासन गांवों के संग अभियान की सूची को एक बार फिर से संशोधित करने की जरूरत होगी. क्योंकि यदि अधूरे परिवारों को ही इस कैंप के जरिए राहत मिलेगी तो बहुत से परिवार फिर रह जाएंगे और ये आकंड़े लगातार ऐसे ही बढ़ते रहेंगे.

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