रीट पर्चा लीक मामले पर कटारिया की खरी-खरी, कहा- पिछली परीक्षा रद्द हो, नए सिरे से कराएं रीट
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रीट पर्चा लीक मामले पर कटारिया की खरी-खरी, कहा- पिछली परीक्षा रद्द हो, नए सिरे से कराएं रीट

रीट पर्चा लीक मामले (REET Paper Leak case Update) पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली (DP Jaroli dismissal) की बर्खास्तगी के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria On REET) ने पूरी प्रक्रिया के साथ ही जारोली को राजनीतिक संरक्षण देने वालों पर भी सवाल उठाए हैं. कटारिया ने कहा कि इस पूरे सिस्टम ने 16 लाख अभ्यर्थियों को परेशान किया है. 

गुलाबचंद कटारिया

Jaipur: रीट पर्चा लीक मामले (REET Paper Leak case Update) पर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली (DP Jaroli dismissal) की बर्खास्तगी के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulab Chand Kataria On REET) ने पूरी प्रक्रिया के साथ ही जारोली को राजनीतिक संरक्षण देने वालों पर भी सवाल उठाए हैं. कटारिया ने कहा कि इस पूरे सिस्टम ने 16 लाख अभ्यर्थियों को परेशान किया है. 

ऐसे में यह सरकार भी जाए तो जाए कटारिया (Gulab Chand Kataria On REET paper Leak) ने एसओजी के काम की तारीफ करते हुए कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई (CBI) करे या कोई और एजेन्सी करे, उससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि जांच में इतना तय होना चाहिए कि मौजूदा परीक्षा रद्द करके समयबद्ध तरीके से एक-दो महीने में जांच होनी चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने रीट पर्चा लीक (REET paper Leak) होने के मामले में कहा कि जब बाड़ ही खेत को खा जाए तो क्या बचा? उन्होंने कहा कि एसओजी ने जिस तरह इस केस को खोला उससे साफ हो गया कि जिन पर स्ट्रांग रूम में पेपर सुरक्षित रखने का ज़िम्मा था, उन्होंने ही पेपर बाहर निकाल दिया. कटारिया ने कहा कि यह साबित हो गया कि पेपर (REET) करोड़ों रुपए में बिका है और इससे बड़ा सबूत और कोई नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि बोर्ड अध्यक्ष के साथ इसमें जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. कटारिया ने गोविन्द डोटासरा (Govind Singh Dotasra) का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक संरक्षण देने वालों को क्लीन चिट कैसे दी जा सकती है.

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कटारिया ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने पूरे मामले में सरकार से कई सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि जयपुर (Jaipur News) में परीक्षा में प्राइवेट लोगों को क्यों लगाया? जब सभी जगह पेपर की सुरक्षा के लिए पुलिस लगाई थी तो जयपुर में पुलिस को अलग रखने के पीछे क्या तर्क था? कटारिया ने कहा कि बोर्ड द्वारा नियुक्त लोगों की भूमिका उजागर होने के बाद अब पेपर आउट होना भी जगजाहिर हो गया? सवाल यह भी उठता है कि यह पर्चा कहां-कहां गया?

कटारिया बोले इस परीक्षा में हुआ बच्चों के साथ हुआ खिलवाड़ 
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस परीक्षा (REET Exam) में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ है. उन्होंने पूर्ववर्ती शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द डोटासरा का बिना नाम लिए उन पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बिना मंत्री की शह के इतना बड़ा खेल नहीं हो सकता. कटारिया ने कहा कि सरकार में शर्म बाकी हो तो तत्कालीन शिक्षा मंत्री भी जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वे अध्यक्ष बनने के कारण हटे या उन्हें बदला गया हो, लेकिन उनको निर्दोष नहीं माना जा सकता, क्योंकि उनके बिना व्यवस्थाएं प्राइवेट हाथों में नहीं जा सकती.

कटारिया ने कहा कि इस परीक्षा में बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ हुआ. उन्होंने कहा कि अगर सही तरीके से जांच होगी तो इसके तार पूर्व शिक्षा मंत्री तक भी पुहंचेंगे. पर्चा लीक कराने वाले ज़िम्मेदार लोगों से हो खर्चे की वसूली. कटारिया ने कहा कि जांच में सारा काम एसओजी ने कर दिया है, लेकिन उस रिपोर्ट के आधार पर मुल्जिमों को आरोपी बनाकर उन सबसे इस परीक्षा का खर्चा वसूल करना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इनकी सारी प्रॉपर्टी सीज़ होनी चाहिए. पिछली परीक्षा रद्द हो, नये सिरे से कराएं रीट.

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछली रीट परीक्षा रद्द की जानी चाहिए. इतना खुलासा होने के बाद परीक्षा दोबारा करने की स्थिति निश्चित रूप से बन रही है. कटारिया बोले कि जिन्होंने पेपर लीक का फायदा उठाया उनकी बजाय मेहनत करने वाले बच्चों को भी न्याय मिलना चाहिए. अगर हज़ारों के पास यह पर्चा पहुंचा होगा तो क्या होगा तो क्या पता किसे फायदा मिला और किसे नहीं? उन्होंने कहा कि 16 लाख बच्चों के साथ खिलवाड़ हुआ है और इसके लिए तो अब यह सारी सरकार भी जाए तो जाए. जांच कोई एजेन्सी करे, लेकिन समयबद्ध हो. 

कटारिया ने कहा कि इस मामले में एसओजी ने बड़े खुलासे किए हैं. उन्होंने कहा कि स्ट्रांग रूम से पेपर निकल जाना बड़ी घटना होती है. ऐसे में इस मामले की जांच चाहे सीबीआई से कराई जाए या किसी अन्य एजेन्सी से, लेकिन वह समयबद्ध होनी चाहिए. कटारिया ने कहा कि अगर कोई एजेन्सी दो साल तक जांच नहीं पाई तो बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी एजेन्सी एक-दो महीने में पूरे मामले की जांच कर सके उसे ही ज़िम्मा दिया जाना चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष ने इस पूरे मामले में बड़ा खुलासा करने वाली एसओजी की पीठ भी थपथपाई है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्री होने के नाते वे पुलिस के कामकाज को नज़दीक से जानते हैं. उन्होंने कहा कि वे इस बात का भी गर्व करते हैं कि पुलिस में अभी इतना हिम्मतवाले अधिकारी हैं जो बड़ी गम्भीर और विकट घटनाओं का भी खुलासा कर सकते है. कटारिया ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को प्रोटेक्शन मिलना चाहिए और जो भी अभियुक्त हों उन्हें अन्दर डाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एसओजी के खुलासे के बाद ही इस मामले पर उग्र रिएक्शन आया. कटारिया ने इस खुलासे के लिए एसओजी की पूरी टीम को भी बधाई देते हुए इसे राजस्थान पुलिस के लिए सम्मानजनक बताया.

विधानसभा में विपक्ष उठाएगा रीट का मुद्दा
कटारिया ने कहा कि विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session) में इस मुद्दे की गूंज सुनाई देगी. उन्होंने कहा कि अगर वे यह कांड नहीं उठा सकते तो विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा सकते. उन्होंने कहा कि रीट पेपर (REET Exam 2021) को पुलिस सुरक्षा में नहीं रखना और प्राइवेट आदमी को लगाना गम्भीर मुद्दे हैं, जिनके जवाब प्रदेश की जनता चाहती है.

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