मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी पर जमकर बोला हमला, कहा- लोकतंत्र खतरे में है
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मुख्यमंत्री गहलोत ने बीजेपी पर जमकर बोला हमला, कहा- लोकतंत्र खतरे में है

विधि शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर राजधानी जयपुर में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन जयपुर के एक निजी होटल में आयोजित की गई. कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की 

अशोक गहलोत

Jaipur: विधि शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर राजधानी जयपुर में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन जयपुर के एक निजी होटल में आयोजित की गई. कार्यक्रम के समापन में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिरकत की तो वहीं कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव, नालसार के वीसी फैजान मुस्तफा सहित विधि के क्षेत्र की कई गणमान्य हस्तियों ने शिरकत की. सुबह 11 बजे राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत हुई, जिसमें विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन डॉ भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय द्वारा किया गया. 

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधि विवि के कुलपति डॉ. देव स्वरूप ने कहा कि "आज मेरे पास मुख्यमंत्री के लिए कोई शब्द नहीं है, बाबा साहब की जयंती आज है, बाबा साहब असंख्य लोगों की आवाज हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज सुबह से ही व्यस्त हैं, लेकिन इसके बाद भी मुख्यमंत्री जी समय निकालकर यहां आए हैं. मुख्यमंत्री ने इस यूनिवर्सिटी के लिए सब दिया, समय पर सभी कार्यों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं. कल रात को ही रात 12 बजे तक लगकर करीब 5 हजार विद्यार्थियों का परिणाम निकाला है. आज की तारीख में सभी 82 लॉ कॉलेज का पूरा डाटा हमारे पास है. शिक्षकों के अपॉइनमेंट का पूरा डाटा भी हमारे पास मौजूद है. 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि आज का दिन डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के होना और आज ही सेमिनार होना, आज अभी विद्यार्थियों ने पूरे दिन जो सुना वह काफी फायदेमंद रहेगा. 2013 में इस यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई, लेकिन दुर्भाग्य है कि पिछले सरकार ने इसको बंद कर दिया, अगर ये बंद नहीं होता तो ये यूनिवर्सिटी कहां होती ये कोई सोच नहीं सकता है. उस समय हमने इसका पुरजोर विरोध किया था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही इस यूनिवर्सिटी की शुरुआत की, और आज इस यूनिवर्सिटी के अंडर में 82 विधि कॉलेज संचालित हो रहे हैं. 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम में आकर बहुत खुशी हो रही है. मैंने ही इस कार्यक्रम का सुझाव दिया था. आज सुबह से यह मेरा चौथा प्रोग्राम है, और आगे एक और कार्यक्रम में जा रहा हूं, पिछले दिनों हमने पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जिसका पूरे देश में स्वागत हुआ, हमसे इसको लेकर किसी ने मांग नहीं की थी लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से हमने इसे लागू किया. पुरानी पेंशन स्कीम को हमने बजट में शामिल किया, और मेरे अलावा महज दो लोगों को ही इस घोषणा के बारे में जानकारी थी, जब हमने घोषणा की तो किसी को यकीन भी नहीं हुआ, उसके बाद से ही लगातार स्वागत का दौर जारी है. अभी भी 40-50 संगठन स्वागत करने के लिए कतार में है, लेकिन फिलहाल मैंने अभी मना कर रखा है. 

मैंने दो यूनिवर्सिटी खोली और बीजेपी सरकार ने उनको बंद कर दिया, लेकिन इन दोनों यूनिवर्सिटी को बंद करने का कहीं विरोध देखने को नहीं मिला. कम से कम लॉ यूनिवर्सिटी बंद होने पर विरोध में वकीलों को तो आगे आना चाहिए था, मैं सिर्फ टुकड़ों में बात करूंगा, इस विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था, लेकिन एक स्वरूप को मैंने टेलीफोन करके बुलाया और वह तुरंत मान गए, अगर कोई शपथ लेता है और उसके बाद उसे तोड़ता है तो कितना बुरा लगता है. लोग सविधान की शपथ लेकर उसको तोड़ रहे हैं. आज देश में संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, करौली में जो घटना हुई उस पर हमने कार्रवाई की, लेकिन बीजेपी वाले आरोप लगाने से पीछे नहीं है. 2 दिन तक लगातार 10 घंटे तक मैंने एसपी से बात की जिसके बाद रामनवमी पर विभिन्न धर्मों के लोगों ने फूल बरसाए. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए. उस समय में बॉर्डर पर गया था, वहां के हालात मैंने देखे थे, इतना करने के बाद भी इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थी, इसलिए किसी को अभिमान नहीं होना चाहिए कि वह हमेशा सरकार में रहेगा. हमारे देश में सभी जाति धर्म के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं. इंदिरा गांधी ने जान की बाजी लगा दी लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया. इंदिरा गांधी की हत्या हो गई, राजीव गांधी की हत्या हो गई लेकिन देश अखंड रहा, आज देश में जो स्थितियां हैं चाहे कार्यपालिका हो न्यायपालिका हो या विधायिका, मैंने भी लॉ की है बिना पढ़े हुए, (मजाक में), कभी-कभी पढ़ने से ही लॉ की पढ़ाई का काम चलता रहा, मुझे वो मजिस्ट्रेट अच्छे लगते हैं जो बिना सिफारिश के फैसला देते हैं. 

मैंने अपने जीवन में कभी किसी जज को सिफारिश नहीं की. सांसद बनने पर 1980 में मेरे पास एक बच्चा आया कि मेरी भर्ती की एक सिफारिश करनी है, लेकिन मेरे द्वारा सिफारिश करने से साफ इंकार कर दिया गया. अगर मैं तुम्हारी सिफारिश करूंगा तो कोई योग्य व्यक्ति ही बाहर निकलेगा, इसलिए समस्या का हल निकालने के लिए मैंने चुप रहने का फैसला लिया. 

हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है, यह लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है, राहुल गांधी जी ने एक बार कहा था कि बीजेपी और कांग्रेस और RSS की अपनी विचारधारा. एक समय में सीबीआई की अपनी साख हुआ करती थी. दिल्ली में घटना हुई थी आपको पता होगा की रात को 2 बजे पुलिस ने आकर सीबीआई के हेड क्वार्टर पर छापा मार दिया और उसे बंद कर दिया ताला लगा दिया, पिछले दिनों जोधपुर में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था. उस कार्यक्रम में राष्ट्रपति भी मौजूद थे. उस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के कई जज सहित न्यायपालिका से जुड़ी हुई बड़ी हस्तियां मौजूद थी. उस कार्यक्रम में जो मैंने बोला उसको बोल कर मजा आ गया. 

उस कार्यक्रम में मैंने अपने दिल की सभी बात सभी के सामने कहीं. इसलिए मैं आज किसी बात को रिपीट नहीं करना चाहता. अन्ना हजारे ने लोकपाल को लेकर आंदोलन किया था और आज वह लोकपाल कहां है किसी को पता तक नहीं है. प्रधानमंत्री का देश में जो ओहरा बना हुआ है, उसमें हिंदुत्व का तड़का लगा हुआ है. देश में आज भी बड़ी अजीब बनी हुई है. आज उन पर अटैक करने का मेरा मूड नहीं है. आज मैं बहुत ज्यादा चिंतित हूं यह मैं बता नहीं सकता. जनता रिपीट होगी या नहीं होगी इसके लिए तो जनता माई बाप है. 

उन्होंने आगे कहा कि उद्योगपति इसलिए नहीं बोल पा रहा है कि उनके ऊपर दबाव है, यहां मौजूद सभी लोगों से मैं अपील करना चाहता हूं. आज जो हालात बने हुए हैं उनको आप समझो. नई पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि कल का देश का भविष्य उन पर निर्भर करता है, लेकिन आज की नई पीढ़ी इस मोबाइल फोन से बाहर नहीं निकल पा रही है. पांच दोस्त अगर साथ बैठे हैं तो भी वह आपस में बात नहीं करते हैं बल्कि फोन पर भी लगे रहते हैं. 

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2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पूरा विश्व मना रहा है. सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने एक साथ सबके सामने बोला और बाद में उन चार में से एक जज सीजीआई बन जाते हैं. उस समय मैंने पूछा था कि वह उस समय सही थे या अब सही है, लेकिन क्या करें पूरे देश में हालात ऐसे बने हुए हैं. एक बार जब मैं भैरों सिंह शेखावत जी से मिलने पहुंचा, तो उन्होंने कहा था कि मेरे जीते जी कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी. उस समय मैंने शेखावत जी से कहा था कि 1 दिन कांग्रेस की सरकार बनेगी, और मैं भगवान से दुआ करता हूं कि आपकी उम्र लंबी हो, और आप मेरे द्वारा प्रदेश को चलाने के शासन को देखें. 

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