विरोध के आगे झुकी सरकार, गहलोत बोले- कोई किरकिरी नहीं हुई
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विरोध के आगे झुकी सरकार, गहलोत बोले- कोई किरकिरी नहीं हुई

Ashok Gehlot : एसीबी की तरफ़ से ट्रैप में आए भ्रष्ट कार्मिकों का नाम जारी नहीं करने के आदेश वापसी पर अशोक गहलोत ने कहा है कि इससे सरकार की कोई किरकिरी नहीं हुई है.

विरोध के आगे झुकी सरकार, गहलोत बोले- कोई किरकिरी नहीं हुई

Ashok Gehlot : एसीबी की तरफ़ से ट्रैप में आए भ्रष्ट कार्मिकों का नाम जारी नहीं करने को लेकर जारी आदेश वापस ले लिया गया है. इस आदेश को लेकर विपक्ष ने भी सरकार की नीयत पर सवाल उठाये थे. अब भ्रष्टाचारियों का नाम और पहचान छिपाने का आदेश वापस होने के बाद मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने कहा है कि इस आदेश को वापस लेने से सरकार की कोई किरकिरी नहीं हुई है. सीएम ने कहा कि वे तो खुद कह रहे थे कि आदेश में कुछ गलत हुआ तो इसे वापस ले लेंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि पिछली बीजेपी सरकार ने तो ऐसे मामले में कानून पास करके मीडिया में भ्रष्ट लोगों की जानकारी प्रकाशित और प्रसारित करने पर पाबंदी लगाई थी. गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार के कानून और एसीबी के हालिया आदेश में रात-दिन का फर्क है. सीएम ने कहा कि उनके काले कानून के खिलाफ तो मीडिया ने भी अभियान चलाया था.

गहलोत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसीबी ने पिछले चार साल में जो काम किया है वह हिन्दुस्तान के किसी भी राज्य में नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपनी जिम्मेदारी और भूमिका नहीं निभाई. सीएम बोले कि, विपक्ष को अच्छे काम की तारीफ़ करने की बजाय आलोचना करने में व्यस्त है और यही कारण है कि उनकी उनकी जन आक्रोश रैली फैल हुई है.

ओपीएस पर बोले सीएम गहलोत

राजस्थान में ओल्ड पेंशन स्कीम यानि ओपीएस लागू करने की घोषणा पर वित्त आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोन्टेक सिंह आहलूवालिया की तरफ़ से उठाये गए सवाल के बाद मुख्यमन्त्री ने एक बार फिर सभी आशंकाओं को खारिज किया है. सीएम ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज़ादी के बाद से अब तक ओपीएस के रहते हुए भी देश ने प्रगति की ही है.

साथ ही उन्होंने कहा कि यदि हम कर्मचारी को पेंशन नहीं देंगे तो वो अपने बुढ़ापे की चिंता में करप्शन करने की सोचेगा. ऐसे में हम जनता को गुड गर्वमेंस कैसे दे सकेंगे? आज कर्मचारी नौकरी में अपने जीवन के 35 साल देता है, तो क्या उस व्यक्ति को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा का अधिकार नहीं है. गहलोत ने कहा कि आज केन्द्र सरकार आर्मी को ओपीएस दे रही है, जबकि बीएसएफ, इंडो तिब्बत पुलिस फोर्स समेत दूसरी पैरामिलिट्री एजेंसियों को एनपीएस दे रही है. सीएम ने सवाल उठाते हुए कहा कि केन्द्र ऐसा भेदभाव क्यों कर रहा है?

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