आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों से हार्ट अटैक आने से पहले ही लग जाएगा पता, जयपुर में जुटे दिग्गज हार्ट स्पेशलिस्ट
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों से हार्ट अटैक आने से पहले ही लग जाएगा पता, जयपुर में जुटे दिग्गज हार्ट स्पेशलिस्ट

कोविड-19 के बाद देश में  हृदय रोगियों की संख्या बढ़ी है. देश के कई बड़े हार्ट स्पेशलिस्ट जयपुर में जुटे हैं.  हार्ट से जुड़ी बीमारियों और ईलाज की नई तकनीकों पर हुआ मंथन हुआ. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकों से दिल के दौरे का पहले ही पता लगा लिया जा सकेगा.  

 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीनों से हार्ट अटैक आने से पहले ही लग जाएगा पता, जयपुर में जुटे दिग्गज हार्ट स्पेशलिस्ट

Jaipur News: कोरोना के बाद लोगों में दिल से जुड़ी दिक्कतें बढ़ी है और देश में हार्ट फेल होने के केसेज भी बढ़ें है. इस गंभीर विषय पर देश के एक्सपर्ट्स मंथन भी कर रहे है. हार्ट से जुड़े विषयों पर मंथन करने और नई तकनीकों पर चर्चा करने के लिए देश के हार्ट स्पेशलिस्ट जयपुर में एकत्रित हुए. इस सम्मेलन के आयोजन सचिव एवं विभागाध्यक्ष, रेडियोलॉजी, महाजन इमेजिंग एंड लैब्स, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर, डॉ. सुमन सिंघल ने बताया कि इस सम्मेलन में राज्य के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ, कार्डियक सर्जन, एनेस्थेटिस्ट और चिकित्सकों ने भाग लिया. 

एक दिवसीय सम्मेलन में महाजन इमेजिंग एंड लैब्स के संस्थापक एवं मुख्य रेडियोलॉजिस्ट एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. हर्ष महाजन, डॉ. टी.एस. क्लेर, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, फोर्टिस मेमोरियल अस्पताल, गुड़गांव में फोर्टिस हार्ट एंड वैस्कुलर इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष और पद्म भूषण अवार्डी और डॉ. सुमन सिंघल ने कार्डियक इमेजिंग तकनीकों में प्रगति के बारे में विभिन्न इंटरैक्टिव सत्रों में अपने विचार रखे.
 
राजस्थान में पहली बार उपलब्ध नई तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एमआरआई और सीटी स्कैन डॉक्टरों को बुजुर्गों और बच्चों सहित सभी हृदय रोगों का जल्दी और सटीक निदान करने में मदद करेगी. उन्नत प्रौद्योगिकी विशेष रूप से बाल रोगियों के लिए बड़ा वरदान है क्योंकि सीटी स्कैन में विकिरण बहुत कम है और बहुत कम समय में एमआरआई स्कैन हो जाती है. यह जानकारी भारत में मेडिकल इमेजिंग और डायग्नोस्टिक्स की अग्रणी श्रृंखला महाजन इमेजिंग एंड लैब्स द्वारा आयोजित कार्डियक इमेजिंग- द नीड ऑफ द आवर विषयक सेमिनार में विशेषज्ञों ने दी.

इस तकनीक से दिल का दौरा पड़ने से पहले पता चलेगा  

मरीज को दिल का दौरा पड़ेगा या नहीं यह बताता है प्लाक इमेजिंग- प्लाक इमेजिंग तकनीक यह बताने में सहायक है कि हृदय रोगी को दिल का दौरा पड़ेगा या नहीं. “हृदय रोग राजस्थान सहित पूरे देश के लिए प्रमुख गैर-संचारी रोगों में से एक है. विशेष रूप से कोविड-19 के बाद हृदय रोगों में वृद्धि देखी जा रही हैं, जो स्क्रीनिंग कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल देता है”, डॉ. हर्ष महाजन ने कहा कि बताया कि "दिल का दौरा आमतौर पर दिल की धमनियों में प्लाक जमा होने के कारण होता है.

अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित ऐसी उन्नत परीक्षण तकनीकों से हम दिल के दौरे का पहले ही पता लगा सकते हैं। हृदय के सीटी स्कैन में प्लाक इमेजिंग टेस्ट का उपयोग करके हम यह जान सकते हैं कि धमनियों में कितना प्लाक जमा है और इसका क्या निदान है. डॉ. महाजन ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रौद्योगिकियां राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए नवीनतम और सर्वोत्तम उपचार तकनीकों की पहुंच को सुनिश्चित करने में सहयोगी है. उन्नत कार्डिएक एमआरआई ने हृदय रोग का पता लगाना आसान बना दिया है.

डॉ. टी.एस.  क्लेर ने इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के रूप में अपने क्लिनिकल प्रैक्टिस में कार्डिएक एमआर (सीएमआर) की भूमिका पर बात की. उन्होंने कहा कि “हृदय रोग के रोगियों के इलाज की दिशा तय करने में सीएमआर बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. सर्जरी करने या न करने का फैसला अब सीएमआर पर निर्भर है. "फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर के कार्डियोलॉजी के निदेशक और विभागाध्यक्ष डॉ. आर. टोंगिया ने हृदय रोग के प्रबंधन में सीटी और एमआरआई के लाभों के बारे में बताया.

डॉ. राहुल सिंघल, एडिशनल डायरेक्टर कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर ने कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के बारे में बताता है कि हृदय की विद्युतीय प्रणाली का तालमेल बिगड़ जाने पर इसके इलाज में कार्डियक इमेजिंग का महत्व काफी बढ़ गया है. नीरव बंसल, जोनल डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट जयपुर और फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर के मेडिकल डायरेक्टर, डॉ. माला अरन ने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर में उपलब्ध नवीनतम तकनीक और रोगी केंद्रित स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी.

परीक्षण बता सकता है कि एंजियोप्लास्टी फायदेमंद है या नहीं

डॉ. सुमन सिंघल ने कहा कि एडवांस कार्डियक एमआरआई, पैरामीट्रिक मैपिंग और मायोकार्डियल वायबिलिटी जैसी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करके यह पता लगाया जा सकता है कि बायपास सर्जरी या स्टेंटिंग से मरीज को फायदा होगा या नहीं. उन्होंने कहा कि  "राजस्थान के मरीजों को पहली बार ऐसी अत्याधुनिक तकनीक की पेशकश करने पर हमें गर्व है.

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हम भाग्यशाली हैं कि फोर्टिस एस्कॉर्ट्स जयपुर में भविष्योन्मुखी क्लिनिशियन हैं, जो रोगियों की जरूरत के लिए नई तकनीक के  साथ हमेशा तैयार हैं, नए उपकरण की नैदानिक क्षमताओं की जानकारी देते हुए, डॉ. सिंघल ने कहा, " नई युग की मशीन से बाल चिकित्सा के साथ-साथ वयस्कों में हृदय रोग, शरीर रचना, प्रवाह, वेंट्रिकुलर फंक्शन और मायोकार्डियल रोग के बारे में सटीक जानकारी मिलती है.

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