राजस्थान के 4 छात्रों ने खोजे एस्टेरॉयड, 6 को NASA ने प्रारंभिक तौर पर नई खोज की दी मान्यता
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राजस्थान के 4 छात्रों ने खोजे एस्टेरॉयड, 6 को NASA ने प्रारंभिक तौर पर नई खोज की दी मान्यता

एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन के टीम प्रभारी और प्रिंसिपल बालचंद बसवाल और उनकी टीम के सदस्य कविता रैदास, भारती, मनीष गायरी और निलेश ने ऑन लाइन एस्ट्रोमेटिका सॉफ्टवेयर की सहायता से कुल 22 एस्टेरॉयड को खोजा, जिसमें से नासा ने 6 को प्रारंभिक तौर पर नए एस्टेरॉयड माना है.

राजस्थान के 4 छात्रों ने खोजे एस्टेरॉयड.

Jaipur: प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिलों में शामिल प्रतापगढ़ जिले के गुदड़ी के लालो ने ऐसा कमाल कर के दिखाया है, जिससे ना सिर्फ जिले का बल्कि प्रदेश और देश का भी नाम रोशन हुआ है. जिले के 4 होनहार विद्यार्थियों ने अपनी खोज से नासा (NASA) में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. जिले की डाबडा सरकारी स्कूल के इन विद्यार्थियों के द्वारा खोजे गए एस्टेरॉयड में से 6 को नासा ने प्रारंभिक तौर पर नई खोज के रूप में मान्यता दी है.

दरअसल, कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन से लंबे समय से स्कूल बंद पड़े हैं. निजी स्कूलों में तो ऑनलाइन पढ़ाई चल भी रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के पास यह सुविधा मौजूद नहीं है. ऐसे में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए जिले राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डाबड़ा के कार्रवाई प्रधानाचार्य ने अपने स्तर पर प्रयास शुरू किए. 

इसी दौरान उन्हें नासा की ओर से चलाए जाने वाले इंटरनेशनल एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन की जानकारी मिली. इस पर उन्होंने अपने विद्यालय के 4 होनहार विद्यार्थियों का इसके लिए नॉमिनेशन कर दिया. चारों विद्यार्थियों ने भी अपने शिक्षकों को निराश नहीं किया और अपनी प्रतिभा के दम पर इस कैंपेन के लिए सलेक्ट हो गए. इस सर्च कैंपेन में विश्व के 80 देशों के बच्चों ने भाग लिया. 

एस्टेरॉयड सर्च कैंपेन के टीम प्रभारी और प्रिंसिपल बालचंद बसवाल और उनकी टीम के सदस्य कविता रैदास, भारती, मनीष गायरी और निलेश ने ऑन लाइन एस्ट्रोमेटिका सॉफ्टवेयर की सहायता से कुल 22 एस्टेरॉयड को खोजा, जिसमें से नासा ने 6 को प्रारंभिक तौर पर नए एस्टेरॉयड माना है. अब नासा की ओर से इनका पुन परीक्षण किया जाएगा और जो एस्टेरॉयड अंतिम रूप से नई खोज की श्रेणी में आते है तो तभी अपनी इच्छा अनुसार उन एस्टेरॉयड्स को अपना नाम दे सकेंगे.

ग्रामीण क्षेत्र और आदिवासी बाहुल्य जिला होने के कारण यहां के बच्चों को अंतरिक्ष के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी. ऐसे प्रिंसिपल के लगातार मोटिवेशन से बच्चों को भी काफी कुछ सीखने को मिला. अब बच्चे भी इस बात से उत्साहित हैं कि यदि नासा उनकी खोज को न्यू डिस्कवरी मानता है तो अंतरिक्ष में उनके नाम का भी ग्रह होगा.

(इनपुट-विवेक उपाध्याय)

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