मनरेगा में फर्जीवाड़ा, रिश्तेदार के नाम पर सामग्री सप्लाई की फर्म बनाकर की गड़बड़ी
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मनरेगा में फर्जीवाड़ा, रिश्तेदार के नाम पर सामग्री सप्लाई की फर्म बनाकर की गड़बड़ी

डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जेठाना में मनरेगा कार्य में फर्जीवाडे, सरपंच-उपसरपंच और पंचायत समिति सदस्य की तरफ से परिवार के सदस्य और रिश्तेदार के नाम पर सामग्री सप्लाई की फर्म बनाकर गड़बडी का मामला सामने आया है. 

मनरेगा में फर्जीवाड़ा

Sagwara: राजस्थान के डूंगरपुर जिले की सागवाड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत जेठाना में मनरेगा कार्य में फर्जीवाडे, सरपंच-उपसरपंच और पंचायत समिति सदस्य की तरफ से परिवार के सदस्य और रिश्तेदार के नाम पर सामग्री सप्लाई की फर्म बनाकर गड़बडी का मामला सामने आया है. जिला परिषद की जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद जिला परिषद ने तत्कालीन सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए से 18.89 लाख की रिकवरी निकाली है.

डूंगरपुर जिले के मनरेगा योजना के अधिशाषी अभियंता अजय भार्गव ने बताया कि सागवाड़ा पंचायत समिति पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल पाटीदार और जेठाना सरपंच संगीता डामोर एक दूसरे के खिलाफ मनरेगा योजना में फर्जीवाड़े और गड़बडी की शिकायत की थी. शिकायत मिलने के बाद जिला परिषद सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोर के निर्देश पर अधिशाषी अभियंता विनायक बंधु चौबीसा, अधिशासी अभियंता मनरेगा अजय भार्गव, कनिष्ठ लेखाकार कपिल जोशी, परियोजना अधिकारी इंद्रभान मीणा की टीम का गठन किया गया. 

इसके बाद जेठाणा ग्राम पंचायत के मनरेगा कार्य में फर्जीवाडे, सरपंच-उपसरपंच और पंचायत समिति सदस्य की तरफ से परिवार के सदस्य और रिश्तेदार के नाम पर सामग्री सप्लाई की फर्म बनाकर गड़बड़ी करने के मामले में जिला परिषद की टीम ने जांच पूरी कर ली है. जांच में पाया कि वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में स्वीकृत भुवनेश्वर महादेव से बिच्छूवाली तक ग्रेवल सड़क निर्माण में मौके पर श्रम और सामग्री का कोई कार्य नहीं कराया गया है. 

वर्तमान में वर्ष 2021-22 के स्वीकृत कार्य पर ही श्रम और सामग्री का कार्य मय पुलिया निर्माण सहित प्रगतिरत है. ग्राम पंचायत ने एक ही कार्य को वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में स्वीकृत कराकर दस्तावेजों में कूट रचना की है. तत्कालीन सरपंच जानी देवी, ग्राम विकास अधिकारी कैलाश कटारा, कनिष्ठ तकनीकी सहायक शर्मिला पाटीदार ने मौके कार्य किए बिना ही कुल 18 लाख 89 हजार 795 रुपये की राशि उठा ली थी, जिस पर जांच टीम ने तत्कालीन सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए से 18.89 लाख की रिकवरी निकाली है. वहीं जांच में टीम को पंचायत में कई दस्तावेज और पत्रावलिया भी नहीं मिली है, इसके लिए संबंधित कार्मिक पर भी कार्रवाई प्रस्तावित की गई है. 

वहीं जांच में सरपंच, उपसरपंच और पंचायत समिति सदस्य के रिश्तेदारों की फर्म से सामग्री की सप्लाई करना भी पाया गया है. ग्राम पंचायत में सामग्री क्रय के विभिन्न फर्म के बिल पाए गए. इसमें से खुशी कंस्ट्रक्शन अनिल पाटीदार के नाम से रजिस्टर्ड है. अनिल पाटीदार पंचायत समिति सागवाड़ा में वर्ष 2015 से 2020 तक की अवधि के बीच में पंचायत समिति सदस्य के रुप में जनप्रतिनिधि रहे हैं. फर्म हिमानी मटेरियल कमलेश भील के नाम से है, जो वर्तमान सरपंच संगीता डामोर के पति है. 

फर्म जय अम्बे मटेरियल सप्लायर कांतिलाल मेहता के नाम रजिस्टर्ड है, जो वर्तमान उपसरपंच धीरज मेहता के पिता है. फर्म कमला कंस्ट्रक्शन पंकज पाटीदार के नाम से रजिस्टर्ड है, जो तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य अनिल पाटीदार के भाई है. इस तरह से जनप्रतिनिधियों के परिवार के सदस्यों और समीप के रिश्तेदारों की फर्मों से सामग्री क्रय करना और भुगतान होना वित्त और लेखा मार्गदर्शिका 2011 के बिन्दु संख्या 15.31.8 और 15.32 के अनुसार अनियमितता है.

बहराल, जांच टीम द्वारा जिला परिषद को पेश की गई जांच रिपोर्ट के बाद जिला परिषद सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठोड ने एक काम को दो बार स्वीकृत कर राशि उठाने के मामले में तत्कालीन सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए से 18.89 लाख की रिकवरी निकाली है. दोषियों द्वारा उक्त राशी जमा नहीं करवाई जाती है तो विभाग द्वारा एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी. जिला परिषद ने रिश्तेदारों की फर्म से सामग्री सप्लाई मामले में भी कार्रवाई प्रस्तावित की गई है. साथ ही पूरे मामले की जांच जयपुर विभाग और मंत्री को भी भेजी गई है.

Reporter: Akhilesh Sharma

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