ट्रेन की पटरियों की मरम्मत करने वाला दौसा का ये लड़का बना IPS, पैसे नहीं होने के चलते नहीं बन पाया इंजीनियर
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ट्रेन की पटरियों की मरम्मत करने वाला दौसा का ये लड़का बना IPS, पैसे नहीं होने के चलते नहीं बन पाया इंजीनियर

IPS Prahlad Meena : प्रहलाद मीना ने रेलवे स्टेशन पर पटरियों की मरम्मत भी की. पैसे के आभाव में इंजीनिरिंग भी नहीं की, लेकिन कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल की. प्रहलाद मीना आज आईपीएस अधिकारी है.

ट्रेन की पटरियों की मरम्मत करने वाला दौसा का ये लड़का बना IPS, पैसे नहीं होने के चलते नहीं बन पाया इंजीनियर

IPS Prahlad Meena : हार मान लेने वाले कभी जीत नहीं पाते हैं और जीतने वाले किसी भी स्थिति में हार नहीं मानते... कुछ इसी दृढ़ निषय के साथ गरीब किसान परिवार में पैदा हुए प्रहलाद मीना आज आईपीएस अधिकारी है. प्रहलाद मीना ने रेलवे स्टेशन पर पटरियों की मरम्मत भी की. पैसे के आभाव में इंजीनिरिंग भी नहीं की, लेकिन कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल की. 

दरअसल दौसा के रामगढ़ पचवारा तहसील के छोटे से गांव आभानेरी के शिवराज मीना के घर प्रहलाद का जन्म हुआ. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले प्रहलाद ने बचपन से ही घर में आर्थिक तंगी देखी. परिवार के पास 2 बीघा जमीन थी जिसमें घर चलाना मुश्किल था तो पिताजी दूसरों के खेतों में बटाई करके परिवार चलाते थे और स्कूल से छुट्टी होने पर वो सीधा खेत पर जाया करते थे और वहां काम करके फिर शाम को घर लौटते थे.

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प्रहलाद बचपन से ही पढ़ने में अव्वल थे, दसवीं में प्रहलाद के 70 फीसदी नंबर आए. मन साइंस लेने का था, इंजीनिरिंग करनी थी,  रिश्तेदारों ने भी साइंस सब्जेक्ट लेना का सुझाव दिया. लेकिन घर के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे. पढ़ने के लिए बाहर जाना पड़ता, लिहाजा ऐसे में आर्ट्स लेकर 11वीं 12वीं की. 12वीं में भी प्रहलाद ने कक्षा में स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया. 

घर के हालात ठीक नहीं होने के चलते जरुरत घर को आर्थिक सहायता देने की थी, इसी बीच गांव का एक लड़के का चयन भारतीय रेलवे में ग्रुप डी (गैंगमैन) में हुआ. तभी तय कर लिया कि मुझे भी गैंगमैन बनना है. बीए द्वितीय वर्ष 2008 में प्रहलाद का चयन भारतीय रेलवे में भुवनेश्वर बोर्ड से गैंगमैन के पद पर हो गया. 

इसके बाद प्रहलाद ने गैंगमैन रहते हुए सिविल परीक्षा की तैयारी की. मीणा को 2013 तथा 2014 में मुख्य परीक्षा देने का अवसर मिला. 2015 में प्रिलिमनरी परीक्षा में सफलता नहीं मिली तो उस साल वैकल्पिक विषय हिंदी साहित्य को अच्छे से तैयार किया और साल 2016 के प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता प्राप्त की. यहां से प्रहलाद और उनके परिवाल का जीवन ही बदल गया. वह वर्तमान में भारतीय पुलिस सेवा- IPS में ओडिशा में तैनात हैं.

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