मां की चाहत में कुछ बना दिया ऐसा की खुल गई किश्मत, इस तरह हो गया माला-माल
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मां की चाहत में कुछ बना दिया ऐसा की खुल गई किश्मत, इस तरह हो गया माला-माल

Chittorgarh News: रावतभाटा के रहने वाले अयाज शैख की मां नसीम शैख झालावाड़ के श्रीमती हीरा कुंवर बा महिला अस्पताल में बतौर नर्सिगकर्मी काम कर रही थी...

मां की चाहत

Chittorgarh News: ये कहानी है रावतभाटा के एक ऐसे युवा की, जिन्होंने विपरीत परिस्थियों हौसले और हिम्मत की मिसाल देकर सफलता के नए आयाम हासिल किए है. रावतभाटा के अयाज नाम के युवा ने कोरोना काल में अस्पताल में बतौर नर्सिंगकर्मी काम कर रही मां की फिक्र में ऐसा प्रोडक्ट बना दिया जो आज राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार के अलावा पूरे भारत के 180 स्टोर्स पर बिक रहा है. 

साल 2019 में कोविड महामारी के बीच मूलत
रावतभाटा के रहने वाले अयाज शैख की मां नसीम शैख झालावाड़ के श्रीमती हीरा कुंवर बा महिला अस्पताल में बतौर नर्सिगकर्मी काम कर रही थी. इस दौरान कोविड आ गया. मां ने अयाज को बताया कि अस्पताल में सार्वजनिक तौर पर रखे सेनेटाइजर इस्तेमाल करने से संक्रमित होने की संभावना रहती है. जयपुर के आर्या कॉलेज से इलेक्स्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग कर चुके अयाज उस समय कॉलेज प्लेसमेंट से मिली जॉब छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे. मां की बातों से चिंतित अयाज दो रातों तक सो नहीं सके और उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की स्किल्स दिखाते हुए हाथ में घड़ी की तरह पहने वाली हैंड सेनेटाइजर डिवाइज बना दी. अयाज की मां नसीम जब ये डिवाइज अस्पताल पहन कर गई तो डॉक्टर्स सहित अस्पताल के स्टॉफ ने इसकी जमकर तारीफ की. अस्पताल के ही 50-60 लोगों ने खुद के लिए ऐसी ही डिवाइज बनवाने की मांग की. अस्पताल कर्मियों से झालावाड़ के तात्कालिक कलेक्टर निकिया गोहायन तक डिवाइस की बात पहुंची, तो उन्होंने अयाज को कलक्ट्रेट ऑफिस बुला डिवाइज की सराहना की.

वहीं कलेक्टर गोहायना ने अयाज ने डिवाइस को पेटेंट करा स्टार्टअप के तौर पर लांच करने की सलाह दी. कलेक्टर गोहायन के ही सपोर्ट से अयाज ने 2020 तक इस डिवाइज को पेटेंट करा लिया और डिवाइस को कोरक्षक बेंड नाम दिया और इसे कॉम्पेक्ट बना मार्केट में लांच किया. डिवाइज को पेटेंट कराने के बाद अयाज को बतौर स्टार्टअप पहला ऑर्डर 7 बेंड का अमेरिका से मिला, जिस पर अयाज़ की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, इसके बाद अयाज़ को राजस्थान सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट से 1 लाख रूपए का दूसरा ऑर्डर मिला. वहीं इस दौरान अयाज अपने इस प्रोडक्ट से काफी चर्चा में आ गए और अब एक कंपनी के साथ उनकी ये डिवाइज देश के 180 स्टोर्स पर बिक रही हैं.

साथ ही को-रक्षक बैंड की सफलता के बाद अयाज अपने इनोवेशन के दम पर सामाजिक समस्याओं के समाधान में जुटे हैं. हाल ही में उन्होंने महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को समाप्त करने के लिए एक डिवाइस बनाई, जिसकी 70 महिलाओं पर मेडिकल टेस्टिंग हो रही है, जिसमें करीब एक महीने का वक्त लगने के बाद उनका प्रोडक्ट मेडिकल सर्टिफाइड होकर मार्केट में उपलब्ध होगा, जिससे महिलाओं को पीरियड के दिनों में दर्द में बड़ी राहत मिलेगी. फिलहाल पीरियड के के दर्द से निजात पाने के लिए दर्द निवारक दवा या हॉट बेग का इस्तेमाल किया जाता है. एक और जहां दर्द निवारक दवाओं के साइड ईफैक्ट्स होते हैं. वहीं हॉट बेग को ऑफिस और अन्य जगहों पर इस्तमाल नहीं किया जा सकता, जबकि अयाज का दावा है कि महामारी के दिनों में महिलाएं उनके प्रोडक्ट को कही भी आसानी से उपयोग में ले सकती है.

बता दें कि इसी तरह अयाज ने बताया कि एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 92 फीसदी महिलाएं बस, ट्रैन और सार्वजनिक स्थानों पर उनके शिशुओं को ब्रेस्ट फीडिंग कराने में असहज महसूस करती है. उनकी इजाद आगामी वियरेबल पोर्टेबल डिवाइस की मदद से महिलाएं आसानी से उनके शिशुओं को ब्रेस्ट फीडिंग करा सकेगी और उस डिवाइज को बैग में आसानी से रख सकेगी, इसके अलावा उन्होंने बच्चों में बढ़ते मोबाइल एडिक्शन को समाप्त करने के लिए भी एक डिवाइस बनाया है, जिससे बच्चों को मोबाइल से दूर रखा जा सकेगा और इससे अभिभावकों को काफी राहत मिलेगी.

साथ ही अपने इनोवेशन को-रक्षा बेंड से चर्चा में आए अयाज का आज ए जेड इनोवेशन के नाम से सक्सेसफुल स्टार्टअप्स है, जिसे राजस्थान सरकार की ओर से टॉप स्टार्टअप्स में शामिल किया गया है. राजस्थान सरकार के ही आइस्टार्ट प्रोग्राम के तहत अयाज को जयपुर के भामाशाह टेक्नो में उन्हें इन्क्यूबेशन और मेंटरशिप सपोर्ट मिल रहा है, जिसमें उनके आगामी प्रोडक्ट का रिसर्च और डेवलपमेंट हो रहा है और वो राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. बता दें कि अगस्त 2022 में डीजी फेस्टिवल कार्यक्रम के तहत टेक्नोलॉजी और सोशल इश्यूज़ को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में अयाज ने भी अपनी को-रक्षा बेंड डिवाइज का प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनी का अवलोकन करने आए सीएम अशोक गहलोत ने अयाज के इस इनोवेशन की काफी तारीफ की थी.

आपको बता दें कि रावतभाटा के चेतक मार्केट इलाके के रहने वाले अयाज ने साल 2010 में परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 से दसवीं और साल 2012 में परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय नंबर 4 से साइंस सब्जेक्ट के साथ 12 वीं उत्तीर्ण की. अयाज के पिता अनवर हुसैन शैख़ कुवैत काम करते थे. साल 2012 में ही कुवैत में ही पिता अनवर हुसैन शैख का हार्ट अटैक से निधन हो गया, जिससे अयाज की हंसती खेलती दुनिया में तकलीफों का भूचाल आ गया. परिवार की परेशानियां बढ़ती गई तो मां नसीम बेटे अयाज को लेकर झालावाड़ मायके चली गई. यहीं से एक अस्पताल में नसिंगकर्मी की नौकरी पकड़ी और बेटे को जयपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में एडमिशन इंजीनियरिंग करवाई. साल 2016 में अयाज़ ने इंजीनियरिंग पूरी की. वहीं कॉलेज प्लेसमेंस से ही गुड़गांव की एक आईटी कंपनी में जॉब मिला, लेकिन अपनी इस जॉब से अनसेटिसफाई अयाज आईएसएस बनने की चाह में नोकरी छोड़ कर यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. इस बीच 2019 में कोविड आ गया और वो मां के लिए बनाए को-रक्षा बेंड डिवाइस को लेकर चर्चा में आ गए थे. अयाज का कहना है कि अगर आपको स्टार्टअप करना है तो आमजन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए इससे जुड़े इनोवेंशन कर समाज का भला किया जा सकता है.

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