Swachh Bharat Mission की उड़ी धज्जियां, सफाई व्यवस्था बद से बदतर
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Swachh Bharat Mission की उड़ी धज्जियां, सफाई व्यवस्था बद से बदतर

स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्र की अंतिम इकाई ग्राम पंचायत को विशेष बजट तैयार कर गांवों को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए संकल्पित दिख रही है लेकिन जमीनी हकीकत उसके उलट है. गांवों में न ही तो सफाई है और न ही कोई रूप रेखा.

स्वच्छ भारत मिशन अभियान

Bikaner: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) स्वच्छ भारत अभियान को लेकर प्रतिवर्ष करोड़ों के बजट पारित कई कई योजना बना रहे हैं. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत को साल के लाखों के मिलने के बाद भी सफाई व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. 

स्वच्छ भारत मिशन की उड़ती धज्जियां
स्वच्छ भारत मिशन अभियान (Swachh Bharat Mission Campaign) के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रामीण क्षेत्र की अंतिम इकाई ग्राम पंचायत को विशेष बजट तैयार कर गांवों को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए संकल्पित दिख रही है लेकिन जमीनी हकीकत उसके उलट है. गांवों में न ही तो सफाई है और न ही कोई रूप रेखा.

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उपखंड मुख्याल के ये हालत तो सुदूर गांवों में कैसे होगे?
बात करें बीकानेर जिले के कोलायत उपखंड मुख्यालय की तो यहां जाते ही आपको अपने नाक पर रुमाल लगाना पड़ेगा. चारों तरफ गंदगी और दुर्गंध आपका जीना बेहाल कर देगी, ऐसा नहीं कि यहां कोई अधिकारी नहीं आते हैं. राजस्व तहसील, उपखंड कार्यालय, पंचायत समिति कार्यालय के साथ-साथ न्याय विभाग की भी अधिकारी यहां नियमित बैठते हैं लेकिन नहीं तो स्थानीय प्रशासन को सुध ले रहा है और अधिकारी देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं.

प्रतिवर्ष आते हैं लाखों पर्यटक
कोलायत हिंदू और सिख धर्म के आस्था का केंद्र है. सरकार के धार्मिक पर्यटन स्थल सूची में आने से इसका महत्व और बढ़ गया है. गौरतलब है कि साल भर में यहां लाखों पर्यटक धार्मिक आस्था के साथ आते हैं, साथ ही कार्तिक पूर्णिमा को राज्य स्तर के मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें सिख और हिंदू लाखों की संख्या में पहुंच कपिल सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते हैं.

क्या कहते हैं ब्लॉक विकास अधिकारी
कोहाट पंचायत समिति के विकास अधिकारी दिनेश सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 वित्त आयोग के तहत कोलायत ग्राम पंचायत को ₹10 लाख का बजट स्वीकृत किया गया है, जिससे वह गांव की सफाई व्यवस्था को सुचारू करें क्योंकि कोलायत धार्मिक पर्यटन स्थल से जुड़ा है तो लाखों पर्यटक आते हैं, जिससे एक गलत संदेश जाता है. अगर पंचायत सही कार्य नहीं करती तो उनको हम नोटिस जारी करेंगे.

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ग्रामीणों में रोष
कोलायात के निवासी नरेंद्र सिंह राठौड़ और मुकेश रामावत ने बताया कि कोलायत में साफ-सफाई की कोई व्यवस्थित व्यवस्था नहीं है. ग्राम पंचायत प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है. ग्राम पंचायत को कई बार अवगत करवाने के बावजूद की साफ सफाई नहीं हो रही है, जिससे मौसमी और अन्य बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ है. ग्राम पंचायत द्वारा उचित व्यवस्था नहीं होने उपखण्ड मुख्यालय पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं कोरोना और मौसमी बीमारियों के फैलने का डर बना हुआ रहता है.

सरकार गांव को स्वच्छ बनाने के लिए चाहे हजारों जतन करें लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण आज गांव में सफाई व्यवस्था के नाम पर जीरो नजर आता है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत का सपना कैसे पूरा होगा.

Reporter-TRIBHUWAN RANGA

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