जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी हॉस्पिटल में पिछले छह माह से पेट दर्द व भूख नहीं लगने से परेशान शाहपुरा जिले के नरसिंहपुरा गांव निवासी शंकरलाल पुत्र हीरालाल (55) का चिकित्सकों ने जटिल ऑपरेशन कर राहत प्रदान की है.
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Bhilwara news: जिले के सबसे बड़े महात्मा गांधी हॉस्पिटल में पिछले छह माह से पेट दर्द व भूख नहीं लगने से परेशान शाहपुरा जिले के नरसिंहपुरा गांव निवासी शंकरलाल पुत्र हीरालाल (55) का चिकित्सकों ने जटिल ऑपरेशन कर राहत प्रदान की है. यहां के सर्जरी विभाग की टीम के अनुभवी चिकित्सकों ने मरीज के पेट में पित्त की थैली व नली से करीब 45 से 50 पथरी के टूकड़े बाहर निकालकर पित्त की नली को छोटी आंत से जोड़ दिया. मरीज को पूरी तरह राहत मिलने पर उसे छूट्टी दे दी गई. खास बात यह है की यह ऑपरेशन एमजीएच में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वाकांशी चिंरजीची बीमा योजना के तहत नि:शुल्क हुआ है.
निजी अस्पताल में इस ऑपरेशन का खर्चा करीब 3 से 3.5 लाख रुपए आता है. अस्पताल में संभवतया यह पहला जटिल ऑपरेशन था.राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा के सहायक आचार्य एवं एमजीएच के सर्जरी विभाग में कार्यरत डॉक्टर विनोद यादव ने बताया कि शाहपुरा जिले के नरसिंहपुरा ग्राम निवासी 55 वर्षीय शंकर लाल पुत्र हीरालाल गुर्जर को पेट दर्द, उल्टी व भूख ना लगने की पिछले छह माह से शिकायत थी. ऐसे में वह 26 अप्रेल को महात्मा गांधी अस्पताल में दिखाने पहुंचा. जहां 22 नम्बर कमरे में डॉक्टर के देखने के बाद उसकी जांचे करवाई गई.
चिरंजीवी बीमा योजना के तहत ऑपरेशन
एमआरआई, सीटी सहित अन्य जांचे करने पर पित्त की थैली और नली में 40 से 50 पथरियां पाई गई. ऐेसे में उसे भर्ती कर लिया गया बाद में जटिल ऑपरेशन को चिरंजीवी बीमा योजना के अंतर्गत अंजाम दिया गया. 5 मई को उसकी पित्त की नली को खोलते हुए सारी पथरिया निकाली. पित्त की नली को छोटी आंत से जोड़ा गया. यह एक बहुत ही जटिल ऑपरेशन था. इसमें मरीज की जान को काफी खतरा था. निजी अस्पताल में यह ऑपरेशन करीब 3 से 3.50 लाख रुपए में हो पाता है. ऑपरेशन के बाद पूरी तरह राहत मिलने पर मरीज को सर्जिकल आईसीयू से उसे छूट्टी दे दी गई.
सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. पवन बंसल एवं प्रोफेसर डॉ. विनोद जीनगर के मार्गनिर्देशन में डॉ. अमित सिंह गुर्जर, डॉ. विनोद कुमार यादव, डॉ. बालकिशन शर्मा, एनेस्थिसिया से डॉ. वीरेन्द्र शर्मा एवं डॉ. अलका भार्गव शामिल थे. नर्सिंग स्टॉफ व अन्य सहायक कर्मचारियों का भी इसमें पूरा सहयोग रहा. महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरूण गौड़ ने कहा की सर्जरी डिपार्टमेंट में सर्जन टीम ने बहुत ही जटिल ऑपरेशन किया है जो सराहनीय है. पित्त की थैली में काफी बड़े-बड़े स्टोन को निकाला गया और पित्त की नली को छोटी आंत से जोड़कर बड़ा कार्य किया गया है. एमजीएच के सर्जरी विभाग में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी चालू हो गई है.
ऑपरेशन थिएटर भी मॉड्यूलर हो रहा है. जो अभी सुविधाएं चिरंजीवी योजना में निरोगी राजस्थान में माननीय मुख्यमंत्री जी ने दी है वह काफी सराहनीय है. हमें अच्छे उपकरण मिले है. मेडिकल कॉलेज से अच्छी फैकल्टी सामने आई है. उसकी वजह से आने वाले समय में ऐसे ऑपरेशन निरंतर जारी रहेंगे. हाल ही में जो ऑपरेशन किया गया इसका पैकेज पचास हजार रुपए एप्रुव हुआ है जो राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी को मिलेगा. यही कार्य अगर निजी में होता तो तीन लाख रुपए करीब का खर्चा आता. मरीजों को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ दिलाने का हरसंभव प्रयास किया जाता है.