भीलवाड़ा में गेर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन, ढोल की थाप पर जमकर किया नृत्य
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भीलवाड़ा में गेर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन, ढोल की थाप पर जमकर किया नृत्य

Bhilwara News : भीलवाड़ा में शीतला अष्टमी की रात गढ़ के चौक मे पारंपरिक गेर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस मौके पर शहाबुद्दीन उस्ता ने विभिन्न गीत गाकर सामाजिक समरसता का परिचय दिया.

भीलवाड़ा में गेर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन, ढोल की थाप पर जमकर किया नृत्य

Bhilwara News : हर वर्ष की भांति इस बार भी शीतलाष्टमी पर बीती रात गढ़ के चौक मे पारंपरिक गेर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. लगभग तीन घंटे चली प्रतियोगिता मे कलाकारों ने विचित्र वेशभूषा मे ढ़ोल की थाप पर गेर नृत्य किया. कार्यक्रम नारायणधाम धानेश्वर के महंत शंकरदास त्यागी जी महाराज के मुख्य आतिथ्य एवं सरपंच आजाद राव की अध्यक्षता में आयोजित किया गया.

गेर नृत्य कमेटी के प्रहलाद सरुडिया ने बताया कि कमेटी की ओर से गेर नृत्य करने एवं विचित्र वेशभूषा पहनकर गेर नृत्य करने वालों को पुरस्कार दिए गए. प्रतियोगिता मे फूलियाकलां सहित गणपतिया खेडा, चांदमा, खेडा हेतम, रामपुरा के कलाकारों ने भाग लिया. प्रतियोगिता मे कलाकारों ने ढोल की थाप पर तीन घंटे चली प्रतियोगिता मे जमकर गेर नृत्य किया. गेर नृत्य प्रतियोगिता देखने के लिए बड़ी संख्या मे ग्रामीण भी मौजूद रहे.

गेर नृत्य प्रतियोगिता मे कलकारों के गेर नृत्य के दौरान शहाबुद्दीन उस्ता ने विभिन्न गीत गाकर सामाजिक समरसता का परिचय दिया. प्रतियोगिता पांडाल में विद्धयुत सजावट की गई.  प्रतियोगिता मे निर्णायक कमेटियों का गठन किया गया. कमेटियों के निर्णय के अनुसार ही पुरस्कार दिए गए. प्रतियोगिता के सभी पुरस्कार भामाशाह जसवंत राव ने उपलब्ध करवाए. संचालन विजय कुमार पाराशर ने किया.

अनेकों रुपो में किया गेर नृत्य
कलाकारों ने हनुमान , जामवंत , महिला सहित अन्य वेशभूषा पहनकर गेर नृत्य किया . कमेटी के लालाराम तेली ने बताया कि गेर नृत्य मे प्रथम गोपाल नाथ चांदमा , द्वितीय रामचंद्र गुर्जर चांदमा एवं तृतीय स्थान पर दशरथसिंह देवडा, गणपतिया खेडा रहे. वहीं विचित्र वेशभूषा पहनकर गेर नृत्य करने मे प्रथम रामदेव माली डामट्या फूलियाकलां , द्वितीय छोटूलाल माली फूलियाकलां एवं तृतीय स्थान पर बलराम गणपतिया खेडा रहे.

प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को स्टील का बडा मटका , द्वितीय स्थान वाले को स्टील का छोटा मटका एवं तृतीय स्थान वाले को स्टील की चरी पुरस्कार स्वरूप दिए गए वहीं प्रतियोगिता मे भाग लेने वाले सभी कलाकारों को सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए.

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