भीलवाड़ा में नेशनल हाईवे-27 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई पैंथर की दर्दनाक मौत
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भीलवाड़ा में नेशनल हाईवे-27 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई पैंथर की दर्दनाक मौत

Bhilwara News: भीलवाड़ा में मांडलगढ़ के पास गुजर रहे नेशनल हाइवे सड़क मार्ग 27 पर मेनाल के पास गुरुवार सुबह अज्ञात वाहन की टक्कर से एक पैंथर की दर्दनाक मौत हो गई. वन विभाग की टीम ने पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार किया.

 

भीलवाड़ा में नेशनल हाईवे-27 पर अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई पैंथर की दर्दनाक मौत

Bhilwara,Mandalgarh: भीलवाड़ा में मांडलगढ़ के पास गुजर रहे नेशनल हाइवे सड़क मार्ग 27 पर मेनाल के पास गुरुवार सुबह अज्ञात वाहन की टक्कर से एक पैंथर की दर्दनाक मौत हो गई.सूचना पर वन विभाग की टीम ने पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार कर दिया. गौरतलब हैं कि वन्यजीव के आए दिन होते सड़क हादसों के प्रति जिम्मेदार अफसर गम्भीर नहीं हैं. अज्ञात वाहनों की टक्कर से हुई 3 पैंथर व 2 भालू की मौत के मामले पुलिस थाने में भी दर्ज तक नहीं कराए जाते है.

जानकारी के मुताबिक मेनाल- लाडपुरा के बीच घने वन क्षेत्र से गुजरने वाली एनएच 27 सड़क पर गुरुवार को सुबह करीब 6 बजे सड़क पार कर रहे एक पैंथर को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी.हादसे में पैंथर के सिर व अन्य जगह में गम्भीर चोट आने से उसकी मौत हो गई. हादसे की सूचना पर वन विभाग की टीम मौक़े पर पहुँची.ओर पैंथर के शव को मांडलगढ़ लाकर पशु चिकित्सकों से पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार किया.
मांडलगढ़ ऊपरमाल वन सुरक्षा महासंघ अध्यक्ष सत्यनारायण जोशी ने सड़क हादसे में काल का ग्रास बनते पैंथर,भालू एवं वन्य जीवों की घटती संख्या पर चिंता जाहिर की ओर इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री वन विभाग व एनएचएआई के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा था.लेकिन वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति किसी ने गम्भीरता नहीं दिखाई हैं. जोशी ने बताया कि नेशनल हाईवे 27 पर अज्ञात वाहन की चपेट में आने से अब तक 3 पैंथर ,2 भालू सहित अन्य कई दुर्लभ

वन्यजीवों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आंकड़ों को देखें तो प्रतिवर्ष वन्यजीवों का प्राकृतिक घर जंगल क्षेत्र कम होते जा रहा है. जबकि वन्यजीवों की संख्या बढ़ती जा रही है. विकास के नाम पर जंगलों में बनाई जा रही सड़कों की वजह से भी उनके भ्रमण में बाधा पहुंच रही है. ऐसे में कई बार पानी या भोजन की तलाश में वन्यजीव सड़कों तक पहुंच जाते हैं. रात के वक्त तेज रफ्तार वाहनों के सामने आनेवाले वन्यजीव टक्कर से बच नहीं पाते हैं. मांडलगढ़ ऊपरमाल वन सुरक्षा महासंघ अध्यक्ष एसएन जोशी ने बताया कि करीब दो दशक में जन सहभागिता से वन क्षेत्र की भूमि में घना जंगल विकसित किया.जंगल मे पैंथर,भालू,हिरण, खरगोश,सहेली सहित अन्य कई प्रजाति के वन्यजीव जंगल मे विचरण करते है.

जोशी ने नेशनल हाइवे सड़क को घने जंगल के बीच निकाले जाने के दौरान सड़क पर अंडर पास ओर सड़क के दोनों ओर बेरिकेट जाली लगाने के लिए सम्बंधित अधिकारियों को कई बार लिखित में मांग की,सड़क निर्माण के दौरान काटे गए विशाल हरे व्रक्ष की पूर्ति की मांग भी उठाई.लेकिन किसी भी जिम्मेदार अफसर ओर शासन ने ध्यान नहीं दिया.जिससे इस सड़क पर आए दिन वन्यजीव सड़क हादसे का शिकार हो रहे है. 

उन्होंने बताया कि अक्सर सुबह और सांय जंगल मे वन्य जीव विचरण पर निकलते है.लेकिन वन विभाग का गश्ती दल भी इनकी सुरक्षा के लिए गम्भीर नहीं हैं.गौरतलब हैं कि वन क्षेत्र की सड़क पर कोई भी सूचना पट्ट नहीं लगे हैं, ओर अज्ञात वाहनों की टक्कर से पैंथर भालू की मौत के प्रकरण को वन विभाग के अधिकारी पुलिस थाने तक भी नहीं ले जाते हैं.जिससे हादसा करने वालों की शिनाख्त भी नहीं होती हैं.तथा वाहन चालकों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं.

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