भीलवाड़ा: स्वास्थ के प्रति रहे गंभीर, श्रीराम के आचरणों को करे आत्मसात- बाबा रामदेव
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भीलवाड़ा: स्वास्थ के प्रति रहे गंभीर, श्रीराम के आचरणों को करे आत्मसात- बाबा रामदेव

Bhilwara news: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में योग गुरू रामदेव तीन दिन के योग शिविर के लिए आए है.  न्होंने  प्रत्येक व्यक्ति को यह संकल्प लेने लिए कहा कि वह सप्ताह में 1 दिन उपवास रखें .

भीलवाड़ा: स्वास्थ के प्रति रहे गंभीर,  श्रीराम के आचरणों को करे आत्मसात- बाबा रामदेव

Bhilwara news: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में योग गुरू रामदेव तीन दिन के योग शिविर के लिए आए है. इस शिविर में स्वामी रामदेव ने लोगों को स्वास्थ के प्रति गंभीर रहने के लिए कहा . साथ ही उन्होंने  प्रत्येक व्यक्ति को यह संकल्प लेने लिए कहा कि वह सप्ताह में 1 दिन उपवास रखें क्योंकि इससे हाजमा बिल्कुल ठीक रहेगा.प्रत्येक व्यक्ति का सुबह का भोजन 9:00 बजे से पहले और शाम का भोजन 7:00 बजे से पहले हो जाना चाहिए.शाम का भोजन सूर्यास्त से पहले करना बेहतर है.दोनों समय के भोजन में 12 से 14 घंटे का अंतराल होना चाहिए.उन्होंने हजारों साधको को संकल्प दिलाया कि वह अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन को समय पर करें और हो सके तो जूस का सेवन ज्यादा करें।

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भीलवाड़ा में स्वामी रामदेव
स्वामी रामदेव अलसुबह आदित्य विहार हनुमान टेकरी के पीछे तेरापंथ नगर में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट, पतंजलि योग समिति, युवा भारत, महिला पतंजलि योग समिति, पतंजलि किसान सेवा समिति के संयोजन एवं भारत विकास परिषद, हार्टफुलनेस, जीतो, जनहित योग एवं स्वास्थ्य प्रचार समिति के आयोजन में त्रिदिवसीय योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर के तीसरे दिन हजारों लोगों को योग का अभ्यास कराते हुए संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि कलयुग में कर्म की प्रधानता है.हम कर्म को प्रधान मानकर ही कलयुग को सार्थक कर सकते हैं.धर्म का विग्रह जो दिख रहा है वह पूरा जीवन ज्ञानवान, बलवान योगीवान बनेंगे तो बदल जाएगा।

प्रभु श्रीराम जैसी रखे मर्यादा
 साधु संतों की तपस्या व मर्यादा से ही उनका जीवन दूसरों के लिए प्रेरणादायी व सार्थक होता है.मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भी अपनी मर्यादा की वजह से भगवान बने और आज सारे जग में उनका नाम और उनके आदर्शों को लोग अपने जीवन में आत्मसात कर रहे हैं.स्वामी रामदेव ने आगे कहा कि मंदिर का गेट और बाबा का पेट दूर से ही दिखना चाहिए.किसी भी व्यक्ति को योग का अनुभव अभ्यास से ही होगा.जब तक योग नहीं करोगे तब तक इसका महत्व व फायदा मालूम नहीं पड़ेगा.योग में सबसे ज्यादा उन्होंने प्राणायाम का महत्व बताया.उन्होंने कहा कि योगासन एवं प्राणायाम से हमें कई रोगों से मुक्ति मिलती है.योग एवं आयुर्वेद से हम हाई ब्लड प्रेशर शुगर मोटापा किडनी लीवर फेफड़े आदि के रोगों से निश्चित रूप से मुक्ति पा सकते हैं.शिविर में मेवाड़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भी बड़ी संख्या में पहुंचकर योग का अभ्यास किया.कार्यक्रम में जिले भर से दर्जनों बसों के माध्यम से भी सैकड़ो लोग पहुंचे।

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