सवाईमाधोपुर चाइल्ड लाइन की मेहनत रंग लाई, 10 साल बाद परिजनों को मिली गुमशुदा लड़की
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सवाईमाधोपुर चाइल्ड लाइन की मेहनत रंग लाई, 10 साल बाद परिजनों को मिली गुमशुदा लड़की

 प्रशासन एवं पुलिस की मदद से भी बालिका के परिजनों की जांच कराई गई. उसके बाद बाल कल्याण समिति एवं चाइल्डलाइन टीम संयुक्त रूप से होम विजिट करने के लिए बालिका के मूल आवास पर पहुंची. 

पिता और बेटी की भावुक मुलाकात से चाइल्डलाइन टीम भी भावुक हो गई

अरविंद सिंह/सवाईमाधोपुर: राजस्थान के सवाई माधोपुर चाइल्ड लाइन के बेहतरीन प्रयास से 10 साल पहले परिजनों से बिछड़ी बालिका अपने परिजनों को मिल गई. बाल कल्याण समिति के आदेश से उसके पिता एवं परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. बालिका से मिलने के बाद एक दूसरे से गले लग कर भावुक हो गए. परिजनों की आंखों में प्यार का सैलाब उमड़ पड़ा.

आपको बता दें, कि करीब 2 महीने पूर्व प्रतापगढ़ बाल कल्याण समिति एवं एक निजी संस्था द्वारा बालिका के पुनर्वास कराने बाबत एक पत्र सवाई माधोपुर चाइल्ड लाइन को प्राप्त हुआ. सवाईमाधोपुर बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक सुश्री श्रद्धा गौतम ने चाइल्डलाइन डायरेक्टर अरविंद चौहान से विशेष अपील करते हुए कहा कि यथा शीघ्र बालिका के परिवार की तलाश करें. 

उन्होने बताया कि बालिका लगभग 3 साल से प्रतापगढ़ बालिका गृह में आवासीत है. मिली जानकारी अनुसार मूलरूप से सवाई माधोपुर की रहने वाली है. पत्र मिलने के बाद ही सवाईमाधोपुर चाइल्डलाइन टीम एक्टिव हुई और 2 दिनों के भीतर ही बालिका के मूल परिजनों की तलाश पूरी कर कर सभी दस्तावेज जुटा लिए. उसके बाद मामले को सवाई माधोपुर बाल कल्याण समिति के समक्ष एक रिपोर्ट बनाकर प्रेषित किया गया. सवाई माधोपुर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राकेश सोनी सदस्य भारतीय पारीक एवं फतेह सिंह गुर्जर के साथ ही बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक सुश्री श्रद्धा गौतम ने रिपोर्ट को अग्रिम कार्रवाई हेतु प्रतापगढ़ बाल कल्याण समिति को प्रेषित की. रिपोर्ट मिलने के बाद पहचान करने के लिए बालिका के परिजनों को प्रतापगढ़ बुलाया गया. परंतु 10 साल बिछड़ी बालिका को ना तो परिजन पहचान पाए और ना ही बालिका परिजनों को पहचान पाए.

इसी बीच चाइल्ड लाइन की रिपोर्ट को आधार पर प्रतापगढ़ बाल कल्याण समिति ने बालिका को सवाई माधोपुर स्थानांतरित कर दिया. सवाई माधोपुर बाल कल्याण समिति के मौखिक आदेश पर बालिका को सवाई माधोपुर चाइल्डलाइन टीम ने अपने संरक्षण में लिया और दोबारा परिजनों की पुष्टि के लिए होम विजिट की. इस दौरान जिला कलेक्टर डॉ एस पी सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सुधीर चौधरी को मामले की जानकारी दी गयी. 

वहीं, प्रशासन एवं पुलिस की मदद से भी बालिका के परिजनों की जांच कराई गई. उसके बाद बाल कल्याण समिति एवं चाइल्डलाइन टीम संयुक्त रूप से होम विजिट करने के लिए बालिका के मूल आवास पर पहुंची. दस्तावेजों की जांच एवं पुष्टि होने जाने के बाद बाल कल्याण समिति के आदेश से बालिका को अस्थायी तौर पर उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया. 10 साल बाद बिछड़ी बालिका को पाकर परिजनों के आंसू से रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. पिता और बेटी की भावुक मुलाकात से चाइल्ड लाइन टीम भी भावुक हो गई और उनकी भी आंखों से आंसू टपक पड़े.

चाइल्ड लाइन केप्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद सिंह चौहान का कहना है कि इस तरह की सफलता से गर्व होता है कि हमने अथक प्रयास करके किसी की बेटी को सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द किया है. परिजनों से मिली जानकारी अनुसार बालिका की मॉ करीब 10 साल पूर्व तीन साल की उम्र में बालिका को लेकर घर छोड़कर चली गयी थी. करीब दो साल पहले बालिका और मां भी आपस में बिछड़ गयी थी. 

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