भरतपुर के राज परिवार की कुल देवी की अनसुनी कहानी, जानें क्या है इतिहास
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भरतपुर के राज परिवार की कुल देवी की अनसुनी कहानी, जानें क्या है इतिहास

Bharatpur News: मंदिर बहुत ही प्राचीन है इस मंदिर में स्थित मूर्तियों का इतिहास भी प्राचीन है. इस मंदिर को महारानी गिर्राज कौर बनवाया था. वर्ष 1923 ईस्वी में  इस मंदिर में  विराजमान देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. अष्टमी को महाराजा बृजेंद्र सिंह यहां सुबह नहाया करते थे.

भरतपुर के राज परिवार की कुल देवी की अनसुनी कहानी, जानें क्या है इतिहास

Bharatpur News: पूरे देश के साथ साथ चैत्र नवरात्र की त्योहार भरतपुर में भी मनाया दा रहा है. चैत्र नवरात्र में नजरा देखने लायक होता है चाहे घर हो या मंदिर सभी जगह एक अलग ही नजारा होता है. हम आपको आज ऐसे ही मंदिर के बारे में बताएंगे जो भरतपुर में स्थित है. यह मंदिर भरतपुर के राज परिवार के कुल देवी के रूप में पूजी जा रही हैं. जिले के बयाना उपखंड में स्थित श्री कैला देवी मंदिर झील के बाड़ा में है. श्री कैला देवी मंदिर में दो  मूर्तियां हैं. कैला माता और दूसरी लक्ष्मी माता की. वर्ष में दो बार चैत्र और शरदीय नवरात्रों में 15 दिवसीय लक्खी मेला भरता है, दर्शन के लिए यहां श्रद्धालु लाखों की तादाद में पहुंचते हैं.

यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है इस मंदिर में स्थित मूर्तियों का इतिहास भी प्राचीन है. इस मंदिर को महारानी गिर्राज कौर बनवाया था. वर्ष 1923 ईस्वी में  इस मंदिर में  विराजमान देवी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी. अष्टमी को महाराजा बृजेंद्र सिंह यहां सुबह नहाया करते थे. महाराजा बृजेंद्र सिंह यहां स्नान करने के बाद पीताम्बरी पहनकर पूजा अर्चना करते थे. शाम में आरती होने के बाद वापिस अपने महल आते थे. उसी दौरान मंदिर में भोपाओं की तरफ से नाच गान किया जाता था. राजपरिवार की ओर से नाच गान करने वाले को ईनाम दिया जाता था. अपने जन्मदिन अवसर पर  महाराजा बृजेंद्र सिंह ने 12 अप्रैल 1924 को रवि कुंड का निर्मान मंदिर के ठीक सामने करवाय था.

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यहां भक्त चढ़ाते हैं ये खास प्रसाद
हम आपको बता दें की श्री कैला देवी झील का बाड़ा मंदिर की देखभाल देवस्थान विभाग की ओर से की जाती है. इस समय यहां चैत्र नवरात्रि का मेला लगा हुआ है. इस मेले में देश प्रदेश के अलग अलग जगहों से श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यहां माता के लिए भक्त चना और हलवे का प्रसाद चढ़ाते हैं. मेले में पुलिस प्रशासन चाक चौबंद है. मेले में पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. 

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