Rajasthan: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सरकार में बढ़ा टकराव, नियमितीकरण की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार
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Rajasthan: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सरकार में बढ़ा टकराव, नियमितीकरण की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार

बाड़मेर : आशा सहयोगिनी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अब नियमितीकरण की मांग को लेकर हुंकार भरी है. जब तक सरकार नियमितीकरण नहीं करती है तब तक ₹50000 प्रति माह वेतन दें. सरकार ने समय रहते हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में हम लोग मत का बहिष्कार करेंगे.

Rajasthan: आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सरकार में बढ़ा टकराव, नियमितीकरण की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार

बाड़मेर, राजस्सथान : सरकार की स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की अहम कड़ी के रूप में भूमिका निभाने वाली आशा सहयोगिनी व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अब नियमितीकरण की मांग को लेकर हुंकार भरी है. रविवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित आदर्श स्टेडियम में बाड़मेर जिले की सैकड़ों की संख्या में आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी परिवार कर्मचारी संगठन के बैनर तले बैठक कर सरकार के नियमितीकरण,पेंशन व स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और जीएनएम भर्ती में आशा सहयोगिनी को वरीयता देकर एएनएम भर्ती में 50% व जीएनएम भर्ती में 30% भागीदारी देने के लिए सरकार से मांग की है.

आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह पिछले कई सालों से स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के लिए धरातल पर बहुत कम मानदेय पर कार्य कर रही है. आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समानांतर शैक्षणिक योग्यता रखने वाले लोगों को शिक्षा विभाग में नियमित कर दिया गया है. तो हमारी मांग है सरकार से कि समय रहते हमें भी नियमितीकरण करें और जब तक सरकार नियमितीकरण नहीं करती है तब तक ₹50000 प्रति माह वेतन दें.

जब रिटायरमेंट हो जाए तो हमें ग्रेजुएटी के तौर पर 25 लाख रुपए दिए जाए। अन्य विभागों की तर्ज पर आशा सहयोगिनी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी एक सरकारी कैलेंडर बनना चाहिए। आशा सहयोगिनी का कहना है कि पिछले 50 वर्षों से मानदेय के नाम पर हमारा शोषण किया जा रहा है. एक कुशल श्रमिक को भी ₹20000 मिलते हैं और हमें मात्र ₹8000 का मानदेय मिलता है. सरकार ने समय रहते हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव में हम लोग मत का बहिष्कार करेंगे.

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