Barmer News: शब-ए- बारात की रात को मुस्लिम अकीदतमंदों ने ईबादत कर अपने गुनाहों से तौबा किया और रात भर मोमीन भाईयों ने नफिल नमाज और कुरानपाक की तिलावत की. कब्रिस्तान जाकर उनकी रूह की मगफिरत की दुआएं की. देश में अमन चैन और खुशहाली के लिए दुआ मांगी.
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Barmer News: बाड़मेर गांधी चौक स्थित शाही जामा मस्जिद में शबे बरात का पर्व अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया. प्रोग्राम की शुरुआत तिलावत ए कलाम से हुई. जामा मस्जिद के पेश इमाम हाजी लाल मोहम्मद सिद्दीकी ने शानदार नात पेश कर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया. मौलाना मुनीर मदनी ने लोगों से कहा कि आज की रात में जो रब से मांगोगे वो रब अता फरमाएगा. मुख्य खतीब मौलाना उर्स साहब सिकंदरी ने युवाओं से पाप छोड़ने गुनाहों से तौबा करने और देश और दीन हित में बेहतर कार्य करने की बात कही.
इमाम ने नशा मुक्ति का संकल्प दिलाया
पेशे इमाम मौलाना लाल मोहम्मद सिद्दीकी ने मोमीन भाईयों को नशा मुक्ति का संकल्प दिलाते हुए कहा कि इस वक्त युवाओं को नशा मुक्त हो कर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए और अपने अखलाक को सुधारने की जरूरत है. शब-ए- बारात को रब की रहमत पहले आसमान पर आ कर मोमिनों की मदद करती है.
मोमीनों ने रोजा रख, गुनाहों से की तौबा
इस अवसर पर मोमीन घरों में दिन भर शीरनी फातिहा ख्वानी का दौर चला. पड़ोसियों, रिश्तेदारों, परिवार के सदस्यों और गरीबों में हलवा, जर्दा और मिठाइयां बनाकर तकसीम की गई. वहीं कई मोमीन भाई जो दुनियां से रुखसत हो गए हैं. उनके लिए कब्रिस्तान जाकर मजार के सम्मुख उनकी रूह की मगफिरत की दुआएं की गई. वही. कई मोमीन भाई बहिनों ने शब-ए-बारात पर रोजा रख खुदा की बारगाह में देर रात तक इबादत की. सही ही इस दौरान मस्जिदों की विशेष सजावट की गई. रात भर मोमीन भाईयों ने निफिल नमाज पर अपने गुनाहों की तौबा करते हुए मुल्क की खुशहाली, अमनो अमान, आपसी भाईचारा और सामाजिक सद्भाव की दुआएं की गई.
इस अवसर पर मौलाना शेर मोहम्मद सिद्दीकी, मौलाना मुख्तार अशफाकी, मौलाना लुकमान जियाई, मौलाना निजाम जियाइ, हाफिज नवाज़, हाजी अयूब तेली, इलियास भाई खिलजी, हाजी दीन मोहम्मद, शाह मोहम्मद सिपाही, सामाजिक कार्यकर्ता अबरार मोहम्मद, रफीक मोहम्मद कोटवाल, शाह मोहम्मद कोटवाल, मुख्तियार भाई नियारगर, इमरान खान गौरी, लियाकत अली सहित कई मोमीन भाईयों ने शिरकत करते हुए खुदा की बारगाह में अपने जाने अनजाने में हुए गुनाहों की माफी मांगते हुए इबादत की.