बांसवाड़ा संभाग में शामिल होंगे ये इलाके, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर में भी होंगे बड़े बदलाव
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बांसवाड़ा संभाग में शामिल होंगे ये इलाके, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर में भी होंगे बड़े बदलाव

Banswara News: बांसवाड़ा को संभागीय मुख्यालय बनाने की घोषणा के बाद जिले का परिदृश्य बदल जाएगा. इसके साथ ही प्रतापगढ़ और डूंगरपुर में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेगा. संभाग बनने से जिले में शिक्षा, चिकित्सा, सड़क और पर्यटन के क्षेत्र में बहुत विकास होगा.

 

बांसवाड़ा संभाग में शामिल होंगे ये इलाके, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर में भी होंगे बड़े बदलाव

Banswara News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) की ओर से बांसवाड़ा को संभागीय मुख्यालय बनाने की घोषणा के बाद जिले का परिदृश्य बदल जाएगा. प्रशासनिक, पुलिस सहित विभिन्न विभागों के संभागीय कार्यालय खुलने से धन व समय की बचत के साथ ही जिलेवासियों की उदयपुर ( Udaipur) तक की दौड़ कम होगी. वहीं संभागीय मुख्यालय होने से बांसवाड़ा की भी काया पलट हो जाएगी और कमिश्नरेट व्यवस्था भी देखने को मिल सकेगी. 

कागजों में दबा मिनी सचिवालय भी यहां कलक्ट्रेट परिसर साकार हो सकेगा. वर्तमान में शिक्षा नगर निकाय, जनजाति विकास, पुलिस, वन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों और कार्मिकों को आयुक्त कार्यालय उदयपुर तक आना-जाना पड़ रहा है. बांसवाड़ा के संभाग मुख्यालय बनने के साथ इसमें पड़ोसी जिले डूंगरपुर और प्रतापगढ़ भी सम्मिलित होंगे. वहीं संभाग स्तरीय कार्यालयों के खुलने से बांसवाड़ा सहित तीनों जिलों के विभिन्न कार्य भी यहीं पर सम्पादित होंगे. जिससे लोगों की उदयपुर तक की दौड़ बचेगी. साथ ही जिले के पर्यटन के क्षेत्र में भी खासा विकास होगा.

संभागीय आयुक्त कार्यालय 
प्रशासनिक दृष्टि से जिले में अब वरिष्ठ आईएएस के रूप में संभागीय कार्यालय होगा. जनजाति क्षेत्रीय विकास आयुक्त का कार्यालय भी यहां स्थानांतरित हो सकता है. राजस्वकार्य व इससे जुड़े लंबित प्रकरणों के निस्तारण सहित जनजाति विकास की गतिविधियों में तेजी आएगी.

महानिरीक्षक पुलिस  संभाग बनने से तीनों जिलों के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति हो सकेगी. बांसवाड़ा से डूंगरपुर व प्रतापगढ की निकटता होने से विभागीय कार्य संपादन सहित कानून व्यवस्था के लिए अतिरिक्त नफरी मिल सकेगी. परिवादियों की भी त्वरित सुनवाई होगी.

क्षेत्रीय उप निदेशक
जिले में स्वायत्त शासन विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक कार्यालय खुलने से तीनों जिला मुख्यालय की नगर परिषद सहित पुरानी और नई बनने वाली नगरपालिकाओं के कार्य निष्पादन यहीं हो सकेंगे. कार्मिकों के पद सृजित होने पर आमजन के काम समय पर होने से सुविधा मिलेगी.

शिक्षा मंडल के फायदे
बांसवाड़ा में शिक्षा विभागीय मंडल कार्यालय होने हजारों शिक्षकों को राहत मिलेगी. जिला स्तर पर संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी के होने से विभागीय कार्य समय पर हो सकेंगे. लंबित कार्यों के निदान के लिए उदयपुर तक दौड़ रुकेगी. वागड़ और कांठल के तीनों जिलों में करीब छह हजार से अधिक स्कूल और हजारों शिक्षक नियुक्त हैं.

अन्य विभाग 
जिले में अब क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, वन, संयुक्त निदेशक पशुपालन, कृषि, उद्यान सहित अन्य संभाग स्तरीय कार्यालय भी खुलने से लोगों को राहत व सुविधा मिल सकेगी.

नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने बताया की मुख्यमंत्री द्वारा बांसवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा से जिले में बहुत विकास होगा, जिले में हर वर्ग के लोगों को अब उदयपुर नहीं जाना पड़ेगा और अब संभाग यहां बनने से लोगों का समय भी बचेगा और हर काम अब यहीं हो जायेगा.

बांसवाड़ा को संभाग बनाने से लोगों में खुशी- बामनिया
जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ( Arjun singh Bamniya ) ने बताया की प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बांसवाड़ा को संभाग बनाने की घोषणा की है जिससे यहां के लोगों में खासी खुशी है. संभाग बनने से अब यहां पर संभागीय आयुक्त और आईजी बैठेंगे और कई अधिकारी यहां आयेंगे. संभाग बनने से जिले में शिक्षा,चिकित्सा,सड़क और पर्यटन के क्षेत्र में बहुत विकास होगा.

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