अजमेर न्यूज: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पत्नी के साथ पुष्कर पहुंचे. जहां उन्होंने ब्रह्मा मंदिर में दर्शन किए. सुबह 8 से 12 बजे तक आम श्रद्धालु के ब्रह्मा मंदिर में प्रवेश पर पाबंदी रही .
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Ajmer: उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ आज रविवार को अपनी एक दिवसीय नागौर(मेड़ता) यात्रा के पूर्व पुष्कर पहुंचे. ब्रह्मा मंदिर के निकट जाट विश्राम स्थली के पास बने हेलीपेड पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ उतरे. जहां पुष्कर विधायक सुरेश रावत, पालिका अध्यक्ष कमल पाठक और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका स्वागत किया . जिसके बाद उपराष्ट्रपति धनकड़ अपनी पत्नी सुदेश धनकड़ के साथ जगतपिता ब्रह्मा और जाट शिव मंदिर पहुंचे.
जहां उन्होंने दर्शन और पूजा की. इस दौरान ब्रह्मा मंदिर के मुख्य पुजारी कृष्ण गोपाल वशिष्ट ने उन्हें सन 1993 के दौरान महामहिम की पुष्कर यात्रा के दौरान की तस्वीर भेंट की .
सुरक्षा व्यवस्थाओं के तहत ब्रह्मा मंदिर छावनी में तब्दील
पुष्कर में एक घंटे की धार्मिक यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए . हेलीपैड, ब्रह्मा मंदिर, जाट शिव मंदिर सहित प्रस्तावित यात्रा मार्ग पर भारी संख्या में सशस्त्र व सादा वस्त्रधारी सुरक्षा कर्मी तैनात रहे. उक्त स्थानों पर केवल पासधारी व्यक्तियों को ही उपराष्ट्रपति से मिलने अथवा स्वागत की अनुमति दी गई. इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस सब इंस्पेक्टर से लेकर एएसपी स्तर तक के अधिकारी अधीनस्थ जवानों के साथ मौके पर तैनात रहे. पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाब्ता लगाया गया. इतना ही नहीं स्थानीय मीडिया को भी महामहिम की कवरेज की अनुमति नहीं दी गई.
तीर्थ पुरोहित संघ सहित पुश्तैनी पुरोहितों में रोष
उपराष्ट्रपति की रविवार को पुष्कर की धार्मिक यात्रा के दौरान ब्रह्मा मंदिर पूजन व दर्शन का कार्यक्रम प्रस्तावित था लेकिन सतयुगी तीर्थ पुष्कर सरोवर की पूजन का कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं किये जाने से उपराष्ट्रपति के पुश्तैनी पुरोहितों ने रोष व्यक्त किया है. इस संबंध में उनके पुष्कर पुरोहित पं. सुमित व हर्ष पाराशर ने एसडीओं के जरिये उपराष्ट्रपति को ऑनलाइन ज्ञापन भिजवाया है. ज्ञापन में बताया कि पुष्कर यात्रा के दौरान सर्वप्रथम पुष्कर सरोवर का पूजन के बाद ही ब्रह्माजी के दर्शन करने का महत्व है. इसी के बाद ही पुष्कर पूर्ण सफल मानी यात्रा जाती है.
इसका सभी वेदों व पुराणों में उल्लेख है. तीर्थ पुरोहितों ने भेजे ऑनलाइन ज्ञापन में उपराष्ट्रपति से रविवार को उनकी पुष्कर यात्रा दौरान तीर्थ गुरु पुष्कर की परम्परा को कायम रखते हुये पवित्र सरोवर की अर्चना करने की बात कही है. इसके अलावा पुष्कर के तीर्थ पुरोहितों की सबसे बड़ी संस्था तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट ने भी रविवार को उपराष्ट्रपति के सरोवर पूजन कार्यक्रम को प्रस्तावित नहीं किये जाने पर रोष प्रकट किया है. ट्रस्ट के अध्यक्ष लाडूराम शर्मा ने प्रेस नोट जारी कर सभी तीर्थ पुरोहितों की ओर से रोष व्याप्त किया है.
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