अजमेर: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस, एसओजी कार्रवाई पर देवनानी का बयान
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अजमेर: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस, एसओजी कार्रवाई पर देवनानी का बयान

अजमेर न्यूज: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस में एसओजी कार्रवाई पर विधायक वासुदेव देवनानी ने बयान दिया है.विधायक वासुदेव देवनानी ने अपने समर्थकों के साथ बाबूलाल कटारा के निवास स्थान पर पहुंचकर अपना विरोध जताया.

अजमेर: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस, एसओजी कार्रवाई पर देवनानी का बयान

Ajmer: वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसओजी ने अजमेर आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा उसके ड्राइवर गोपाल सिंह और भांजे विजय कटारा को गिरफ्तार कर लिया है. जयपुर एसओजी ने अजमेर सिविल लाइन मैं कलेक्टर के बंगले के सामने स्थित सरकारी आवास से तीनों को गिरफ्तार किया है. जिनके साथ कई दस्तावेज भी एसओजी की टीम लेकर गई है. इस टीम का नेतृत्व जयपुर एसओजी एसपी विकास सांगवान की ओर से किया गया. जिसके बाद प्रेस नोट जारी कर इसकी जानकारी दी गई.

मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने भी सरकार पर हमला बोलना शुरु कर दिया. विधायक वासुदेव देवनानी ने अपने समर्थकों के साथ बाबूलाल कटारा के निवास स्थान पर पहुंचकर अपना विरोध जताया और नारेबाजी की और बताया कि राजस्थान सरकार में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति भी पेपर लीक मामले में लिप्त है आरपीएससी के सदस्य बाबू लाल कटारा के साथ ही उसके भांजे और ड्राइवर को एसओजी ने पकड़ लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है लेकिन देवनानी ने कहा कि इस मामले में सीबीआई या फिर न्यायिक जांच कराई जाए.

वहीं आरपीएससी अध्यक्ष को नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने मांग की है कि बाबूलाल कटारा के रहते हुए जितनी भी परीक्षाएं आरपीएससी द्वारा आयोजित हुई हैं उन सभी की जांच की जानी चाहिए. जिससे कि दूध का दूध पानी का पानी हो सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा चलाई जा रही राजस्थान सरकार के इस कार्यकाल में अब तक 17 पेपर लीक हुए हैं लेकिन किसी में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. केवल छोटी मछलियों को ही पकड़ा जाता है और उन पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है.

सभी को जांच के बाद राहत मिलती रही है. जिसके कारण उनके हौंसले और बुलंद है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस पर उच्च स्तरीय जांच करवा कर कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केवल अपनी छवि चमकाने के में लगे हैं लेकिन प्रदेश के युवा बेरोजगार काफी परेशान हैं. हर मोर्चे पर सरकार विफल साबित हुई है. बेरोजगारी के साथ ही कानून व्यवस्था राजस्थान में बदहाल है. साढ़े 4 साल से देश के हाल खराब है और अंतिम 6 महीने में मुख्यमंत्री अपनी छवि चमकाने में लगे हैं लेकिन इससे राजस्थान के मतदाताओं पर कोई असर नहीं होगा.

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