Quad Summit 2022: PM मोदी का जापान दौरा क्यों है इतना खास? 5 पॉइंट में समझें पूरा गणित
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Quad Summit 2022: PM मोदी का जापान दौरा क्यों है इतना खास? 5 पॉइंट में समझें पूरा गणित

PM Narendra Modi Japan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 दिनों के जापान दौरे पर टोक्यो पहुंच गए हैं, जहां क्वाड देशों की बैठक (Quad Summit 2022) में शामिल होने के साथ ही क्वाड देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.

Quad Summit 2022: PM मोदी का जापान दौरा क्यों है इतना खास? 5 पॉइंट में समझें पूरा गणित

PM Narendra Modi in Quad Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिनों के जापान दौरे पर टोक्यो पहुंच गए हैं. पीएम मोदी इस दौरान क्वाड लीडर्स समिट में हिस्सा लेने के अलावा कई देशों के नेताओं से भी मिलेंगे. पीएम मोदी का ये जापान दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इस बैठक मे कोविड, जलवायु परिवर्तन, आपसी संबंधों को मजबूत बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा के साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात होगी. क्वाड सम्मेलन में पहली बार ऐसा होगा जब रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आमने-सामने होंगे.

40 घंटे में 23 मीटिंग में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी

जापान में होने वाले क्वाड देशों की बैठक (Quad Summit 2022) के लिए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) टोक्यो पहुंच चुके हैं. यहां पीएम मोदी क्वाड सम्मेलन में शामिल होने के साथ-साथ क्वाड देशों के नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. जापान यात्रा के दौरान पीएम मोदी 40 घंटे में 23 मीटिंग में हिस्सा लेंगे.

पीएम मोदी का जापान दौरा क्यों है इतना खास?

1. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जो बाइडेन से मुलाकात: पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपने जापान दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से मिलेंगे. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच ये पहला मौका होगा, जब पीएम मोदी और जो बाइडेन आमने सामने होंगे. भारत अब तक इस युद्ध में रूस के पक्ष में ही खड़ा दिखाई दिया है. UN हो या UNSC या फिर और कोई अंतर्राष्ट्रीय मंच, हर मंच पर अमेरिका ने भारत पर रूस के खिलाफ दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन हर बार भारत अपने इरादे पर अटल रहा.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने हाल ही में कहा था कि सभी देशों को यूक्रेन की स्थिति और तस्वीर को समझना होगा. ऐसे में एक बार फिर अमेरिका भारत को रूस के खिलाफ जाने का दबाव बनाने की कोशिश करेगा. अब इसे संयोग कहिए या फिर कुछ और, लेकिन क्वाड शिखर सम्मेलन उस दिन आयोजित हो रहा है जिस दिन रूस-यूक्रेन युद्ध को 3 महीने पूरे हो जाएंगे. अब देखना होगा कि इस सम्मेलन में इस युद्ध को लेकर क्या समझौता होता है.

2. चीन की चालबाजी का मुद्दा उठेगा: बैठक में सिर्फ रूस-यूक्रेन युद्ध ही नहीं, बल्कि क्वाड देशों के बीच चीन की चालबाजी का भी मुद्दा उठेगा. हालांकि इस मुद्दे पर सभी देश एकमत होंगे. बैठक के दौरान दक्षिण चीन सागर और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की हरकतों पर लगाम लगाने की योजनाओं पर भी चर्चा हो सकती है. बैठक के दौरान चारों देश चीन की आक्रामकता को रोकने की रणनीति पर भी विचार करेंगे.

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3. जापानी बिजनेस लीडर्स के साथ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जापान दौरे के दौरान जापानी बिजनेस लीडर्स के साथ राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस करेंगे. पीएम मोदी बिजनेस लीडर्स के साथ-साथ 35 बिजनेस सीईओ के साथ वन-टू-वन फॉर्मेट में बातचीत भी करेंगे.

4. भारत और जापान के बीच इन मुद्दों पर होगी चर्चा: पीएम नरेंद्र मोद (Narendra Modi) जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Fumio Kishida) के बुलावे पर टोक्यो पहुंचे हैं. टोक्यो दौरे पर भारत और जापान के बीच स्ट्रैटेजिक और ग्लोबल पार्टनरशिप पर बात होगी. समिट से पहले पीएम ने बताया कि इस बार सभी नेता इंडो-पैसिफिक में विकास और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर ही फोकस करेंगे.

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5. भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच होगी खास चर्चा: क्वाड लीडर्स समिट (Quad Leaders Summit) में पहली बार ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) शामिल होंगे. इस दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी. दौरे से पहले पीएम मोदी ने कहा था, 'मैं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ एक द्विपक्षीय बैठक का इंतजार कर रहा हूं, जिसके दौरान व्यापक रणनीतिक साझेदारी के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.'

क्या है क्वाड और क्या हैं इसके उद्देश्य?

क्वाड (QUAD) यानी क्वॉड्रिलैटरल सिक्योरिटी डॉयलॉग चार देशों का समूह है, जिसमें भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. क्वाड के गठन को लेकर साल 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आइडिया दिया था और फिर इसका गठन हुआ. हालांकि चीन के विरोध की वजह से ऑस्ट्रेलिया साल 2010 में क्वाड से अलग हो गया था, लेकिन बाद में वह फिर इससे जुड़ गया. साल 2017 में क्वाड गठबंधन को फिर से पुनर्जीवित किया गया और पहली आधिकारिक बातचीत फिलीपींस में हुई. क्वाड का मुख्य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक के समुद्री रास्तों पर किसी भी देश (खासकर चीन) के दबदबे को खत्म करना है.

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