Quad Summit 2022: बाइडन बनाना चाहते हैं भारत को सबसे करीबी पार्टनर, मोदी को दिया ये ऑफर
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Quad Summit 2022: बाइडन बनाना चाहते हैं भारत को सबसे करीबी पार्टनर, मोदी को दिया ये ऑफर

Quad Summit 2022: जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र पीएम मोदी से मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को इस दुनिया की सबसे निकटतम पार्टनर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 

फाइल फोटो

Quad Summit 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र पीएम मोदी ने भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को 'भरोसे की साझेदारी' बताया तथा अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अधिक समृद्ध, मुक्त और सुरक्षित विश्व के लिये साथ मिलकर काम करने का मंगलवार को संकल्प व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा एवं आर्थिक संपर्कों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की. बैठक के बाद प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में राष्ट्रपति बाइडन के साथ अपनी बैठक को सार्थक बताया. 

बैठक को लेकर क्या बोले पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने कहा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ सार्थक बैठक हुई. हमने कारोबार, निवेश, रक्षा, लोगों के बीच सम्पर्क सहित भारत-अमेरिका संबंधों के विविध आयामों पर आज व्यापक चर्चा की.' टोक्यो में दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिकी पहल (आईसीईटी) की शुरूआत की जो कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कम्प्यूटिंग, 5जी, 6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में परिणामोन्मुखी सहयोग को सुगम बनाने के लिये है. 

वैक्सीन कार्यक्रम रहेगा 2027 तक जारी 

मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका ने लॉन्गटर्म वैक्सीन कार्यक्रम (वीएपी) को वर्ष 2027 तक बढ़ाया जो संयुक्त जैव हेल्थ रिसर्च को जारी रखने के लिये है. इसका परिणाम टीके के विकास और संबंधित प्रौद्योगिकी के रूप में सामने आया है. क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर हुई इस बैठक में पीएम मोदी ने अमेरिकी उद्योगों को भारत में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत में निर्माण के लिये आमंत्रित किया. पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता के दौरान बाइडन से कहा, 'भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक गठजोड़ सही मायने में भरोसे की एक साझेदारी है तथा यह मित्रता वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिये अच्छाई की ताकत के रूप में जारी रहेगी.' उन्होंने कहा, 'रक्षा एवं अन्य मामलों में हमारे साझा हितों और हमारे साझा मूल्यों ने विश्वास के हमारे बंधन को मजबूत किया है.' 

रूस-यूक्रेन युद्ध की निंदा  

वहीं, व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के 'अनुचित युद्ध' की निंदा की. उन्होंने कहा कि नेताओं ने इस बात पर चर्चा की कि युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं, खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि की समस्या को दूर करने के लिये कैसे सहयोग किया जाए. इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं ने 'महत्वपूर्ण रक्षा गठजोड़' को गहरा बनाने, दोनों देशों के फायदे के लिये आर्थिक सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा वैश्विक स्वास्थ्य गठजोड़, महामारी को लेकर तैयारी और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी को विस्तार देने को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त की. 

अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030

बयान के अनुसार, दोनों नेता भारत के उचित ऊर्जा बदलाव की दिशा में उठाये गए कदमों को गति देने और नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल, उद्योगों को कार्बन मुक्त बनाने, वाहनों से शून्य उत्सर्जन एवं संबंधित निवेश जुटाने के लिये गठजोड़ मजबूत करने को लेकर आशान्वित दिखे. इस कदमों में 'अमेरिका-भारत जलवायु एवं स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030' शामिल है. व्हाइट हाउस ने कहा, ' राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के अनुचित युद्ध की निंदा की. नेताओं ने मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस बात पर चर्चा की कि यूक्रेन में युद्ध के कारण पैदा हुई बाधाओं को दूर करने के लिये और खास तौर पर ऊर्जा एवं खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि से अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में कैसे सहयोग किया जाए.' 

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के साथ 5 नए प्रोजेक्ट 

दोनों देश 'भारत-अमेरिका टीका कार्रवाई कार्यक्रम' का नवीनीकरण कर रहे हैं. इसकी स्थापना के बाद से ही कोविड-19, रोटा वायरस से निपटने में मददगार भारत के पहले स्वदेशी और कम लागत के टीकों की खोज, विकास एवं उत्पादन संबंधी सफलता की कई कहानियां सामने आई हैं. दोनों देशों ने 'संयुक्त सैन्य बल-बहरीन' में सहयोगी देश के रूप में भारत के शामिल होने की घोषणा की. व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, नेताओं ने महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी पर अमेरिका-भारत पहल (आईसीईटी) की शुरुआत का स्वागत किया. इसे दोनों देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों द्वारा संचालित किया जा रहा है ताकि महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी को लेकर गठजोड़ को विस्तार दिया जा सके. इसमें कहा गया है कि अमेरिका की 2022 में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, डेटा विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य एवं जलवायु जैसे क्षेत्रों में कम से कम 25 संयुक्त शोध परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए भारत के 6 नवोन्मेष केंद्र से जुड़ने की योजना है. 

पीएम मोदी ने जताया बाइडन पर विश्वास 

दोनों पक्षों ने अर्थिक सुरक्षा एवं मानवीय संकट को लेकर प्रतिक्रिया में नौवहन क्षेत्र की बुनियादी भूमिका को रेखांकित किया. पीएम मोदी ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि रक्षा एवं अन्य मामलों में दोनों देशों के साझा हित एवं साझे मूल्य हैं और यह सही मायने में भरोसे एवं मित्रता की एक साझेदारी है. पीएम मोदी ने कहा, 'हमारे लोगों के आपसी संबंध और दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक सहयोग हमारी साझेदारी को अद्वितीय बनाते हैं.' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार और निवेश में भी निरंतर विस्तार होता जा रहा है, यद्यपि यह अब भी क्षमता से बहुत कम है. पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि हमारे बीच भारत-अमेरिका निवेश प्रोत्साहन समझौते से निवेश की दिशा में ठोस प्रगति देखने को मिलेगी.' प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय सुदृढ़ कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, 'हम दोनों ही देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बारे में समान नजरिया रखते हैं और न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर, बल्कि अन्य समान विचार रखने वाले देशों के साथ अपने साझा मूल्यों और साझा हितों को सुरक्षित रखने के लिए काम कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'क्वाड और कल घोषित आईपीईएफ (समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक प्रारूप) इसके उदाहरण हैं. आज, हमारी चर्चा से इस सकारात्मक रफ्तार को और गति मिलेगी.' 

बाइडन बनाना चाहते हैं मोदी को करीबी 

वहीं, बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र पीएम मोदी से मंगलवार को कहा कि वह भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बाइडन ने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे. क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर बाइडन ने सोमवार को 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नए व्यापार समझौते की शुरुआत की थी, जिसका मकसद उनकी अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि 'भारत-अमेरिका समग्र वैश्विक रणनीतिक गठजोड़' को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी और बाइडन ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने कारोबार, निवेश, रक्षा, लोगों के बीच सम्पर्क सहित भारत -अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने के रास्तों पर चर्चा की. 

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आईटी क्षेत्र में भी होंगे नए काम 

आईसीईटी कार्यक्रम के बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसका सह संचालन भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद करेगा. मंत्रालय ने कहा कि आईसीईटी सरकार, अकादमिक क्षेत्र और उद्योगों के बीच दोनों देशों में कृत्रिम बुद्धिमता, क्वांटम कम्प्यूटिंग, 5जी, 6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्र करीबी सम्पर्क स्थापित करेगा. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने अमेरिकी उद्योगों से भारत में मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत में निर्माण के लिये गठजोड़ करने के वास्ते आमंत्रित किया जो दोनों देशों के साझे हित में हो सकता है. इसने कहा कि प्रधानमंत्री ने समृद्धि के लिये हिन्द प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) का स्वागत किया. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, क्वाड शिखर सम्मेलन में एक सत्र के दौरान बाइडन ने कोविड महामारी का लोकतांत्रिक ढंग से मुकाबला करने के लिये पीएम मोदी की सराहना की और महामारी से निपटने में चीन की तुलना में भारत की सफलता का जिक्र किया. 

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